Cashless treatment for CGHS patients सीजीएचएस रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार

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Cashless treatment for CGHS patients सीजीएचएस रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार

Cashless treatment for CGHS patients सीजीएचएस रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार: Lok Sabha Q&A dated 02.08.2024

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE DEPARTMENT OF HEALTH AND FAMILY WELFARE

LOK SABHA

UNSTARRED QUESTION NO. 1930
TO BE ANSWERED ON 2ND AUGUST, 2024

CASHLESS TREATMENT FOR CGHS PATIENTS

1930. SHRI S VENKATESAN:

Will the Minister of HEALTH AND FAMILY WELFARE be pleased to state:

(a) whether the Government is aware of the issues/difficulties being faced by Central Government Pensioners in getting Cashless treatment under CGHS;

(b) whether it is true that Empanelled Private Hospitals are reluctant to give treatment on Cashless basis for CGHS patients forcing them to remit the Charges and get it reimbursed later through CGHS and if so, the details thereof alongwith the reasons therefor; and

(c) the steps/measures taken/proposed to be taken by the Government to ensure Cashless treatment for employees/pensioners under CGHS and the details of action taken against errant hospitals in the matter?

ANSWER

THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE

(SMT. ANUPRIYA PATEL)

(a) to (c) As per MoU signed between CGHS and empanelled Health Care Organizations (HCOs), all Central Government pensioners and other eligible beneficiaries along with their dependents having a CGHS Card can avail cashless health services through NHA’s IT platforms at CGHS empanelled hospitals and diagnostic centres. Central Government Pensioners facing difficulties in getting cashless treatment have been provided facility to submit their grievances through various means like email to authorities, PG portal, Local Advisory Committees/ Zonal Advisory Committee meetings with Additional Directors of CGHS cities.

Several steps have been taken to ensure Cashless treatment for employees/pensioners under CGHS, which are:

  1. The steps taken by the department are primarily focused on the timely payment of Empanelled Hospitals. In the month of September 2023, the Department had decided to make all CMO Incharges as Sanctioning Authorities (Three Hundred Forty-Six in total). This decision has enabled the department to reduce the pendency of payments from 5-6 months to the current payment times of 20-25 days.
  2. A committee was constituted with the task for the revision of CGHS package rates. The committee has submitted the report.
  3. Upon receiving any complaint, CGHS officials expeditiously resolve the issue by intervening in the matter through nodal officers appointed at every CGHS empanelled HCOs.
  4. The show cause notices are issued and penalties are imposed on errant HCOs, as per the provision of MoA like forfeiting 15% of PBG, recovery of overcharged amount from pending bills etc.
  5. HCOs are directed to attend regularly held Zonal Advisory Committee (ZAC) meetings to discuss and resolve the outstanding issues.
  6. Instructions are issued to HCOs for strict compliance with CGHS guidelines/rules issued by Ministry/ Department from time to time.

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भारत सरकार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या: 1930
02 अगस्त, 2024 को पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर

सीजीएचएस रोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार

1930. श्री सु. वेंकटेशन:
क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्‍या सरकार को केन्द्रीय सरकार के पेंशनभोगियों को उपचार के अंतर्गत नकदी-रहित उपचार प्राप्त करने में आ रही समस्याओं/कठिनाइयों की जानकारी है;

(ख) कया यह सच है कि पैनलबद्ध निजी अस्पताल सीजीएचएस रोगियों को नकदी-रहित आधार पर उपचार देने में अनिच्छुक हैं, जिससे उन्हें शुल्क का भुगतान करने तथा बाद में सीजीएचएस के माध्यम से इसकी प्रतिपूर्ति प्राप्त करने के लिए बाध्य होना पड़ता है, यदि हां, तो इसके कारणों सहित तत्संबंधी ब्यौरा क्‍या है;

और

(ग) सीजीएचएस के अंतर्गत कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा क्या कदम उठाए गए हैं/उपाय किए जाने का प्रस्ताव है तथा इस मामले में दोषी अस्पतालों के विरुद्ध की गई कार्रवाई का ब्यौरा क्‍या है?

उत्तर

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्रीमती अनुप्रिया पटेल)

(क) से (ग): सीजीएचएस और पैनलबद्ध स्वास्थ्य परिचर्या संगठनों (एचसीओ) के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन के अनुसार, केन्द्र सरकार के सभी पेंशनभोगी और अन्य पात्र लाभार्थी तथा उनके आश्रितों के पास सीजीएचएस कार्ड है और वे सीजीएचएस पैनलबद्ध अस्पतालों और नैदानिक केन्द्रों में एनएचए के आईटी प्लेटफार्मों के माध्यम से नकदी-रहित स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। नकदी-रहित उपचार प्राप्त करने में कठिनाइयों का सामना कर रहे केन्द्र सरकार के पेंशनभोगियों को अधिकारियों को ई-मेल, पीजी पोर्टल, स्थानीय सलाहकार समितियों/सीजीएचएस शहरों के अपर निदेशकों के साथ क्षेत्रीय सलाहकार समिति की बैठकों जैसे विभिन्न माध्यमों से अपनी शिकायतें प्रस्तुत करने की सुविधा प्रदान की गई है।

सीजीएचएस के अंतर्गत कर्मचारियों/पेंशनभोगियों के लिए नकदी-रहित उपचार सुनिश्चित करने के लिए अनेक कदम उठाए गए हैं, जो इस प्रकार हैं

  1. विभाग द्वारा उठाए गए कदम मुख्य रूप से पैनलबद्ध अस्पतालों द्वारा समय पर होने वाले भुगतान पर केंद्रित हैं। सितंबर, 2023 के महीने में विभाग ने सभी प्रभारी सीएमओ को सक्षम प्राधिकारी (कुल तीन सौ छियालीस) बनाने का निर्णय लिया था। इस निर्णय ने विभाग को लंबित भुगतानों को 5-6 महीने से घटाकर वर्तमान भुगतान समय को 20-25 दिनों तक कम करने में सक्षम बनाया है।
  2. सीजीएचएस पैकेज दरों के संशोधन के लिए एक समिति का गठन किया गया था। समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है।
  3. कोई शिकायत प्राप्त होने पर, सीजीएचएस अधिकारी प्रत्येक सीजीएचएस पैनलबद्ध एचसीओ में नियुक्त नोडल अधिकारियों के माध्यम से मामले में हस्तक्षेप करके मामले को शीघ्रता से निपटाते हैं।
  4. पीबीजी की 15% राशि जब्त करने, लंबित बिलों से अधिक भुगतान ली गयी राशि की वसूली आदि जैसे एमओए के प्रावधानों के अनुसार कारण बताओ नोटिस जारी किए जाते हैं और चूककर्ता एचसीओ पर जुर्माना लगाया जाता है।
  5. एचसीओ को बकाया मुद्दों पर चर्चा करने और उनके निपटान के लिए नियमित रूप से आयोजित क्षेत्रीय सलाहकार समिति (जेडएसी) की बैठकों में भाग लेने का निर्देश दिया जाता है।
  6. मंत्रालय/विभाग द्वारा समय-समय पर जारी सीजीएचएस दिशानिर्देशों। नियमों का कड़ाई से अनुपालन करने के लिए एचसीओ को निर्देश जारी किए जाते हैं।

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