SC/ST/OBC Welfare Association, is any provision to recognize? – अजा/अजजा/अपिव कल्याण संघ, क्या मान्यता प्रदान करने का कोई प्रावधान है
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS
(DEPARTMENT OF PERSONNEL & TRAINING)
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 1795
(TO BE ANSWERED ON 27.07.2022)
SC/ST/OBC WELFARE ASSOCIATION
1795. DR. ALOK KUMAR SUMAN:
Will the PRIME MINISTER be pleased to state:
(a) whether there is any provision to recognize or form SC/ST Employees welfare Association and OBC Employees welfare Association in any particular Ministry/Department/ PSUs/ Autonomous organizations by the employees belonging to SCs/STs and OBCs respectively;
(b) if so, the details thereof;
(c) if not, the grievance redressal mechanism put in place to resolve the complaints of the employees who have been victimized on the caste or class ground in terms of promotions, transfers and postings;
(d) the number of complaints received from the employees belonging to SCs/STs and OBCs who have faced discrimination on caste grounds in terms of promotions, transfers and postings in various Ministries, Departments, PSUs and Autonomous organizations under the Government during the last three years; and
(e) the number of complaints resolved and pending as on date?
ANSWER
MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF PERSONNEL, PUBLIC GRIEVANCES AND PENSIONS AND MINISTER OF STATE IN THE PRIME MINISTER’S OFFICE (DR. JITENDRA SINGH)
(a) & (b): Recognition of Service Associations of central government employees is regulated under the Central Civil Services (Recognition of Service Association), Rules 1993, which, inter- alia, provide that membership of Service Associations shall be restricted to distinct category of government servants having common service interest and that such Associations shall not be formed to represent the interests, or on the basis of any caste, tribe or religious denomination or any group within or section of such caste, tribe or of religious denomination. These rules apply to Service Associations of all government servants, including civilian government servants in the Defence Services but do not apply to industrial employees of the Ministry of Railways and workers employed in Defence Installations of Ministry of Defence for whom separate rules of recognition exist.
(c) to (e): Adequate provisions and safeguards exist to protect the interests of employees belonging to SCs, STs and OBCs. As per DoP&T instructions, dated 04.01.2013, each Ministry / Department is required to designate an officer of the rank of Deputy Secretary or above as Liaison Officer for SCs, STs and OBCs, who ensures proper implementation of the reservation policy, conducts annual inspection of the reservation rosters and reports the cases of negligence to the Secretary/Addl. Secretary of the Ministry/Department. To deal with the grievances/matters of employees (including SC/ST employees), a mechanism of the Joint Consultative Machinery (JCM) at national level, department level and office level exists which also provides a platform to promote harmonious relationship between the Government and all its employees. The complaints and grievances of the SC/ST/OBC employees are required to be looked into and resolved by the concerned Ministry/Department at their own level, as stated above.
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भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या: 1795
(दिनांक 27.07.2022 को उत्तर के लिए)
अजा/अजजा/अपिव कल्याण संघ
1795. डॉ. आलोक कुमार सुमन :
क्या प्रधान मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या किसी मंत्रालय विशेष/विभाग/स्वायत्त संगठनों में अजा/अअजजा और अपिव समुदाय के कर्मचारियों के लिए क्रमशः अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ और अन्य पिछड़ा वर्ग कर्मचारी कल्याण संघों को मान्यता प्रदान करने या इनका गठन करने का कोई प्रावधान है;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ग) यदि नहीं, तो पदोन्नति, स्थानान्तरण और पोस्टिंग के मामले में जाति या वर्ग के आधार पर पीड़ित कर्मचारियों की शिकायतों को हल करने के लिए क्या शिकायत निवारण तंत्र स्थापित किया गया है;
(घ) गत तीन वर्षों के दौरान सरकार के अधीन विभिन्न मंत्रालयों, विभागों, सरकारी उपक्रमों और स्वायत्त संगठनों में पदोन्नति, स्थानानन््तरण और पोस्टिंग के मामले में जाति के आधार पर भेदभाव का सामना करने वाले अनुसूचित जाति।अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के कर्मचारियों से कितनी शिकायतें प्राप्त हुई हैं; और
(ङ) आज की तिथि के अनुसार कितनी शिकायतों का समाधान किया गया और कितनी शिकायतें लंबित हैं?
उत्तर
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री तथा प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री (डॉ. जितेन्द्र सिंह)
(क) और (ख) : केन्द्र सरकारी कर्मचारियों की सेवा एसोसिएशन की मान्यता को केन्द्रीय सिविल सेवा (सेवा एसोसिएशन की मान्यता) नियम, 1993 के अधीन विनियमित किया जाता है, जो अन्य बातों के साथ-साथ यह उपबंध करते हैं कि सेवा एसोसिएशन की सदस्यता समान सेवा हित वाले सरकारी सेवकों की विशिष्ट श्रेणी तक सीमित होगी और ऐसी एसोसिएशन किसी जाति, जनजाति या धार्मिक मान्यता या ऐसी जाति, जनजाति या धार्मिक मान्यता के किसी समूह या वर्ग के आधार पर या उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए नहीं बनाया जाएगा। ये नियम रक्षा सेवाओं के असैनिक सरकारी सेवकों सहित सभी सरकारी सेवकों के सेवा एसोसिएशनों पर लागू होते हैं परंतु रेल मंत्रालय के औद्योगिक कर्मचारियों तथा रक्षा मंत्रालय के रक्षा प्रतिष्ठानों में नियोजित कामगारों, जिनके लिए मान्यता के पृथक नियम विद्यमान हैं, पर लागू नहीं होते हैं।
(ग) से (ङ) : अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों एवं अन्य पिछड़े वर्गों के कर्मचारियों के हितों को संरक्षित करने के लिए पर्याप्त प्रावधान और सुरक्षोपाय मौजूद हैं। कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 04.01.2013 के अनुदेशों के अनुसार, प्रत्येक मंत्रालय/विभाग को अजा, अजजा और अपिव के लिए संपर्क अधिकारी के रूप में उप सचिव या ऊपर के रैंक के एक अधिकारी को नामोदिष्ट करना अपेक्षित है, जो आरक्षण नीति का समुचित कार्यान्वयन सुनिश्चित करता है, आरक्षण रोस्टरों का वाषिक निरीक्षण संचालित करता है तथा इसमें लापरवाही की रिपोर्ट मंत्रालय/विभाग के सचिव/अपर सचिव को देता है। कर्मचारियों (अजा/अजजा कर्मचारियों सहित) की शिकायत/मामले की देखरेख करने के लिए राष्ट्रीय स्तर, विभागीय स्तर और कार्यालय स्तर पर संयुक्त परामर्शदायी मशीनरी (जेसीएम) का कार्यतंत्र मौजूद है, वह भी सरकार और इसके सभी कर्मचारियों के बीच सामंजस्यपूर्ण संबंध को बढ़ाने के लिए एक मंच मुहैयया करवाता है। जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, अजा/अजजा/अपिव कर्मचारियों की शिकायतों और समस्याओं को संबंधित मंत्रालय/विभाग द्वारा अपने स्तर पर देखकर उनका समाधान करना अपेक्षित होता है।
Source: Rajya Sabha PDF
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