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Interest Dues in EPFO for 2021-22 – Details on delay in disbursement ईपीएफओ में 2021-22 के देय ब्याज वितरण में देरी पर विवरण

Interest Dues in EPFO for 2021-22 – Details on delay in disbursement ईपीएफओ में 2021-22 के देय ब्याज वितरण में देरी पर विवरण

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 1858
TO BE ANSWERED ON 13.03.2023

INTEREST DUES IN EPFO

1858. DR. PON GAUTHAM SIGAMANI:
Will the Minister of LABOUR AND EMPLOYMENT be pleased to state:

(a) whether it is a fact that lakhs of Employees Provident Fund members are yet to get interest dues announced in the budget for 2021-22, if so, the details thereof;

(b) whether it is also true that the Government was escaping from paying the said due interest stating that the delay in distributing interest was due to a software upgrade, if so, the details thereof;

(c)whether it is also true that the Employees Provident Fund Organization is not responding to any queries made in this regard, if so, the details thereof; and

(d)if so, the reasons therefor and time by which the interest is likely to be paid to EPF beneficiaries?

ANSWER

MINISTER OF STATE FOR LABOUR AND EMPLOYMENT (SHRI RAMESWAR TELI)

(a): As per the provisions of Paragraph 60(1) of the Employees’ Provident Fund (EPF) Scheme, 1952, Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO) shall credit to the account of each member interest at such rate as may be determined by the Central Government in consultation with the Central Board of Trustees (CBT), Employees’ Provident Fund (EPF). Account updation with interest credit is a comprehensive exercise requiring scrutiny of each individual transaction made in respect of each and every individual member’s accounts, thus making the entire process very exhaustive. Till 06.03.2023 accounts of members of 98 per cent. of the contributory establishments have been credited with interest. This is an ongoing process which is taken up in a scheduled manner without hampering the regular claim settlements.

(b): Updating of member passbook with interest is an entry process only, the date on which the interest is entered in the passbook of the member has no actual financial bearing as the interest earned for the year. His monthly running balances is always added to the closing balance of that year. Hence, the member does not suffer any financial loss.

Due to the introduction of the new TDS provision from 2021-22, the accounting process had to undergo a major revision, making the exercise more tedious warranting an enhanced level of scrutiny.

It was also necessary to make revisions in the passbook of the members so that it provides entire information to them in a simpler, readable form.

The process required new development, testing, debugging and stabilization of critical elements of the software.

(c): A permanent grievance redressal mechanism in the form of CPGRAMS and EPFiGMS is in place in EPFO. All grievances received are regularly monitored and addressed promptly and with due diligence. EPFO has continuously communicated to its members and has ensured that no withdrawals are affected on account of the TDS implementation. EPFO has settled more than 3.6 crore claims submitted by members with up to date interest.

(d): This is an ongoing process which has been taken up in a scheduled manner post development of software and by 06.03.2023, the process has been completed in respect of 98 per cent of contributory establishments.

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भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 1858
सोमवार, 13 मार्च, 2023/22 फाल्गुन, 1944 (शक)

ईपीएफओ में देय ब्याज

1858. डॉ. पोन गाँतम सिगामणि :
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या यह सच है कि कर्मचारी भविष्य निधि के लाखों सदस्यों को 2021-22 के बजट में घोषित ब्याज की बकाया राशि अभी तक नहीं मिली है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्‍या है:

(ख) क्या यह भी सच है कि सरकार उक्त देय ब्याज का भुगतान करने से यह कहते हुए बच रही थी ब्याज देने में वित्रंब सॉफ्टवेयर उन्‍नयन के कारण हुआ था और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्‍या है:

(ग) क्या यह भी सच है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन इस संबंध में पूछे गए किसी प्रश्न का उत्तर नहीं दे रहा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और

(घ) यदि हां, तो इसके क्या कारण हैं और कर्मचारी भविष्य निधि के लाभार्थियों को ब्याज कब तक दिए जाने की संभावना है?

उत्तर

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री
(श्री रामेश्वर तेली)

(क): कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) योजना, 1952 के अनुच्छेद 60(1) के उपबंधों के अनुसार कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) केन्द्रीय न्‍यासी बोर्ड (सीबीटी), कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) के परामर्श से केन्द्र सरकार द्वारा यथानिधीरित किसी दर पर प्रत्येक सदस्य के खाते में ब्याज जमा करेगा। ब्याज क्रेडिट के साथ खाता अद्यतनीकरण एक व्यापक कार्य है जिसमें प्रत्येक सदस्य के खाते के संबंध में किए गए प्रत्येक व्यक्तिगत लेनदेन की जांच की आवश्यकता होती है, इस प्रकार पूरी प्रक्रिया बहुत व्यापक हो जाती है। दिनांक 06.03.2023 तक अंशदायी प्रतिष्ठानों के 98 प्रतिशत सदस्यों के खातों में ब्याज जमा किया जा चुका है। यह एक सतत प्रक्रिया है जो नियमित दावा निपटान में बाधा डाले बिना एक निर्धारित पद्धति से की जाती है।

(ख): सदस्य के पासबुक में ब्याज अद्यतन करना केवल्र एक प्रविष्टि प्रक्रिया है, जिस तारीख को सदस्य की पासबुक में ब्याज दर्ज किया जाता है, उसका कोई वास्तविक वित्तीय असर नहीं होता है क्योंकि वर्ष हेतु ब्याज अर्जित किया जाता है। उसके मासिक चालू शेष को निरंतर उस वर्ष के अंतिम शेष में जोड़ा जाता है। इसलिए, सदस्य को कोई वित्तीय हानि नहीं होती है।

वर्ष 2021-22 से नए टीडीएस प्रावधान की शुरुआत के कारण, लेखा प्रक्रिया को एक बड़े संशोधन से गुजरना पड़ा, जिसने जांच के एक बढ़े हुए स्तर की अपेक्षा के साथ इस प्रक्रिया को और अधिक कठिन बना दिया गया।

सदस्यों की पासबुक में संशोधन करना भी आवश्यक था ताकि यह उन्हें एक सरल, पठनीय रूप में पूरी जानकारी प्रदान की जा सके।

प्रक्रिया के लिए सॉफ्टवेयर के महत्वपूर्ण तत्वों को नए सिरे से विकसित करने, परीक्षण, दोष मार्जन और स्थिरीकरण करने की आवश्यकता थी।

(ग): ईपीएफओ में सीपीग्राम्स और ईपीएफआईजीएमएस के रूप में एक स्थायी शिकायत निवारण तंत्र विद्यमान है। प्राप्त सभी शिकायतों की नियमित रूप से निगरानी की जाती है और अविलंब और सम्यक तत्परता के साथ उनका समाधान किया जाता है। ईपीएफओ ने अपने सदस्यों को लगातार सूचित किया है और यह सुनिश्चित किया है कि टीडीएस कार्यान्वयन के कारण कोई निकासी प्रभावित न हो। ईपीएफओ ने सदस्यों द्वारा अद्यतन ब्याज वाले 3.6 करोड़ से अधिक दावों का निपटान किया है।

(घ): यह एक सतत प्रक्रिया है जिसे सॉफ्टवेयर के विकास के बाद एक निर्धारित तरीके से शुरू किया गया है ओर दिनांक 06.03.2023 तक, 98% अंशदायी प्रतिष्ठानों के संबंध में प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।

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