Revision of pension of Pre-01.01.2006 retiree Havildar granted Hony Rank of Naib Subedar – Clarification regarding applicability to Family Pensioners of retiree Havildars
No. 1(13)/2016/D(Pen/Pol)
Government of India
Ministry of Defence
Department of Ex-servicemen Welfare .
Sena Bhawan, New Delhi,
Dated, the22Aug, 2024
To
The Chief of the Army Staff
Subject:- Revision of pension of Pre-01.01.2006 retiree Havildar granted Hony Rank of Naib Subedar.
Sir, .
I am directed to refer this Ministry’s letter No. 1(13)/2016/D(Pen/Policy) dated 21.02.2020 according to which the provision of Gol, MoD letter No. 1(8)/2008-D(Pen/Policy) dated 12.06.2009 has been extended w.e.f 01.01.2006 to Pre-2006 retiree Havildars who were granted Hony Naib Subedars. :
2. In this regard it is clarified that the provision of MoD letter dated 21.02.2020 will also apply to Family Pensioners of retiree Havildars who were granted Hony rank of Naib Subedar.
3. All others term and conditions remain unchanged.
4. This issues with the concurrence of MoD(Fin/Pen) ID No.10(06)/2012//Fin/Pen dated 15.07.2024.
Sd/-
(H.C. Arya)
Under Secretary to the Govt. of India
Copy to:
As per standard list
CGDA,New Delhi
MoD(Fin/Pen)
COMMENTS
2006 से पहले वालों सिविल सेवा पेंशनर को भी सरकार द्वारा 2006 के बाद वालों के अनुसार पेंशन देना सुनिश्चित करना चाहिए, क्योंकि अर्धसैनिक बल का भी पुरी कानून जो बनाया गया है ओ सब सैनिक बलों के अनुसार ही बना है, कोर्ट मार्शल, कोर्ट आफ इन्क्वायरी, बगावत नहीं करना, बल में नेता का चुनाव नहीं करना, सरकार द्वारा दुनिया के किसी भी जगह भेजें जाने पर जाना चाहें वो देश हो या विदेश, कड़ी प्रशिक्षण, देश के दुश्मनों से मुकाबला, तिरंगा कि आन बान और शान हमेशा बचाना है, देश के लिए मर मिट जाना है इत्यादि बहुंत कड़े नियम का पालन अर्धसैनिक बलों द्वारा किया जाता है, इसमें भी सेना के तौर पर वैसे अधिकारी भर्ती लिया जाना चाहिए जो कि जिस अर्धसैनिक बल में भर्ती हुआ तो उसी बल से कैडर कोर्स कर उच्च पद तक पहुंचे, मतलब कि आपीएस को अर्धसैनिक बल में लाना ओ भी उच्च पदों पर ये बिल्कुल सही नहीं है, क्योंकि इनकी संज्ञान इतनी नहीं होती कि जितनी संज्ञान एक अर्धसैनिक बल में सिधे भर्ती हुए अधिकारी को होती, क्योंकि ये पुरी जीवन देश के अन्दर पुलिस में रहकर समय ब्यकतित किये होते हैं, इनकों अनुभव अर्धसैनिक बलों को देखरेख करने का नही होता, इसका भी बहुंत सारे कारण है, इन्हें मात्र देश के अन्दर पुलिस के लिए ही रखना चाहिए।
ऐसे भी सीमा सुरक्षा बल जब बनी थी उस वक्त कामचलाऊ अधिकारी के रूप में इन्हे रखा गया था कुछ वक्त के लिए, कि सीमा सुरक्षा बल में अधिकारी भर्ती किये जाएंगे मात्र सीमा सुरक्षा बल में ही रहने और बल को संभालने के लिए, लेकिन पाकिस्तान से लड़ाई के बाद सीमा सुरक्षा बल के कानून के अनुसार अधिकारी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने पर आज तक कोई नेता ध्यान आकर्षित नहीं किये, जिसके कारण खासकर सीमा सुरक्षा बल की स्थिति अच्छी नहीं है।
वैसे भी माननीय उच्च न्यायालय 2006 से पहले सेवा मुक्त हुए पेंशनरों को 2006 के बाद वालों के पेंशनर जो सेना को देय हो रहा है के मुताबिक पेंशन निर्धारित कर देने का आदेश दिये हैं, जिसे सरकार अभी तक लागू नहीं की है, सरकार को लागू कर देना चाहिए, देखें आगे सरकार कबतक लागू करती है, न्यायालय का फैसला को नजरंदाज करना भी अच्छा नहीं होता क्योंकि एक न्यायालय ही तो है जिसके आशय में जनता उचित कार्यवाही के लिए आस लगाकर रहती है।
माननीय उच्च न्यायालय दिल्ली का फैसला दिनांक ,,/03/204 जिसमें सिविल सेवा अर्ध सैनिक बलों वालों जो 2006 से पहले सेवानिवृत्त हुए हैं और जो कम सेवाकाल में ही घायल आशक्त के कारण मेडिकल बोर्ड द्वारा सेवानिवृत्त कर दिये गये थे को क्या सरकार कब से 2006 वालों पेंसनर के अनुसार पेंशन देगी, क्या इसपर सरकार कि रवैया वर्तमान में क्या है? कृपया विषेश जानकारी देने का कष्ट करें।