सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम की निकासी/आहरण के उपबंधों का उदारीकरण – मास्टर परिपत्र

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सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम की निकासी/आहरण के उपबंधों का उदारीकरण – मास्टर परिपत्र

सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम की निकासी/आहरण के उपबंधों का उदारीकरण – पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग का मास्टर परिपत्र फा. सं. 21/05/2023-पी&पीडब्ल्यू(एफ) दिनांक: 20 -10- 2023

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फा. सं. 21/05/2023-पी&पीडब्ल्यू(एफ)
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय,
पेंशन एवं पेंशनभोगी कल्याण विभाग

तीसरा तल, लोक नायक भवन, खान मार्केट,
नई दिल्‍ली, दिनांक: 20 -10- 2023

कार्यालय ज्ञापन

विषय: मास्टर परिपत्र – अभिदाताओं द्वारा सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम की निकासी/आहरण के उपबंधों का उदारीकरण।

English: Liberalization of provisions for withdrawal/ drawal of advance from the General Provident Fund by the subscribers – Master circular: DoP&PW OM dated 20.10.2023

इस विभाग ने सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 से संबंधित समय-समय पर विभिन्‍न निर्देश जारी किए हैं। अब बेहतर जानकारी और मार्गदर्शन के लिए, इन निर्देशों को एक स्थान पर समेकित करने का निर्णय लिया गया है, जोकि निम्नानुसार है:

2. अभिदाताओं द्वारा सामान्य भ्रविष्य निधि से निकासी

2.1 इन नियमों के उपबंधों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि अभिदाता को निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए सामान्य भविष्य निधि से निकासी की अनुमति दी जाए;

  1. शिक्षा- सभी स्ट्रीम और संस्थानों को कवर करते हुए, इसमें प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा, सभी को सम्मिलित किया जाएगा,
  2. अनिवार्य व्यय अर्थात सगाई, विवाह, अंत्येष्टि, या स्वयं या परिवार के सदस्यों और आश्रितों के अन्य समारोह,
  3. स्वयं, परिवार के सदस्यों या आश्रितों की बीमारी
  4. उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद.

2.2. बारह मास तक का वेतन या जमा राशि का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, की निकासी की अनुमति है। तथापि, बीमारी के लिए, अभिदाता के खाते में जमा राशि का 90% तक की निकासी की अनुमति दी जा सकेगी। अभिदाता दस वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद निकासी की मांग कर सकता है।

2.3 (i) आवास जिसमें निवास के लिए उपयुक्त गृह का निर्माण करना या खरीदना या रहने के लिए तैयार फ्लैट खरीदना सम्मिलित है,
(ii) बकाया आवास ऋण का पुनर्भुगतान,
(iii) गृह बनाने के लिए जमीन की खरीद,
(iv) अधिग्रहित स्थान पर गृह निर्माण,
(v) पहले से अर्जित गृह का पुनर्निर्माण या उसमें कुछ परिवर्धन,
(vi) पैतृक गृह का नवीनीकरण, परिवर्धन या परिवर्तन करना।

उपरोक्त प्रयोजनों के लिए, अभिदाता को अपने खाते में जमा राशि का नब्बे प्रतिशत तक निकासी की अनुमति दी जा सकेगी। यह भी निर्णय त्रिया गंया है कि मौजूदा निदेशों को खत्म कर दिया जाए, जिसमें कहा गया था कि उस गृह की बिक्री के पश्चात जिसके लिए जीपीएफ निकासी की गई थी, आहरित राशि वापस जमा करनी होगी। आवास प्रयोजन के लिए जीपीएफ निकासी अब एचबीए नियमों के अधीन निर्धारित सीमा से नहीं जुड़ी होगी। अभिदाता को उसकी सेवा के दौरान किसी भी समय इस सुविधा का लाभ उठाने की अनुमति दी जा सकेगी।

2.4 (i) मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर आदि की खरीद या इस प्रयोजन के लिए पहले से लिए गए ऋण का पुनर्भुगतान,
(ii) मोटर कार की व्यापक मरम्मत/ओवरहालिंग;
(iii) मोटर कार/मोटर साइकिल/स्कूटर, मोपेड आदि बुक करने के लिए डिपॉज़िट।

अभिदाता को, उपरोक्त प्रयोजनों के लिए क्रेडिट पर जमा राशि का तीन-चौथाई हिस्सा या वाहन की लागत, जो भी कम हो, निकालने की अनुमति दी जा सकेगी। 10 वर्ष की सेवा पूरी होने के बाद उपरोक्त प्रयोजन के लिए निकासी की अनुमति दी जा सकेगी।

2.5 अधिवर्षिता पर सेवानिवृत्त होने वाले सरकारी कर्मचारियों को अधिवर्षिता से दो वर्ष पूर्व, बिना कारण बताए शेष राशि के 90% तक की निकासी की अनुमति है।

2.6 अभिदाता दवारा निधि से निकासी के सभी मामलों में, विभाग का घोषित अध्यक्ष निकासी की मंजूरी देने के लिए सक्षम है। अभिदाता को कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी। अभिदाता द्वारा निकासी के कारणों का उल्लेख करने वाला एक सरल घोषणा पत्र पर्याप्त होगा।

2.7 सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 के अनुसार, आहारित राशि की मंजूरी और भुगतान के लिए कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई है। अत:, निधि से निकासी के लिए, मंजूरी और भुगतान के लिए अधिकतम समय-सीमा पंद्रह दिन निर्धारित करने का निर्णय लिया गया है। आपातस्थिति जैसे बीमारी आदि के मामले में, समय-सीमा सात दिनों तक सीमित हो सकती है।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग/का.ज़ा. सं.3/2/2017-पी&पीडब्ल्यू(एफ)(ii)/ दिनांक 07-03-2017

3. अभिदाताओं द्वारा सामान्य भविष्य निधि से अग्रिम आहरण

3.1 अब नियमों के उपबंधों की समीक्षा की गई है और यह निर्णय लिया गया है कि अभिदाता को निम्नलिखित प्रयोजनों के लिए सामान्य भविष्य निधि (केंद्रीय सेवा) नियम, 1960 से अग्रिम राशि लेने की अनुमति दी जाए:

(i) स्वयं, परिवार के सदस्यों या आश्रितों की बीमारी, द
(ii) अभिदाता के परिवार के सदस्यों या आश्रितों की शिक्षा। शिक्षा में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च शिक्षा शामिल होगी, जिसमें सभी स्ट्रीम और शैक्षणिक संस्थान शामिल होंगे।
(iii) अनिवार्य व्यय अर्थात सगाई, विवाह, अंत्येष्टि, या अन्य समारोह,
(iv) कानूनी कार्यवाही की लागत,
(v) रक्षा लागत,
(vi) उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं की खरीद,
(vii) तीर्थयात्रा और प्रतिष्ठित स्थानों का दौरा। इसमें यात्रा और पर्यटन संबंधी कोई भी गतिविधियां सम्मिलित होंगी।

3.2 अग्रिम की सीमा को 12 महीनों के वेतन या जमा राशि का तीन-चौथाई, जो भी कम हो, तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अग्रिम राशि की वसूली अधिकतम 60 किश्तों में की जायेगी। अग्रिम राशि घोषित कार्यालय प्रमुख द्वारा संस्वीकृत की जा सकेगी।

3.3 ऊपर कवर न किए गए कारणों के लिए, निधि से अग्रिम राशि मंजूर करने हेतु घोषित विभागाध्यक्ष सक्षम प्राधिकारी है।

3.4 निधि से अग्रिम की मंजूरी और भुगतान के लिए अधिकतम पंद्रह दिन की समय-सीमा निर्धारित की जा रही है। बीमारी आदि जैसी आपातस्थिति के मामले में, समय-सीमा सात दिनों तक सीमित होगी।

3.5 अग्रिम के उपरोक्त सभी मामलों में, अभिदाता को कोई दस्तावेजी प्रमाण प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं है। अभिदाता द्वारा अग्रिम भुगतान के कारणों को बताने वाली एक साधारण घोषणा पर्याप्त होगी।

पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग/का.जञा. सं.3/2/2017-पी&पी डब्ल्यू(एफ)(i)/ दिनांक 07-03-2017

4. सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि इन निदेशों/दिशानिर्देशों को सभी संबंधितों के संज्ञान में लाएं।

(सुभाष चंदर)
भारत सरकार के अवर सचिव

प्रतिलिपि: भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग

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