Smt. Sheela- Grant of Additional Pension after 2 years – A Success Story from CPENGRAMS portal in 21 days
SUCCESS STORIES: FEEDBACK CALL CENTRE & PORTAL
Smt. Sheela- Grant of Additional Pension after 2 years
Introduction:
In the vast landscape of government services, the Feedback Call Centre & Portal has emerged as a beacon of hope for citizens seeking resolution to their grievances. This success story sheds light on the transformative impact of the system, narrating the journey of Smt. Sheela, a 90-year-old family pensioner who, after two years of persistent efforts, finally achieved success through the portal.
The Struggle:
Smt. Sheela’s story is not uncommon; she found herself bed-ridden for the past three years, grappling with health issues that depleted her savings. In February 2021, she embarked on a mission to secure her additional pension, a crucial lifeline for her well-being. However, despite her best efforts, success eluded her. The saga of her challenges was eloquently expressed in her grievance application, outlining the urgency of her situation.
Turning to the CPENGRAMS Portal:
Undeterred by the initial setbacks, Smt. Sheela decided to leverage the CPENGRAMS portal to amplify her voice. The portal serves as a powerful tool for citizens to voice their concerns and seek redressal efficiently. Smt. Sheela’s complaint found its way to the portal, marking the beginning of a pivotal chapter in her pursuit of justice.
Swift Resolution:
One of the remarkable aspects of Smt. Sheela’s success story is the prompt response from the Feedback Call Centre & Portal. Within a mere 21 days, her case was not only acknowledged but also resolved. The turnaround time showcases the efficiency of the system in addressing the grievances of citizens.
Telephonic Triumph:
The real triumph, however, came through a telephonic conversation with Smt. Sheela. The update conveyed during the call was nothing short of life-altering – her Pension Payment Order (PPO) had been revised, and arrears amounting to Rs. 10,00,000/- (approximately) were credited into her bank account. This financial infusion not only provided immediate relief but also secured her financial well-being for the future.
Conclusion:
Smt. Sheela’s success story is a testament to the transformative power of technology in governance. The Feedback Call Centre & Portal, by providing an efficient platform for citizens to voice their concerns, has become an instrumental force in resolving issues that significantly impact lives. This success not only highlights the tangible benefits of the system but also emphasizes the importance of empathy and responsiveness in public service.
As more citizens discover the potential of such platforms, the landscape of public service is evolving towards a more accessible, responsive, and citizen-centric model. Smt. Sheela’s journey from desperation to triumph serves as an inspiration and underscores the profound impact that effective governance can have on individual lives.
श्रीमती शीला- 2 वर्ष बाद अतिरिक्त पेंशन का अनुदान
परिचय:
सरकारी सेवाओं के विशाल परिदृश्य में, फीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल अपनी शिकायतों का समाधान चाहने वाले नागरिकों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। यह सफलता की कहानी श्रीमती की यात्रा का वर्णन करते हुए प्रणाली के परिवर्तनकारी प्रभाव पर प्रकाश डालती है। 90 वर्षीय पारिवारिक पेंशनभोगी शीला, जिन्होंने दो साल के लगातार प्रयासों के बाद आखिरकार पोर्टल के माध्यम से सफलता हासिल की।
संघर्ष:
श्रीमती शीला की कहानी असामान्य नहीं है; स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से जूझते हुए, वह पिछले तीन वर्षों से बिस्तर पर पड़ी हुई थी, जिससे उसकी बचत समाप्त हो गई। फरवरी 2021 में, उसने अपनी अतिरिक्त पेंशन, जो उसकी भलाई के लिए एक महत्वपूर्ण जीवन रेखा है, को सुरक्षित करने के मिशन पर शुरुआत की। हालाँकि, उनके सर्वोत्तम प्रयासों के बावजूद, सफलता उनसे दूर रही। उसकी चुनौतियों की गाथा उसके शिकायत आवेदन में स्पष्ट रूप से व्यक्त की गई थी, जो उसकी स्थिति की तात्कालिकता को रेखांकित करती थी।
CPENGRAMS पोर्टल की ओर रुख करना:
शुरुआती असफलताओं से अविचलित, श्रीमती। शीला ने अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए CPENGRAMS पोर्टल का लाभ उठाने का फैसला किया। यह पोर्टल नागरिकों के लिए अपनी चिंताओं को व्यक्त करने और कुशलतापूर्वक निवारण पाने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में कार्य करता है। श्रीमती शीला की शिकायत पोर्टल तक पहुंच गई, जिससे न्याय की खोज में एक महत्वपूर्ण अध्याय की शुरुआत हुई।
तीव्र समाधान:
श्रीमती के उल्लेखनीय पहलुओं में से एक। शीला की सफलता की कहानी फीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल की त्वरित प्रतिक्रिया है। मात्र 21 दिनों के भीतर, उसके मामले को न केवल स्वीकार किया गया बल्कि उसका समाधान भी किया गया। बदलाव का समय नागरिकों की शिकायतों को दूर करने में प्रणाली की दक्षता को दर्शाता है।
टेलीफोनिक विजय:
हालाँकि, असली जीत श्रीमती के साथ टेलीफोन पर बातचीत के माध्यम से हुई। शीला. कॉल के दौरान बताया गया अपडेट जीवन बदलने से कम नहीं था – उसके पेंशन भुगतान आदेश (पीपीओ) को संशोधित किया गया था, और बकाया राशि रु। उसके बैंक खाते में 10,00,000/- (लगभग) जमा किये गये। इस वित्तीय सहायता ने न केवल तत्काल राहत प्रदान की बल्कि भविष्य के लिए उसकी वित्तीय भलाई भी सुरक्षित कर दी।
निष्कर्ष:
श्रीमती शीला की सफलता की कहानी शासन में प्रौद्योगिकी की परिवर्तनकारी शक्ति का प्रमाण है। फीडबैक कॉल सेंटर और पोर्टल, नागरिकों को अपनी चिंताओं को व्यक्त करने के लिए एक कुशल मंच प्रदान करके, उन मुद्दों को हल करने में एक महत्वपूर्ण शक्ति बन गया है जो जीवन को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं। यह सफलता न केवल सिस्टम के वास्तविक लाभों को उजागर करती है बल्कि सार्वजनिक सेवा में सहानुभूति और जवाबदेही के महत्व पर भी जोर देती है।
जैसे-जैसे अधिक नागरिक ऐसे प्लेटफार्मों की क्षमता की खोज कर रहे हैं, सार्वजनिक सेवा का परिदृश्य अधिक सुलभ, उत्तरदायी और नागरिक-केंद्रित मॉडल की ओर विकसित हो रहा है। श्रीमती शीला की हताशा से विजय तक की यात्रा एक प्रेरणा के रूप में कार्य करती है और उस गहरे प्रभाव को रेखांकित करती है जो प्रभावी शासन व्यक्तिगत जीवन पर डाल सकता है।
Source: DoPPW
COMMENTS