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Pension Rules for JNV Employees जवाहर नवोदय विद्यालय के कर्मचारियों के लिए पेंशन नियम

Pension Rules for JNV Employees जवाहर नवोदय विद्यालय के कर्मचारियों के लिए पेंशन नियम

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF EDUCATION
DEPARTMENT OF SCHOOL EDUCATION & LITERACY

LOK SABHA

UNSTARRED QUESTION NO. 52
TO BE ANSWERED ON 18.7.2022

Pension Rules for JNV Employees

52. SHRI RAJMOHAN UNNITHAN:

Will the Minister of EDUCATION be pleased to state:

(a) | whether the Government noticed that Jawahar Navodaya Vidyalayas employees/ Staffs who have joined on or before 1 January 2004 are not entitled to get a CCS pension (1972) as per rules; and

(b) if so, the reasons therefor?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF EDUCATION
(SMT. ANNPURNA DEVI)

(a) & (b): Department of Pension and Pensioners’ Welfare issued an Office Memorandum dated 01.05.1987 whereby all Contributory Provident Fund (CPF) beneficiaries, who were in service as on 01.01.1986 would be deemed to have come over to the Pension Scheme, unless specifically opted to remain under the CPF Scheme. The employees of NVS had been given the benefits of CPF Scheme w.e.f. 01.04.1988. The matter to extend the benefit of CCS (Pension) Rules, 1972 to NVS employees who joined prior to 01.01.2004 has been considered by the Ministry from time to time in consultation with Ministry of Finance and Department of Pension and Pensioners’ Welfare. However, it has not been agreed to, as it would be against the policy regime of the Government of India in terms of Department of Expenditure’s directives dated 16.03.2000. The New Pension Scheme (now National Pension System) (NPS), which was introduced for the Central Government employees w.e.f. 01.01.2004, was made applicable to the regular employees of NVS w.e.f. 01.04.2009. Those employees who had joined NVS on regular basis before 01.04.2009 were given an option to continue with the existing CPF Scheme or to join the NPS. Those employees of NVS who have opted for and are covered under the NPS, are entitled to the benefits envisaged under this Scheme. The staff of NVS are entitled to benefits of either the CPF Scheme or the NPS Scheme having regard to the option exercised by them.


भारत सरकार
शिक्षा मंत्रालय
स्कूल शिक्षा और साक्षारता

लोक सभा

अतारांकित प्रश्न संख्या:52
उत्तर देने की तारीख:18.07.2022

जवाहर नवोदय विद्यालय के कर्मचारियों के लिए पेंशन नियम

152. श्री राजमोहन उन्‍नीथन:
क्या शिक्षा मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्‍या सरकार ने ध्यान दिया है कि 1 जनवरी 2004 को या उससे पहले जवाहर नवोदय विद्यालय कार्यभार ग्रहण करने वाले कर्मचारी/स्टॉफ नियमानुसार सीपीएस पेंशन (1972) पाने के हकदार नहीं हैं; और

(ख) यदि हाँ, तो इसके क्या कारण हैं?

उत्तर

शिक्षा मंत्रालय में राज्य मंत्री
(श्रीमती अन्नपूर्णा देवी)

(क) और (ख) : पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग ने दिनांक 01.05.1987 को एक कार्यालय ज्ञापन जारी किया जिसके तहत सभी अंशदायी भविष्य निधि (सीपीएफ़) लाभार्थी, जो 01.01.1986 को सेवा में थे, को पेंशन योजना में शामित्र माना जाएगा जब तक कि विशेष रूप से सीपीएफ़ योजना के तहत रहने का विकल्‍प नहीं चुना जाता है। एनविएस के कर्मचारियों को 01.04.1988 से सीपीएफ योजना का लाभ दिया गया था। सीसीएस (पेंशन) नियम, 1972 का लाभ 01.01.2004 से पहले कार्यभार ग्रहण करने वाले एनविएस कर्मचारियों को देने के मामले पर मंत्रालय द्वारा समय-समय पर वित्त मंत्रालय और पेंशन और पेंशन भोगी कल्याण विभाग के परामर्श से विचार किया गया है। हालांकि इस पर सहमति नहीं बनी है, क्योंकि यह व्यय विभाग के दिनांक 16.03.2000 के निर्देशों के अनुसार भारत सरकार की नीतिगत व्यवस्था के विरुद्ध होगा। नई पेंशन योजना (अब राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली) (एनपीएस), जो केंद्र सरकार के कर्मचारियों के 01.01.2004 से लागू गई थी, को एनविएस के नियमित कर्मचारियों पर 01.04.2009 से लागू किया गया था। जो कर्मचारी 01.04.2009 से पहले नियमित आधार पर एनविएस में कार्यभार ग्रहण किये हुए थे, उन्हें मौजूदा सीपीएफ योजना को जारी रखने या एनपीएस में शामिल्र होने का विकल्‍प दिया गया था। एनविएस के वे कर्मचारी जिन्होंने एनपीएस का विकल्प चुना है और एनपीएस के अंतर्गत आते हैं, वे इस योजना के तहत शामिल लाभों के हकदार हैं। एनविएस के कर्मचारी उनके द्वारा प्रयोग किये विकल्प के संबंध में या तो सीपीएफ़ योजना या एनपीएस योजना के लाभों के हकदार हैं।

Source: Lok Sabha PDF

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