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Central Ordnance Depot: OFB has reorganized in 7 new DPSUs for meeting supply targets across the Ordnance Depots

Central Ordnance Depot: In Order to streamline production, shorten the delays and to improve their accountability, OFB has been reorganized into 7 new DPSUs for meeting supply targets across the Ordnance Depots.

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF DEFENCE
DEPARTMENT OF MILITARY AFFAIRS
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 2455
TO BE ANSWERED ON 08th August, 2022

CENTRAL ORDNANCE DEPOT

2455 DR. SANTANU SEN:
Will the Minister of Defence be pleased to state:

(a) the reasons behind the delay in orders of over ₹700 crore which have not been met for 19 years by Central Ordnance Depot (COD), Agra as per the CAG report on inventory management in ordnance services;

(b) the details of such delay in orders across the Ordnance Depots in the country; and

(c) by when such orders will be met across the Ordnance Depots?

ANSWER

MINISTER OF STATE (SHRI AJAY BHATT)
IN THE MINISTRY OF DEFENCE

(a)& (b):The orders have been pending from different defence industries, including erstwhile Ordnance Factory Board (OFB), DPSUs and Private industries over many years. The reasons for delays have been obsolescence, time taken in trials/specialized testing, capacity limitations, delay in receipt of product support from the Original Equipment Manufacturers (OEMs). These reasons have led to delays in supplies of stores (less ammunition) worth Rs. 991.03 Cr. of all CODs from erstwhile OFB and DPSUs.

(c): In Order to streamline production, shorten the delays and to improve their accountability, OFB has been reorganized into 7 new DPSUs for meeting supply targets across the Ordnance Depots.

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भारत सरकार
रक्षा मंत्रालय
सैन्य कार्य विभाग

राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संखया 2455
08 अगस्त, 2022 को उत्तर के लिए

केन्द्रीय आयुध डिपो

2455. डा. सांतनु सेन:

क्या रक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि :

(क) आयुध सेवाओं में वस्तु-सूची प्रबंधन संबंधी नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक के प्रतिवेदन के अनुसार, केन्द्रीय आयुध डिपो (सीओडी), आगरा द्वारा 19 वर्षों से 700 करोड़ रुपये से अधिक के क्रय आदेश को पूरा नहीं किए जाने के पीछे कया कारण हैं ;

(ख) देश में सभी आयुध डिपो द्वारा क्रय आदेशों को पूरा करने में इस प्रकार के विलंब का ब्यौरा क्‍या है ; और

(ग) सभी आयुध डिपों में इस प्रकार के क्रय आदेशों को कब तक पूरा कर लिया जाएगा ?

उत्तर

रक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री अजय भट्ट)
(क) और (ख): क्रय आदेश कई वर्षों से पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी), सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) और निजी उद्योगों सहित विभिन्न रक्षा उद्योगों के पास लंबित रहे हैं। विलम्ब होने के कारणों में अप्रचलन, परीक्षणों / विशिष्ट जांच में लगा समय, क्षमता सीमाएं, मूल उपस्कर विनिर्माताओं (ओईएम) की ओर से उत्पाद सहायता प्राप्त होने में विलम्ब होना सम्मिलित हैं। इन कारणों की वजह से पूर्ववर्ती आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) और सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) की ओर से सभी केन्द्रीय आयुध डिपो (सीओडी) के 991.03 करोड़ रु. मूल्य के स्टोर्स (कम गोलाबारूद) की आपूर्ति में विलम्ब हुआ है।

(ग): उत्पादन प्रक्रिया को सरल बनाने, विलंब को कम करने और उनकी जवाबबदेही में सुधार करने के क्रम में आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी), की 07 नए सार्वजनिक क्षेत्र के रक्षा उपक्रमों (डीपीएसयू) के रूप में पहचान की गई है ताकि सभी आयुध डिपो में आपूर्ति लक्ष्यों को पूरा किया जा सके ।

Source: Rajya Sabha PDF

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