Reintroduction of Old Pension Scheme – Growing demand पेंशन योजनाओं को फिर से आरंभ करने की मांग
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PENSION & PENSIONERS’ WELFARE)
RAJYA SABHA
STARRED QUESTION NO. 177
(TO BE ANSWERED ON 16.03.2023)
REINTRODUCTION OF OLD PENSION SCHEME
177 SHRI ANIL DESAI:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether it is a fact that there is a growing demand for reintroduction of pension schemes for the general employees;
(b) the response of the Central Government as more number of State Governments are going for the pension schemes for their employees; and
(c) the assessment of Government on closure of pension w.e.f. 2004 for its employees?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)
(a) to (c): Representations have been received from time to time offering inputs on different aspects of National Pension System.
National Pension System (NPS) was introduced for Central Government employees by a Notification of Ministry of Finance (Department of Economic Affairs) dated 22/12/2003. NPS is mandatory for all new recruits to the Central Government service from 01/01/2004 (except the armed forces). Most of the State Governments adopted NPS for their employees.
Consequent to introduction of NPS w.e.f. 01.01.2004, the Central Civil Services (Pension) Rules, 1972 were amended and the benefits of old pension scheme under these rules are not applicable to Central Government employees appointed after 31.12.2003.
Government of India, after the assessment has taken many steps for streamlining of NPS for Central Government employees and to protect the interest of the subscribers. These include enhancement of Government’s contribution from the earlier 10% of Pay plus DA to 14% of Pay plus DA, freedom of choice of selection of Pension Funds and pattern of investment to subscribers, payment of compensation for non-deposit or delayed deposit of NPS contributions for any period during 2004-2012, tax exemption under Section 80C of the Income Tax Act, 1961 and increase in tax exemption limit for lump sum withdrawal on exit from earlier 40% to 60% of the amount due, making the entire withdrawal exempt from income tax.
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भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
(पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग )
राज्यसभा
तारांकित प्रश्न संखया 177
(दिनांक 16.03.2023 को उत्तर दिया जाना है)
पुरानी पेंशन योजना को पुन: आरंभ करना
*177. श्री अनिल देसाई:
क्या प्रधानमंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या यह सच है कि सामान्य कर्मचारियों के लिए पेंशन योजनाओं को फिर से आरंभ करने की मांग बढ रही है;
(ख) केंद्र सरकार की इस पर कया प्रतिक्रिया है क्योंकि अधिक संख्या में राज्य सरकारें अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन योजनाएं अपना रही है; और
(ग) वर्ष 2004 से अपने कर्मचारियों के लिए पेंशन बंद किए जाने के संबंध में सरकार का क्या आकलन है?
उत्तर
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेंद्र सिंह)
(क) से (ग): राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर इनपुट दे ते हुए, समय-समय पर अभ्यावेदन प्राप्त हुए हैं।
वित्त मंत्रालय (आर्थिक कार्य विभाग) के दिनांक 22 दिसंबर , 2003 की अधिसूचना द्वारा राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) को लागू किया गया था। दिनांक 1 जनवरी , 2004 से केंद्रीय सरकार की सेवा में होने वाली सभी नई भर्तियों (सशस्त्र बल्रों को छोड़कर) के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) अनिवार्य है। अधिकांश राज्य सरकारों द्वारा अपने कर्मचारियों के लिए राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) को अपनाया गया है।
दिनांक 01.01.2004 से राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली(एनपीएस) लागू होने के परिणामस्वरूप, केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली , 1972 में संशोधन किए गए और इन नियमों के अधीन पुरानी पेंशन योजना के हितलाभ, दिनांक 31.12.2003 के बाद नियुक्त केंद्र सरकार के कर्मचारियों पर लागू नहीं हैं।
भारत सरकार ने, आकलन के पश्चात् केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस को युक्तिमंगत बनाने तथा अभिदाताओं के हितों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं। इनमें सरकार के अंशदान को पूर्व के वेतन + डीए के 10% से बढ़ाकर वेतन+डीएका 14% करना, अभिदाताओं को पेंशन निधि और निवेश पद्धति के चयन के लिए विकल्प की स्वतंत्रता, 2004-2012 के दौरान किसी भी अवधि के लिए एनपीएस में जमा न किए गए या देरी से जमा किए अंशदान के लिए मुआवजे का भुगतान, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80सी के तहत कर छूट और देय राशि की एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट की सीमा को पूर्व के 40% से बढ़ाकर 60% करना ताकि पूरी निकासी को आयकर से छूट प्राप्त हो, शामिल हैं।
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