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सेवा में व्यवधान के प्रभाव और सेवा में व्यवधान को माफ किए जाने के संबंध में उपबंध – केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021

सेवा में व्यवधान के प्रभाव और सेवा में व्यवधान को माफ किए जाने के संबंध में उपबंध – केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021

सं. 28/90/2022-पी&पीडब्ल्यू(बी)/8297
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग

तीसरी मंजिल, लोक मायक भवन; खान मार्केट,
नई दिल्‍ली, दिनांक 02 अक्तूबर, 2022

कार्यालय ज्ञापन

विषयः केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021 के अधीन सेवा में व्यवधान के प्रभाव और सेवा में व्यवधान को माफ किए जाने के संबंध में उपबंध।

अधोहस्ताक्षरी को यह सूचित करने का निदेश हुआ है कि पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग ने केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 का अधिक्रमण करते हुए केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021 को अधिसूचित किया है।

2. केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021 के मियम 27 के अनुसार, सरकारी कर्मचारी की सेवा में व्यवधान से, निम्नलिखित मामलों के सिवाय, उसकी विगत सेवा समपहत हो जाएगी, अर्थात (क) अनुपस्थिति की प्राधिकृत छुट्टी; (ख) अनुपस्थिति की प्राधिकृत छुट्टी के अनुक्रम में अप्राधिकृत अनुपस्थिति तक जब तक अनुपस्थित व्यक्ति का पद अधिष्ठायी रूप से भर न लिया जाए; (ग) निलंबन, वहां जहां उसके ठीक पश्चात उसी पद में या किसी भिन्‍न पद में बहाली की गई हो, अथवा वहां जहां सरकारी कर्मचारी मर जाता है या निलंबित रहते हुए उसे सेवानिवृत्त होने दिया जाता है अथवा अधिवर्षिता की आयु प्राप्त कर लेने पर सेवानिवृत्त कर दिया जाता है; (घ) सरकार के नियंत्रणाधीन किसी स्थापन में किसी अनहक सेवा में स्थानांतरण, यदि ऐसे स्थानांतरण का आदेश सक्षम प्राधिकारी ने लोकहित में दिया हो; (3) कार्यग्रहण अवधि जब वह एक पद से किसी दूसरे पद पर स्थानांतरण पर हो। नियम 27 में, आगे और यह प्रावधान है कि नियुक्ति करने वाला प्राधिकारी, आदेश द्वारा, बिना छुट्टी की अनुपस्थिति की अवधियों को असाधारण छुट्टी के रूप में भूतलक्षी प्रभाव से परिवर्तित कर सकेगा।

3. केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021 के नियम 28 के अनुसार, सेवा पुस्तिका में तत्‌प्रतिकूल विनिर्दिष्ट संकेत के न होने पर, किसी सरकारी कर्मचारी द्वारा सरकार के अधीन की गई सिविल सेवा के, जिसके अंतर्गत की गई ऐसी सिविल सेवा भी है जिसके लिए संदाय रक्षा सेवा प्राककलनों या रेल प्राककलनों से किया गया है, दो अवधियों के बीच का व्यवधान, स्वतः ही माफ़ किया गया समझा जाएगा और व्यवधान-पूर्व सेवा अहैँक सेवा समझी जाएगी। व्यवधान का स्वतः माफ़ किये जाने वाला उपबंध, पदत्याग, पदच्युति या सेवा से हटाये जाने या किसी हड़ताल में भाग लेने के कारण हुए व्यवधान को लागू नहीं होगा। तथापि, नियुक्ति प्राधिकारी सेवा में व्यवधान को माफ करने पर विचार कर सकेगा और व्यवधान-पूर्व सेवा को अर्हक सेवा के रूप में समझा जा सकेगा।

4. सेवा में व्यवधान को माफ न किए जाने का निर्णय केवल अपवादी और गंभीर परिस्थितियों में ही लिया जा सकेगा और सरकारी कर्मचारी को अपना पक्ष रखने का और व्यक्तिगत रूप से सुने जाने का उचित अवसर दिए बिना, सेवा में व्यवधान की माफी नहीं देने का ऐसा कोई आदेश नियुक्ति प्राधिकारी द्वारा पारित नहीं किया जाएगा।

5. सभी मंत्रालयों/विभागों से अनुरोध है कि केंद्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 2021 के अधीन सेवा में व्यवधान के प्रभाव और सेवा में व्यवधान को माफ किए जाने के संबंध में उपरोक्त उपबंधों का सख्ती से अनुपालन करने हेतु, इन्हें मंत्रालय/विभाग और उसके अधीन संबदध/अधीनस्थ कार्यालयों में पेंशन हितलाभों का निपटान करने वाले कार्मिकों के संज्ञान में लाएं।

(एस. चक्रवर्ती)
अवर सचिव, भारत सरकार

सेवा में,
सभी मंत्रालय/विभाग/संगठन,
(मानक सूची के अनुसार)

In English : Effect of interruption in service and condonation of interruption in service – Provision under the Central Civil Services (Pension) Rules, 2021

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