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National Pension Scheme (NPS) and Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-1995)  राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) एवं कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) 

National Pension Scheme (NPS) and Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-1995)  राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) एवं कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95)

Ministry of Finance
Department of Expenditure
LOK SABHA
UNSTARRED QUESTION NO.2455
TO BE ANSWERED ON, 01st AUGUST, 2022/SRAVANA 10 1944 (SAKA)

National Pension Scheme

QUESTION

2455: Shri Vinayak Raut:
Shri Arvind Ganpat Sawant:
Shrimati Ranjanben Dhananjay Bhatt:
Will the Minister of FINANCE be pleased to state:

(a) whether the pensioners of Employees’ Pension Scheme 1995 (EPS-95) are being provided thy facility of new pension at present,

(b) the details of the percentage of monthly contributions of Government in National Pension Scheme (NPS) for all the employees of Union Government;

(c) the details of the percentage of monthly contribution in the NPS by the Government for all the employees of Central autonomous bodies under various central Ministries:

(d) the appropriate steps taken by the Government to provide suitable pension and other facilities to the pensioners under EPS-95; and

(e) whether the Government is considering to make NPS easier and if so. the details thereof and if not. the reasons therefor?

ANSWER

MINISTER OF STATE FOR FINANCE (SHRI PANKAJ CHOUDHARY)

(a) The Employees’ Pension Scheme (EPS). 1995 is a ‘Defined Contribution-Defined Benefit Social Security Scheme managed by the Ministry of Labour and Employment. The corpus of thy Employees’ Pension Fund is made up of (1) contribution by the employer @ 8.33 per cent of wages and (ii) contribution from Central Government through budgetary support @ 1.16 per cent of wages up to an amount of Rs.15.000/- per month. All benefits under the scheme are paid out of such accumulations. The fund is valued annually as mandated under paragraph 32 of the EPS, 1995 and as per the valuation of the fund as on 31 03.2019, there is an actuarial deficit.

Amount of member’s pension under the Scheme is determined taking into account the pensionable period of service and pensionable salary as per following formula:

Pensionable Service X Pensionable Salary/ 70

However, the Government, for the first time, in the year 2014, provided a minimum pension of Rs. 1.000/- per month to the pensioners under the EPS, 1995 by providing budgetary support. which was in addition to the budgetary support of 1.16% of wages provided annually towards EPS to Employees’ Provident Fund Organisation (EPFO).

Further, National Pension System (NPS) is a contributory pension system which was introduced by the Government of India to replace the defined benefit pension system (Old Pension Scheme). vide notification number F. No.5/7/2003-ECB&PR, dated 22nd December, 2003. The NPS is administered under the PFRDA Act, 2013. NPS was made mandatory for all new recruits to the Central Government service from 1st January, 2004, (except the armed forces). This has also been rolled out for all citizens (resident or non-resident) aged between 18 and 70 years with effect from May, 2009, on voluntary basis.

(b) The monthly contribution of Government in NPS for all the employees of Union Government was 10 percent of the Basic Pay plus Dearness Allowance w.e.f 01.01.2004 which has been enhanced to 14 percent of Basic Pay plus Dearness Allowance w.e.f. 01.04.2019.

(c) The monthly contribution of Government in NPS for all the employees of Central autonomous bodies under various Central Ministries was 10 percent of the Basic Pay plus Dearness Allowance w.e.f 01.01.2004 which has been enhanced to 14 percent of Basic Pay plus Dearness Allowance w.e.f. 01.04.2019.

(d) Earlier there was no provision under EPS, 1995 for restoration of normal pension alter commutation. However, the Government vide G.S.R. 132 (E) dated 20.02.2020 notified decision restoration of normal pension after completion of fifteen years from the date of such commutation respect of those members who availed the benefit of commutation of pension under the erstwhile paragraph 12A of the EPS, 1995, on or before 25.09.2008.

(e) Government of India has taken a number of steps for streamlining NPS for Central Government employees. These include enhancement of Government’s contribution from the earlier 10% of Pay + DA to 14% of Pay + DA, freedom of choice for selection of Pension Funds and pattern of investment to subscribers, payment of compensation for non-deposit or delayed deposit of NPS contributions for any period during 2004-2012, tax exemption under Section 80C of the Income Tax Act, 1961, and increase in tax exemption limit for lump sum withdrawal on exit from earlier 40% to 60% of the amount due, making the entire withdrawal exempt from income tax. The contribution by the Government employees under Tier-II of NPS is covered under Section 80C of the Income Tax Act, 1961, for deduction up to Rs. 1.50 lakh for the purpose of income tax, provided that there is a lock-in period of 3 years.

Further, Pension Fund Regulatory and Development Authority (PFRDA) is making constant efforts to make on-boarding of NPS subscribers, for all transactional activities under NPS including Exit from the system upon superannuation, an easier and comfortable experience through digitization of the activities like Direct Remittance (D-Remit) Facility for ease of contributions by the NPS subscribers, OTP based authentication to provide paperless on boarding experience, Offline Aadhar based KYC and regularly conducting Annuity Literacy Programs to create awareness of exit process and annuity schemes.

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भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग

लोक सभा

लिखित प्रश्न संख्या – 2455
सोमवार, 7 अगस्त, 2022/10 श्रावण, 1944 (शक)

राष्ट्रीय पेंशन योजना

प्रश्न

2455. श्री विनायक राऊत:
श्री अरविंद गणपत सावंत:
श्रीमती रंजनबेन धनंजय भट्ट:

क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(1) क्या कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 (ईपीएस-95) के पेंशनभोगियों को वर्तमान में नई पेंशन की सुविधा प्रदान की जा रही है;
(2) केन्द्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए राष् ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में सरकार के मासिक योगदान के प्रतिशत का ब्यौरा क्या है;
(3) विभिन न केंद्रीय मंत्रालयों के तहत केंद्रीय सं वायत्त निकायों के सभी कर्मचारियों के लिए सरकार द्वारा राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) में मासिक योगदान के प्रतिशत का ब्‍यौरा क्या है;
(4) ईपीएस-95 के तहत पेंशनभोगियों को उपयुक्त पेंशन और अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा क्या उचित कदम उठाए गए हैं; और
(5) क्या सरकार एनपीएस को आसान बनाने पर विचार कर रही है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके कया कारण हैं?

उत्तर

वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी)

(क) कर्मचारी पेंशन योजना, 1995 श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा एक परिभाषित अंशदायी- परिभाषित लाभ’ सामाजिक सुरक्षा योजना है। कर्मचारी पेंशन निधि की समग्र राशि (i) कर्मचारियों द्वारा वेतन के 8.33 प्रतिशत की दर से अंशदान से तथा (ii) बेतन के 1.16 प्रतिशत की दर पर केंद्र सरकार द्वारा 15,000/-रुपए प्रति माह तक की राशि के बजट सहयोग के अंशदान से तैयार होती है। इस योजना के तहत सभी लाभों का भुगतान ऐसे संचयन से किया जाता है। निधि का मूल यांकन वार्षिक रूप से किया जाता है जैसा कि ईपीएस, 1995 के पैरा 32 के तहत अधिदेशित है तथा 31.03.2019 तक निधि के मूल्यांकन के अनुसार बीमांकिक घाटा है।

योजना के तहत सदस्य की पेंशन की राशि का निर्धारण सेवा की पेंशन योग्य अवधि और पेंशन योग्य वेतन को ध्यान में रखते हुए निम्न सूत्र के अनुसार किया जाता है:

पेंशन योग्य सेवा X पेंशन योग्य वेतन / 70

तथापि, सरकार ने ईपीएस, 1995 के तहत पहली बार वर्ष 2014 में पेंशनभोगियों को बजटीय सहायता प्रदान करके न्यूनतम 1,000 /- रुपए प्रति माह पेंशन प्रदान की जो कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) को ईपीएस के लिए सालाना प्रदान किए जाने वाले वेतन के 1.15% के बजटीय सहयोग के अतिरिक्त थी।

इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) एक अंशदायी पेंशन प्रणाली है जिसे भारत सरकार द्वारा दिनांक 22 दिसंबर, 2003 की अधिसूचना संख्या एफ.सं.5/7/2003 -ईसीबी एंड पीआर के तहत परिभाषित लाभ पेंशन प्रणाली (पुरानी पेंशन योजना) के स्थान पर शुरू किया गया था। एनपीएस का संचालन पीएफआरडीए अधिनियम, 2013 के तहत किया जाता है। एनपीएस को केंद्र सरकार सेवा की सभी नई भर्तियों के लिए । जनवरी, 2004 से अनिवार्य बनाया गया था (सशस्त्र बलों को छोड़कर )। इसे 1 मई, 2009 से 18 से 70 वर्ष की आयु वाले सभी नागरिकों (निवासी अथवा प्रवासी) के लिए भी स्वैच्छिक आधार पर प्रारंभ किया गया है।

(ख) केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए 01.01.2004 से एनपीएस में सरकार का मासिक अंशदान मूल वेतन एवं महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत था जिसे 01.04.2019 से बढ़ाकर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

(ग) विभिन्‍न केंद्रीय मंत्रालयों के तहत केंद्रीय स्वायत्त निकायों के सभी कर्मचारियों के लिए 01.01.2004 से एनपीएस में सरकार का मासिक अंशदान मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 10 प्रतिशत था जिसे 01.04.2019 से बढ़ाकर मूल वेतन और महंगाई भत्ते का 14 प्रतिशत कर दिया गया है।

(घ) पहले ईपीएस, 1995 के तहत संराशीकरण के बाद सामान्य पेंशन की बहाली के लिए कोई प्रावधान नहीं था। तथापि, सरकार ने दिनांक 20.02.2020 के जी.एस.आर.132 (ई) के द्वारा उन सदस्यों के संबंध में, जिन्होंने पूर्ववर्ती ईपीएस, 1995 के पैरा 12क के तहत 25.09.2006 को या उससे पहले इस तरह के संराशीकरण की तारीख से पंद्रह साल पूरे होने के बाद पेंशन के संराशिकरण का लाभ प्रास किया था, सामान्य पेंशन की बहाली हेतु निर्णय अधिसूचित किया था।

(ड.) भारत सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए एनपीएस को सुव्यवस्थित करने हेतु कई कदम उठाए हैं। इनमें पहले के वेतन + डीए के 10% को वेतन + डीए के 14% तक के सरकार के अंशदान को बढाना, पेंशन फंड के चयन और ग्राहकों को निवेश के पैटर्न की स्वतंत्रता, 2004-2012 के दौरान किसी भी अवधि के लिए एनपीएस अंशदान की गैर-जमा या विलंबित जमा के लिए मुआवजे का भुगतान, आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत कर में छूट और निर्गम पर एकमुश्त निकासी के लिए कर छूट की सीमा में पहले के 40% को बढ़ाकर 60% करनों, संपूर्ण निकासी को आयकर से छूट प्रदान करना शामिल है। एनपीएस के टियर- II के तहत सरकारी कर्मचारियों द्वारा अंशदान आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 80 सी के तहत आयकर के प्रयोजन के लिए 1.50 लाख रुपये तक की कटौती के लिए कवर किया गया है, बशर्ते कि 3 वर्ष की लॉक-इन अवधि हो।

इसके अलावा, पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) एनपीएस के तहत सभी लेन-देन संबंधी गतिविधियों हेतु एनपीएस ग्राहकों की ऑन-बोर्डिंग करने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है, जिसमें सेवानिवृत्ति पर सिस्टम से निर्गम, डिजिटलीकरण के माध्यम से एनपीएस ग्राहकों द्वारा प्रत्यक्ष प्रेषण (डी-रेमिट) सुविधा, जैसी गतिविधियों के माध्यम से एक आसान और सुविधाजनक अनुभव प्रदान करना, कागजरहित ऑनबोर्डिंग अनुभव प्रदान करने के लिए ओटीपी आधारित प्रमाणीकरण, ऑफलाइन आधार आधारित केवाईसी और निकास प्रक्रिया एवं वाषिकी योजनाओं के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए नियमित रूप से वार्षिकी साक्षरता कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है ।

Source: Lok Sabha PDF

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