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Status of SC/ST/OBC/EWS/GEN vacancies in Different Ministries and PSUs विभिन्‍न मंत्रालयों तथा पीएसयू में एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस/सामान्य वर्ग की रिक्तियों की स्थिति

Status of SC/ST/OBC/EWS/GEN vacancies in Different Ministries and PSUs विभिन्‍न मंत्रालयों तथा पीएसयू में एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस/सामान्य वर्ग की रिक्तियों की स्थिति

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PERSONNEL AND TRAINING)
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 135
(TO BE ANSWERED ON 20.07.2023)

STATUS OF SC/ST/OBC/EWS/GEN VACANCIES IN DIFFERENT MINISTRIES AND PSUS

135 # SHRI SUSHIL KUMAR MODI:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:

(a) the Ministry/PSU-wise status of SC/ST/OBC/EWS/Gen vacancies in various Ministries and PSUs of the Government of India;

(b) the status of vacancies in Central PSU’s in 2014 and 2023, PSU-wise;

(c) the number of appointments targeted under ‘mission recruitment’ and the number of appointments that have been made under SC/ST/OBC/EVS/Gen categories, Ministry/PSU wise so far ; and

(d) the number of contractual and daily-wage employees enagaged with different Ministries/PSUs and whether there is any provision of reservation for contractual and daily wage workers, if not, the reasons therefor?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)

(a) to (c): Department of Personnel & Training (DoPT) has collected data on filling of backlog reserved vacancies for Scheduled Castes (SCs), Scheduled Tribes (STs) and Other Backward Classes (OBCs) for the years from 2016 to 2021 with ten Ministries/Departments, having more than 90% of the employees of Central Government, which includes data from attached/subordinate offices, Central Public Sector Enterprises, etc. These Ministries/Departments include (i) Atomic Energy (ii) Defence (iii) Defence Production (iv) Financial Services (v) Posts (vi) Revenue (vii) Home Affairs (viii) Education (ix) Housing & Urban Affairs, and (x) Railways. For the year 2022, 20 Ministries/Departments of the Central Government have uploaded data online on backlog reserved vacancies. As per the data received, 2.87 lakh backlog reserved vacancies for SC, ST and OBC have been filled from 2016 to 2022.

(d): Rules 177 to 206 of the General Financial Rules, 2017 (GFR 2017), which have been issued by Ministry of Finance, allow the Ministries/Departments of the Government of India to hire ‘Consulting Services’ such as external professionals, consultancy firms, consultants or ‘Non-Consulting Services’ such as hiring of vehicles, outsourcing of building facilities management, security, photocopier services, office errand services, etc. in the interest of economy and efficiency. The firms to which such services are outsourced are private sector firms and the personnel engaged in such services are the employees of these private sector firms.

The Apex Industry Associations have prepared Voluntary Code of Conduct (VCC) for their member companies centered around education, employability, entrepreneurship and employment to achieve inclusion. Measures undertaken by the members of Industry Associations to ensure inclusive employment opportunities, inter-alia, include scholarships, vocational training, entrepreneurship development programmes, coaching etc.

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भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या: 135
(दिनांक 20.07.2023 को उत्तर के लिए)

विभिन्‍न मंत्रालयों तथा पीएसयू में एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस/सामान्य वर्ग की रिक्तियों की स्थिति

135. श्री सुशील कुमार मोदी :
क्या प्रधान मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः

(क) भारत सरकार के विभिन्‍न मंत्रालयों तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में एससी/एसटी/ओबीसी/ईंडब्ल्यूएस/सामान्य वर्ग की रिक्तियों की मंत्रालय/पीएसयू-वार स्थिति क्‍या है;

(ख) केन्द्रीय सरकार के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में वर्ष 2014 और वर्ष 2023 में पीएसयू-वार रिक्तियों की स्थिति क्‍या है;

(ग) ‘मिशन रिक्रूटमेंट के तहत कितनी नियुक्तियां करने का लक्ष्य है और अब तक एससी/एसटी/ओबीसी/इईंडब्ल्यूएस/सामान्य श्रेणी के अंतर्गत मंत्रालय/पीएसयू-वार कितनी नियुक्तियां की जा चुकी हैं; और

(घ) विभिन्‍न मंत्रालयों/पीएसयू में कितने संविदात्मक और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी कार्यरत हैं और क्या संविदात्मक और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान है, यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?

उत्तर

कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधान मंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेन्द्र सिंह)

(क) से (ग): कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) ने केन्द्र सरकार के 90% से अधिक कर्मचारियों वाले दस मंत्रालयों/विभागों से अनुसूचित जातियों (अ.जा.), अनुसूचित जनजातियों (अ.ज.जा.) और अन्य पिछड़े वर्गों (अ.पि.व.) के लिए बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों को भरने संबंधी वर्ष 2016 से 2021 तक के आंकड़े एकत्रित किए हैं जिनमें संबदध/अधीनस्थ कार्यालयों, केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उदयमों आदि के आंकड़े भी शामिल हैं। इन मंत्रालयों/विभागों में (i) परमाणु उर्जा (ii) रक्षा (iii) रक्षा उत्पादन (iv) वित्तीय सेवाएं (v) डाक (vi) राजस्व (vii) गृह (viii) शिक्षा (ix) आवासन और शहरी कार्य, और (x) रेलवे शामिल हैं। वर्ष 2022 हेतु, केन्द्र सरकार के 20 मंत्रालयों/विभागों ने बैकलॉग आरक्षित रिक्तियों से संबंधित आकंड़ों को ऑनलाइन अपलोड किया है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2016 से 2022 तक अ.जा., अ.ज.जा और अ.पि.व. के लिए 2.87 लाख बैकलॉग आरक्षित रिक्तियां भरी गयी हैं।

(घ): वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सामान्य वित्तीय नियमावली, 2017 (जीएफआर 2017) के नियम 177 से 206, भारत सरकार के मंत्रालयों/विभागों को मितव्ययिता और दक्षता के हित में ‘परामर्शी सेवाओं’ जैसे बाहरी पेशेवरों, परामर्शदायी फर्मों, परामर्शदाताओं अथवा “गैर-परामर्शी सेवाओं’ जैसे वाहन किराए पर लेना, भवन सुविधा प्रबंधन की आउटसोसिंग, सुरक्षा, फोटोकॉपियर सर्विस, कार्यालय संदेश सेवाएं आदि को किराये पर लेने (हायरिंग) की अनुमति प्रदान करते हैं। ऐसी फर्म, जिन्हें ऐसी सेवाएं प्रदान (आउटसोस्ड) की जाती हैं, निजी क्षेत्र की फर्म होती हैं तथा ऐसी सेवाओं में लगे हुए कार्मिक इन निजी क्षेत्र की फर्मों के कर्मचारी होते हैं।

शीर्ष उद्योग संघों ने समावेशन अर्जित करने के लिए अपनी सदस्य कंपनियों के लिए स्वैच्छिक आचार संहिता (वीसीएस) तैयार की है जो शिक्षा, नियोजनीयता, उद्यमिता तथा रोजगार पर केंद्रित है। उदयोग संघों के सदस्यों द्वारा समावेशी रोजगार अवसर सुनिश्चित करने के लिए उठाए गए कदमों में अन्य बातों के साथ-साथ छात्रवृत्तियां, व्यवसायिक प्रशिक्षण, उद्यमिता विकास कार्यक्रम, कोचिंग आदि शामिल हैं।

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