HomeNewsINCOME TAX

बजट में नौकरीपेशा के लिए बढ़ सकती है 80सी में छूट की सीमा, 75,000 रुपये हो सकती है स्टेंडर्ड डिडक्‍शन की सीमा

बजट में नौकरीपेशा के लिए बढ़ सकती है 80सी में छूट की सीमा, 75,000 रुपये हो सकती है स्टेंडर्ड डिडक्‍शन की सीमा

बजट में नॉकरीपेशा के लिए बढ़ सकती है 80सी में छूट की सीमा

2014-15 में आखिरी बार बढ़ी थी लिमिट, अब 2.5 लाख रुपये करने की मांग

नई दिल्‍ली। आम बजट 2023 की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सरकार एक फरवरी, 2023 को पेश होने वाले बजट में नौकरीपेशा के लिए आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत निवेश पर छूट और स्टैंडर्ड डिडक्शन की सीमा को बढ़ा सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि कर संग्रह के मोर्चे पर चालू बित्त वर्ष सरकार के लिए अच्छा रहा है। वैश्विक चुनौतियों के बीच बजट में अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने पर जोर रहेगा। यह तभी संभव है, जब खपत को बढ़ावा मिले।

75,000 रुपये हो सकती है स्टेंडर्ड डिडक्‍शन की सीमा बढ़कर 50,000 रुपये से

सूत्रों की मानें तो सरकार 80सी के तहत छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 2.5 लाख रुपये कर सकती है। इसमें 2014-15 के बाद से कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसके अलावा, स्टैंडर्ड डिडक्‍शन की मौजूदा 50,000 रुपये की सीमा को बढ़कर 75,000 रुपये किया जा सकता है। इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया ने कहा, 80सी का दायरा बढ़ाने से लोगों को बचत का मौका मिलेगा।

करमुक्‍त हो सकती है 5 लाख तक आय

विशेषज्ञों ने कहा, 2023-24 के बजट में करमुक्त आय की सीमा को भी बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जा सकता है। मौजूदा नियमों के मुताबिक, नौकरीपेशा के लिए 2.5 लाख रुपये तक की कमाई करमुक्त है। वरिष्ठ नागरिकों के लिए यह सीमा 3 लाख रुपये और सुपर वरिष्ठ नागरिकों (80 साल) के लिए 5 लाख रुपये है।

वजह जिससे बढ़ती है राहत की उम्‍मीद

  • सरकार को 2022-23 में अब तक प्रत्यक्ष कर संग्रह के रूप में करीब 26% ज्यादा कमाई हुई है।
  • शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में भी 20 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
  • टीडीएस कटौती और कॉरंपोरेट कर संग्रह का प्रदर्शन भी अच्छा रहा है।
  • 2024 में देश में आम चुनाव होने हैं। करदाताओं को राहत देकर सरकार चुनाव में इस मौके को भुनाना चाहेगी।

पीपीएफ के लिए अलग से छूट की मांग

सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ ) में योगदान की सालाना सीमा को मौजूदा 1.5 लाख रुपये से बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने का भी सुझाव दिया गया है। इसमें कई वर्षों से कोई इजाफा नहीं हुआ है।

  • विशेषज्ञों का कहना है कि जीवन बीमा योजना, बच्चों की ट्यूशन फी, म्यूचुअल फंड की कर योजनाएं पहले से ही 80सी के दायरे में आती हैं। इसलिए, पीपीएफ में पर्याप्त योगदान की गुंजाइश नहीं बचती है। इसके लिए अलग से छूट का प्रावधान होना चाहिए।

80-c-deduction-limit-can-be-increased-in-budget

श्रोत: अमर उजाला

COMMENTS

WORDPRESS: 0