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Maternity Benefits under the Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017

Maternity Benefits under the Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017 through the labour department in the years 2019-20, 2020-21 and 2021-22

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF LABOUR AND EMPLOYMENT
RAJYA SABHA

UNSTARRED QUESTION NO. 560
TO BE ANSWERED ON 21.07.2022

MATERNITY BENEFITS UNDER THE MATERNITY BENEFIT (AMENDMENT) ACT, 2017

560. PROF. MANOJ KUMAR JHA:

Will the Minister of Labour and Employment be pleased to state:

(a)the number of construction, mine and factory workers who have received maternity benefits under the Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017 through the labour department in the years 2019-20, 2020-21 and 2021-22; and

(b)the number of creches being run under the Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017, State-wise and Sector-wise data thereof?

ANSWER

MINISTER OF STATE FOR LABOUR AND EMPLOYMENT (SHRI RAMESWAR TELI)

(a): The Maternity Benefit Act, 1961, as amended vide the Maternity Benefit (Amendment) Act, 2017, provides inter-alia for paid maternity leave to women workers and crèche facility by establishments. The Act is implemented by the Central Government as well as by State Government as appropriate government in their respective spheres which includes establishments engaged as mines, factories and construction.

The maternity benefits are also provided to women workers who are covered under the provisions of Employees’ State Insurance (ESI) Act, 1948. Every woman, entitled to the payment of maternity benefit under the Maternity Benefit Act, continues to be covered under this Act until she becomes qualified to claim maternity benefit under the ESI Act, 1948.

The number of women workers who received maternity benefit under ESI Act 1948 during the years 2019-20, 2020-2021 and 2021-22 is as under: –

Years

Number

2019-2020

49200

2020-2021

46327

2021-2022

45610

(b): Data regarding availability of crèches, under the Maternity Benefit Act, 1961, as amended in the year 2017, are not maintained centrally.

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भारत सरकार
श्रम और रोजगार मंत्रालय
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 560
गुरूवार, 21 जुलाई, 2022 / 30 आषाढ़, 1944 (शक)

प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत प्रसूति प्रसुविधा

560. प्रो. मनोज कुमार झा:
क्या श्रम और रोजगार मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) वर्ष 2019-20, 2020-21 और 2021-22 में श्रम विभाग के माध्यम से प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत प्रसूति प्रसुविधा प्राप्त करने वाले निर्माण क्षेत्र, खदान और कारखाने में काम करने वाले श्रमिकों की संख्या कितनी है; और

(ख) प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) अधिनियम, 2017 के तहत संचालित किए जा रहे शिशु गृहों की संख्या कितनी है और इसके राज्य-वार, क्षेत्र-वार आंकड़े क्‍या हैं?

उत्तर

श्रम और रोजगार राज्य मंत्री (श्री रामेश्वर तेली)

(क): प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम, 1961, प्रसूति प्रसुविधा (संशोधन) अधिनियम, 2017 द्वारा यथासंशोधित, में अन्य बातों के साथ-साथ महिला कामगारों के लिए सवेतन प्रसूति अवकाश तथा संस्थानों द्वारा शिशु-गृह सुविधाओं के उपबंध किए गए हैं। यह अधिनियम केन्द्रीय सरकार के साथ साथ समुचित सरकार के रूप में राज्य सरकार द्वारा भी अपने-अपने क्षेत्रों में क्रियान्वित किया जाता है, जिसमें खदानों, कारखानों व निर्माण क्षेत्र में लगे प्रतिष्ठान भी शामिल हैं।

कर्मचारी राज्य बीमा (ईएसआई) अधिनियम, 1948 के उपबंधों के अंतर्गत शामिल महिला कामगारों को भी प्रसूति प्रस॒ुविधा प्रदान किया जाता है। प्रत्येक महिला, जो प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम के अंतर्गत प्रसूति प्रसुविधा के भुगतान के लिए हकदार है, इस अधिनियम के तहत तब तक कवर की जाती है जब तक कि वह ईएसआई अधिनियम, 1948 के तहत प्रसूति प्रसुविधा का दावा करने के लिए योग्य नहीं हो जाती।

ईएसआई अधिनियम, 1948 के अंतर्गत वर्ष 2019-20, 2020-2021, 2021-22 के दौरान प्रसूति प्रसुविधा प्राप्त करने वाली महिला कामगारों की संख्या निम्नानुसार है:-

वर्ष

संख्या

2019-2020

49200

2020-2021

46327

2021-2022

45610

(ख): केन्द्रीय रूप से, प्रसूति प्रसुविधा अधिनियम, 1961, वर्ष 2017 में यथासंशोधित, के अंतर्गत शिशु-गृहों की उपलब्धता के विषय में आंकड़े नहीं रखे जाते।

Source: Rajya Sabha PDF

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