Service Conditions for Employees of J&K post repeal of Article 370 अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद जम्मू – कश्मीर के कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तें: Parliamentary Query
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HOME AFFAIRS
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 1969
TO BE ANSWERED ON THE 20TH DECEMBER, 2023/ AGRAHAYANA 29, 1945 (SAKA)
SERVICE CONDITIONS FOR EMPLOYEES OF J&K
1969 SHRI VIVEK K. TANKHA:
Will the Minister of HOME AFFAIRS be pleased to state:
(a) whether Central Government rules related to service conditions, as applicable to Central Government employees including CGHS, LTC, 7thCPC TA-DA rules etc, are applicable at par to employees of UT of Jammu and Kashmir post repeal of Article 370, if so, the details thereof, if not, the reasons therefor;
(b) whether Government intends to bring parity to employees of J&K with other Central Government employees who are working in tough conditions and situation; and
(c) if so, timeline thereof?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF HOME AFFAIRS (SHRI NITYANAND RAI)
(a): The service conditions of employees of the Union Territory of Jammu and Kashmir are governed by Jammu & Kashmir Civil Service Regulations. The Union Territory of J&K Government has implemented 7th Pay Commission Recommendations for regular government employees. The Union Territory Government has also extended the benefit of Transport Allowance, Children Education Allowance (CEA), hostel subsidy, incentive for acquiring fresh higher qualification, special allowance for childcare for women with disabilities, Leave Travel Concession (LTC) to regular government employees of Union Territory of Jammu & Kashmir. All citizens of Union Territory of J&K are covered under Ayushman Bharat PMJAY-SEHAT scheme, which provides health cover of Rs. 5.00 lakh per family free of cost. Government employee can get benefit under this scheme, apart from the provisions of medical attendance rules.
(b) & (C): Compensatory allowance is allowed to the employees of Union Territory of Jammu and Kashmir working in the remote and inaccessible areas. This allowance is allowed for the same areas as those covered under the Special Compensatory (Remote Locality) Allowance of Central Government.
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भारत सरकार
गृह मंत्रालय
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1969
दिनांक 20 दिसम्बर,2023 / 29 अग्रहायण, 1945 (शक) को उत्तर के लिए
जम्मू – कश्मीर के कर्मचारियों के लिए सेवा शर्तें
1969 श्री विवेक के. तन्खाः
क्या गृह मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या अनुच्छेद 370 के निरस्त होने के बाद, केंद्र सरकार की सेवा शर्तों से संबंधित नियम, जैसे सीजीएचएस, एलटीसी, 7वें सीपीसी टीए-डीए नियम आदि सहित केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों पर लागू सभी कानून जम्मू और कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र के कर्मचारियों पर भी बराबर लागू किए जाते हैं, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है, यदि नहीं, तो उसके क्या कारण हैं;
(ख) क्या सरकार का जम्मू-कश्मीर के कर्मचारियों को केंद्र सरकार के अन्य कर्मचारियों के समकक्ष लाने का इरादा है जो कठिन परिस्थितियों और स्थिति में काम कर रहे हैं; और
(ग) यदि हां, तो इसकी समयसीमा क्या है?
उत्तर
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री नित्यानंद राय)
(क): जम्मू और कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र के कर्मचारियों की सेवा शर्तें जम्मू और कश्मीर सिविल सेवा विनियमों द्वारा शासित हैं। संघ राज्यक्षेत्र सरकार ने नियमित सरकारी कर्मचारियों के लिए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया है। संघ राज्यक्षेत्र सरकार ने परिवहन भत्ता, बाल शिक्षा भत्ता (सीईए), छात्रावास सब्सिडी, नई उच्च योग्यता प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन, विकलांग महिलाओं के लिए बच्चों की देखभाल के लिए विशेष भत्ता एवं छुट्टी यात्रा रियायत (एलटीसी) का लाभ संघ राज्यक्षेत्र के नियमित सरकारी कर्मचारियों को भी दिया है। जम्मू और कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र के सभी नागरिक आयुष्मान भारत पीएमजेएवाई-सेहत योजना के तहत आते हैं, जो 5.00 लाख रुपये प्रति परिवार निःशुल्क चिकित्सा का स्वास्थ्य कवर प्रदान करता है। सरकारी कर्मचारी मेडिकल अटेन्डेनस रुल्स के प्रावधानों के अलावा इस योजना के तहत लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
(ख) और (ग): दूर-दराज और दुर्गम क्षेत्रों में काम करने वाले जम्मू और कश्मीर संघ राज्यक्षेत्र के कर्मचारियों को प्रतिपूरक भत्ता दिया जाता है। यह भत्ता उन्हीं क्षेत्रों के लिए अनुमन्य है जो केन्द्रीय सरकार के विशेष प्रतिपूरक (द्रस्थ स्थान) भत्ते के अंतर्गत आते हैं।
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