Grievance Redressal System to ensure grievance redressal of private airlines

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Grievance Redressal System to ensure grievance redressal of private airlines

Grievance Redressal System to ensure grievance redressal of private airlines. निजी एयरलाइनों की शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए शिकायत निवारण तंत्र

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF CIVIL AVIATION
Lok Sabha
UNSTARRED QUESTION NO. : 210
(TO BE ANSWERED ON THE 2nd February 2023 )

GRIEVANCE REDRESSAL SYSTEM

210. SHRIMATI POONAMBEN MAADAM
Will the Minister of CIVIL AVIATION be pleased to state:-

(a) whether the Government has any mechanism to ensure grievance redressal of private airlines;

(b) if so, the details thereof;

(c) whether the Government proposes to take steps to ensure proper grievance’ redressal by third party flight booking agent/applications regarding issues like refund etc.;

(d) if so, the steps being taken/proposed to be taken to protect the consumers;

(e) whether the Government proposes to set up any tribunal to check non-redressal of issues regarding passenger complaints; and

(f) if so, the details thereof?

ANSWER

Minister of State in the Ministry of CIVIL AVIATION (GEN. (DR) V. K. SINGH (RETD))

(a) & (b): Yes Sir. The aggrieved passengers can lodge their grievances through the Centralized Public Grievance Redress and Monitoring System (CPGRAMS), an online portal administered by the Department of Administrative Reforms and Public Grievances (DARPG) and AirSewa Portal managed by the Ministry of Civil Aviation. These grievances are taken up with the concerned airlines for redressal. If the petitioner is not satisfied with the resolution of grievance by airline, he/ she has option to file an appeal. Disposal of the grievances is monitored at various levels. Every airline appoints a nodal officer and an appellate authority and displays their contact details on their respective websites.

(c) & (d): Civil Aviation Requirements (CARs) Section 3 Air Transport Series M, Part Il namely Refund of Airline Tickets to Passengers of Public Transport Undertakings states that in case of purchase of ticket through travel agent/portal, onus of refund shall lie with the airlines as agents are their appointed representatives. The airlines shall ensure that the refund process is completed within 30 working days. Such grievances are also taken up with the airlines for resolution.

(e): No such proposal is currently under consideration.

(f): Does not arise.

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भारत सरकार
नागर विमानन मंत्रालय
लोक सभा
लिखित प्रश्न संख्या : 210
गुरुवार, 02 फरवरी, 2023/ 13 माघ, 1944 (शक) को दिया जाने वाला उत्तर

शिकायत निवारण तंत्र

210. श्रीमती पूनमबेन माडम:
क्या नागर विमानन मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या सरकार के पास निजी एयरलाइनों की शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए कोई तंत्र है;

(ख) यदि हां, तो उसका ब्यौरा कया है;

(ग) क्या सरकार का रिफंड आदि जैसे मुद्दों के संबंध में तीसरे पक्ष के उड़ान बुकिंग एजेंट एप्लिकेशनों द्वारा उचित शिकायत निवारण सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का विचार है;

(घ) यदि हां, तो उपभोक्ताओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं/उठाए जाने का प्रस्ताव है;

(ङ ) क्‍या सरकार का यात्रियों की शिकायतों से संबंधित मुद्दों के समाधान न होने की जांच के लिए किसी न्यायाधिकरण के गठन का विचार है; और

(च) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

उत्तर

नागर विमानन मंत्रालय में राज्य मंत्री (जनरल) (डा.) विजय कुमार सिंह (सेवानिवृत्त)

(क) और (ख) जी हाँ। असंतुष्ट यात्री अपनी शिकायतें, प्रशासनिक सुधार एवं लोक शिकायतें विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा प्रबंधित ऑनलाइन पोर्टल, केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण एवं निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) तथा नागर विमानन मंत्रालय द्वारा प्रबंधित एयर सेवा पोर्टल के माध्यम से दर्ज कर सकते हैं। इन शिकायतों को निवारण के लिए इन्हें संबंधित एयरलाइनों के समक्ष रखा जाता है। यदि आवेदक, एयरलाइन द्वारा दिये गए समाधान से असंतुष्ट है, तो उनके पास अपील दर्ज करने का विकल्प है। शिकायतों के निस्तारण की निगरानी विभिन्न स्तरों पर की जाती है। प्रत्येक एयरलाइन एक नोडल अधिकारी तथा एक अपीलीय प्राधिकारी नियुक्त करता है तथा उनसे संपर्क करने का विवरण अपने संबंधित वेबसाइटों पर प्रकाशित करता है।

(ग) और (घ) नागर विमानन अपेक्षाएँ (सीएआर) खंड 3 वायु परिवहन श्रृंखला ड, भाग ॥, नामतः सार्वजनिक परिवहन उपक्रमों के यात्रियों को एयरलाइन टिकटों की धन-वापसी, यह बताता है कि ट्रैवल एजेंट/पोर्टल के माध्यम से खरीदे गए टिकट के मामले में, धन-वापसी दायित्व एयरलाइनों का होगा, चूंकि एजेंट उनके द्वारा नियुक्त प्रतिनिधि होते हैं। एयरलाइन यह सुनिश्चित करेंगे कि धन-वापसी की प्रणाली 30 कार्य दिवसों के भीतर पूरी कि जाए। ऐसी शिकायतों के समाधान के लिए इन्हें एयरलाइनों के समक्ष भी रखा जाता है।

(ड.) ऐसा कोई प्रस्ताव वर्तमान में विचाराधीन नहीं है।

(च) प्रश्न नहीं उठता।

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