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Non-filling up of clerical staff vacancies in Public Sector Banks सरकारी क्षेत्र के बैंकों में लिपिक कर्मचारियों के रिक्त पदों को नहीं भरा जाना

Non-filling up of clerical staff vacancies in Public Sector Banks सरकारी क्षेत्र के बैंकों में लिपिक कर्मचारियों के रिक्त पदों को नहीं भरा जाना

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF FINANCE
DEPARTMENT OF FINANCIAL SERVICES
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 1025

ANSWERED ON 12th DECEMBER, 2023 (TUESDAY) / AGRAHAYANA 21, 1945
(SAKA)

Non-filling up of clerical staff vacancies in Public Sector Banks

1025. SHRI SANDOSH KUMAR P:

Will the Minister of FINANCE be pleased to state:
(a) the total number of clerical staff vacancies in Public Sector Banks;
(b) the total number of temporary employees in Public Sector Banks;
(c) whether the Ministry has any plan to fill the vacancies soon, considering the huge workload on the existing employees;
(d) if so, the details of the recruitment plan and timelines; and
(e) if not, the reasons therefor?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF FINANCE
(DR. BHAGWAT KARAD)

(a) to (e): Public Sector Banks (PSBs), being board governed commercial entities, undertake manpower planning and assessment every year with the approval of their respective Board. While undertaking the manpower assessment various factors like business requirement, spread of activities, superannuation, other unplanned exits etc., are taken into account. Accordingly, the recruitment of staff varies from year to year based on the specific requirements of each bank.

PSBs have informed that as on 31.10.2023, 98.02% clerical staff is in position against their business requirement. The small proportion of vacancies is substantially attributable to attrition on account of superannuation and other usual factors including unplanned exits. Also, as per PSBs, there are no temporary employees.

Further, a total of 68079 clerical staff has been recruited from FY 2019-20 to 2022-23.

*****

भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
वित्तीय सेवाएं विभाग
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 1025
जिसका उत्तर 12 दिसम्बर, 2023/21 अग्रहायण, 1945 (शक) को दिया गया

सरकारी क्षेत्र के बैंकों में लिपिक कर्मचारियों के रिक्त पदों को नहीं भरा जाना

1025. श्री संदोष कुमार पी:
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) सरकारी क्षेत्र के बैंकों में लिपिक कर्मचारियों की कुल कितनी रिक्तियां हैं;
(ख) सरकारी क्षेत्र के बैंकों में अस्थायी कर्मचारियों की कुल संख्या कितनी है;
(ग) क्या मौजूदा कर्मचारियों पर काम के अधिक बोझ को ध्यान में रखते हुए मंत्रालय की इन रिक्तियों को शीघ्र भरने की कोई योजना है;
(घ) यदि हाँ, तो भर्ती करने संबंधी योजना और समय-सीमा का ब्यौरा क्या है; और
(ड) यदि नहीं, तो इसके क्‍या कारण हैं?

उत्तर

वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (डॉ. भागवत कराड)

(क) से (ड): सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक (पीएसबी), बोर्ड द्वारा अभिशासित वाणिज्यक संस्था होने के कारण, अपने बोर्ड के अनुमोदन से प्रत्येक वर्ष श्रमशक्ति के संबंध में योजना तैयार करते हैं और इसका मूल्यांकन करते हैं। श्रमशक्ति का मूल्यांकन करते समय व्यावसायिक आवश्यकताओं, कार्य-कलापों का विस्तार, अधिवर्षिता, अन्य अनियोजित सेवा, त्याग आदि जैसे विभिन्‍न घटकों को ध्यान में रखा जाता है। तदनुसार, कर्मचारियों की भर्ती प्रत्येक बैंक की विशिष्ट आवश्यकताओं के आधार पर वर्ष दर वर्ष अलग-अलग होती है।

पीएसबी ने सूचित किया है कि दिनांक 31.10.2023 की स्थिति के अनुसार, उनकी व्यावसायिक आवश्यकता की तुलना में 98.02% लिपिक कर्मचारी कार्यरत हैं। तुलनात्मक रुप से कम अनुपात में रिक्तियां काफी हद तक अधिवर्षिता और अनियोजित सेवा त्याग सहित अन्य सामान्य कारकों के कारण नौकरी छोड़ने के कारण हैं। पीएसबी के अनुसार कोई अस्थायी कर्मचारी नहीं है।

इसके अलावा, वित्तीय वर्ष 2019-20 से 2022-23 तक कुल 68079 लिपिकों की भर्ती की गई हैं।

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