सिविल लेखा मैनुअल संशोधित चौथा संस्करणCivil Accounts Manual Revised Fourth Edition 2024 -Hindi Version Download Book in PDF
सिविल लेखा मैनुअल
संशोधित चौथा संस्करण
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
महालेखा नियंत्रक का कार्यालय
फ़रवरी, 2024
आमुख
सिविल लेखा मैनुअल (सी. ए. एम.) में केंद्रीय सरकार के सिविल्र मंत्रालयों/विभागों के वेतन और लेखा कार्यालयों और चैक आहरणकरता डी.डी.ओ. द्वारा प्राप्तियों, भुगतानों और लेखांकन के संबंध में अनुदेश और विस्तृत कार्यविधि निहित है | इस मैनुअल में वाषिक लेखे और अंतर विभागीय, अंतर सरकारी समायोजनों और अनुषंगी मामलों को तैयार करने की कार्यविधियां भी शामिल हैं जिन्हें वेतन और लेखा अधिकारियों को अपनाना अपेक्षित है । सी.ए.एम. का पहला संस्करण 1981 में जारी किया गया था जिसके बाद दूसरा और तीसरा संस्करण क्रमश: 2002 और 2007 में जारी किए गए थे | सी. ए. एम. में वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग (विशेष प्रकोष्ठ) द्वारा जारी “विभागीकृत लेखांकन प्रणाली के अंतर्गत लेखांकन अनुदेशों की पुस्तिका” (दूसरा संस्करण) में निहित प्रावधानों को शामिल्र किया गया है।
2. अब वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग का महालेखा नियंत्रक का कार्यालय सी. ए. एम. का चौथा संस्करण ला रहा है । वर्ष 2007 में प्रकाशित किए गए तीसरे संस्करण के 17 साल के अंतराल के बाद संशोधित सी. ए. एम. 2024 लाया जा रहा है। कई वर्षों से वेब आधारित प्रणाली अर्थात सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पी. एफ़. एम. एस.) प्रयोग करते हुए सरकारी प्राप्तियों के संग्रहण, भुगतानों और लेखांकन में सूचना प्रौद्योगिकी के बढते हुए प्रयोग के साथ विशेष रूप से डिजिटाइजेशन द्वारा कई पथ प्रदर्शक सुधार शुरू किए गए हैं। सी. ए. एम. संशोधन का मुख्य जोर क्रमबद्ध संशोधनों को शामिल करने और पी. एफ़. एम. एस. को प्रयोग करते हुए भुगतान और लेखांकन में आईटी आधारित प्रक्रमों पर है जिन्हें सी. जी. ए. के अंतर्गत कार्य कर रहे सभी मंत्रात्रयों/विभागों में शुरु किया गया है ।
3. इस मैनुअल में राजस्व लेखांकन: गैर कर राजस्व प्राप्तियां और बजट इसका निर्माण और इसका क्रियान्वयन [वित्तीय सलाहकारों के चार्टर (2023) में निर्धारित किए गए प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रक/मुख्य लेखा नियंत्रक/लेखा नियंत्रक के नए अतिरिक्त कार्यों और दायित्वों की तर्ज पर] से संबंधित दो नए अध्यायों सहित 19 अध्याय हैं । संशोधित सी. ए. एम. में जिन महत्वपूर्ण बातों को शामिल किया गया है उनमें ई बिल माइयूल के माध्यम से बिलों के प्रसंस्करण के लिए अनुदेश, तुलनात्मक रूप से अपेक्षाकृत छोटी राशियों के लिए बिल्रों की दो स्तरीय पूर्व जांच, गारंटी रजिस्टर के रखरखाव के लिए प्रधान लेखांकन कर्याल्यों की भूमिका, सीबीआईसी में अप्रत्यक्ष कर में लेखांकनम और समाधान प्रक्रिया (ए.आर.पी.आई.टी.) और सी.बी.डी.टी. में टीआईएन (2.0) का प्रत्यक्ष कर लेखांकन प्रणाली (पी.आर.ए.के.एएल.पी.) के साथ समेकन व्यवस्था, एन.टी.आर.पी. के माध्यम से ई प्राप्तियों के लेखांकन और समाधान की कार्यविधि, केंद्रीय सरकार में प्रतिनियुक्ति के दौरान अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को भविष्य निधि खाते से अंतिम निकासी, आंतरिक लेखा परीक्षा अनुपालनों संबंधी किसी आंतरिक लेखा परीक्षा समिति का गठन, वित्त मंत्रालय द्वारा आईजीएएस 1 से आईजीए एस 4 तक लेखांकन मानकों की अधिसूचना, भविष्य पोर्टल दवारा पेंशन के मामलों का प्रसंस्करण आदि शामिल है । आसान संदर्भ के लिए पूर्ववर्ती सी. ए. एम. की तुलना में किए गए परिवर्तनों को उजागर करने के लिए एक समन्वय तालिका अंतः:स्थापित की गई है।
4. इस मैनुअल में अध्यायों को इस तरह संगठित किया गया है ताकि प्राप्तियों, भुगतानों और लेखांकन चक्रों में शामिल विभिन्न प्रक्रमों और कार्यकलापों को दर्शाया जा सके। सी. ए.एम. में निहित प्रपत्रों की समीक्षा कर उन्हें युक्तिसंगत किया गया है ताकि उन्हें संगत पी. एफ़. एम. एस. रिपोर्टो के अनुकूल किया जा सके। तथापि, पूर्ववर्ती रिकार्डों के साथ निरंतरता और संपर्क कायम रखने के लिए सी. ए. एम. प्रपत्रों की संखया को अपरिवर्तित रखा गया है। सी. ए. एम. के पिछले संस्करण के बाद से प्राप्तियां और भुगतान नियम, 2022 और सामान्य वित्तीय नियम, 2017 में किए गए परिवर्तनों और संशोधनों को इस सी. ए. एम. को अद्यतन बनाने के लिए इसमें शामिल किया गया है।
5. सिविल मंत्रालयों/विभागों में तैनात भारतीय सिविल लेखा सेवा के कर्मियों की अध्यक्षता में विभागीयकृत लेखांकन संगठनों ने भारत में सार्वजनिक वित्त प्रबंधन में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है । यह मैनुअल देश के अन्य लेखांकन कार्यात्रयों को एक मार्गदर्शक की भूमिका में सेवा प्रदान करने के साथ साथ केंद्रीय सिविल लेखा कार्यालयों में प्राप्तियों, भुगतानों और लेखांकन कार्यों में लगे अधिकारियों के लिए प्राधिकार पूर्ण संदर्भ के रूप में कार्य करता है । यह आशा की जाती है कि यह मैनुअल स्पष्ट रूप से कर्तव्यों और दायित्वों को सौंपने और नियमित समीक्षा करने के प्रावधान और वेतन और लेखा अधिकारियों द्वारा लेखांकन संगठन के प्रमुख को रिपोर्ट करने के प्रावधानों के साथ संव्धित शासन व्यवस्था और संवर्धित सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन में योगदान देगा ।
6. मैं सेवानिवृतत आईसीए एस अधिकारी श्री एन. एम. झा की अध्यक्षता में इस कार्यालय द्वारा गठित की गई समिति और इस समिति के सदस्यों द्वारा इस मैनुअल को तैयार करने में किए गए उत्कृष्ट कार्य का उल्लेख करना चाहता हूं | मैं डा. शंकारी मुरली, अपर महालेखा नियंत्रक और उनके साथियों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करता हूं । मैं मंत्रालयों/विभागों के उन प्रधान मुख्य लेखा नियंत्रकों/मुख्य लेखा नियंत्रकों/लेखा नियंत्रकों (प्रभारी) को भी धन्यवाद देना चाहूंगा जिन्हौने सिवित्र लेखा मैनुअल के प्रारूप की समीक्षा करके बहुमूल्य सुझाव दिए। इसमें और अधिक सुधार करने के लिए दिए जाने वाले सुझावों का स्वागत है।
24 जनवरी, 2024
नई दिल्ली
(श्याम एस. दुबे)
महालेखा नियंत्रक
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