Concession in Railways रेलवे में रियायतें: Reason for abolition and non-resumption of concessions to senior citizens रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतों को समाप्त करने तथा पुन: आरंभ न किए जाने के कारण
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF RAILWAYS
LOK SABHA
STARRED QUESTION NO. 59
TO BE ANSWERED ON 20.07.2022
CONCESSIONS IN RAILWAYS
*59. SHRI MOHAMMED FAIZAL P.P.:
SHRI ANTO ANTONY:
Will the Minister of RAILWAYS be pleased to state:
(a) the reasons for abolition and non-resumption of concessions to senior citizens in Railways despite the easing of the Covid-19 pandemic;
(b) whether the Government has made any assessment on how discontinued concessions is likely to affect the number of senior citizens travelling and how this decision will impact the savings of senior citizens and if so, the details thereof;
(c) whether the Government also intends to offer concessions to passengers in select classes viz. four categories of Divyangjan, eleven categories of patients and students and if so, the details thereof;
(d) the revenue loss occurred due to concessions given to senior citizens since the last three years to Indian Railways; and
(e) whether the Ministry proposes to revoke such ban on concessions specifically for senior citizens, students and sports persons, if so, the details thereof and if not, the reasons therefor?
ANSWER
MINISTER OF RAILWAYS, COMMUNICATIONS AND ELECTRONICS & INFORMATION TECHNOLOGY
(SHRI ASHWINI VAISHNAW)
(a) to (c): Passenger fare in most of the classes is very low. Passenger segment over Indian Railways has suffered recurring loss due to low fare and concessions to different categories of passengers. Indian Railways is already bearing more than 50% of the cost of travel on an average for all passengers including senior citizens on account of lower fare structure for passenger services. Apart from this, due to Covid 19, passenger earnings for the last two years is less in comparison to 2019- 2020. These have long term impact on the financial health of the Railways. Cost of granting concessions weighs heavily on Railways, hence extending scope of concessions to all categories of passengers including senior citizens is not desirable. In spite of these challenges, Indian Railways has continued concession in fare to four categories of persons with disabilities, eleven categories of patients and students.
The number of senior citizen passengers travelled in reserved classes during 2019-20, 2020-21 and 2021-22 are 6.18 crore, 1.90 crore and 5.55 crore respectively. Decrease in travelling of number of senior citizen passengers during 2020-21 and 2021-22 may be in view of Pandemic due to Covid-19.
Railways operate different types of train services like Garib Rath, Rajdhani, Shatabdi, Duronto, Vande Bharat, Gatimaan, Tejas, Humsafar, Mail/Express, Ordinary passenger etc. Apart from this, different classes 1st AC, 2nd AC, 3rd AC, AC Chair Car, sleeper class, second class reserved/Unreserved, etc. are available on different fare structures for the use of passengers including senior citizens who can travel as per their preferences.
Apart from this during 2019-20, 22.62 lakh senior citizen passengers had opted to give up concession scheme in passenger fare and gave up concessions for the sustained development of Railways with better facilities.
(d): Revenue foregone due to concessions in passenger fare to Senior citizen passengers during 2017-18, 2018-19 and 2019-20 for both reserved and unreserved are as under:
Period |
Revenue foregone in ₹ (crore) |
2017-18 |
1491 |
2018-19 |
1636 |
2019-20 |
1667 |
(e): Concessions in passenger fare is already admissible to Students as per Rule. As already reasons mentioned in the reply to Parts (a) to (c) above, restoration of concessions to Senior Citizen and Sports persons Passengers is not desirable.
भारत सरकार
रेल मंत्रालय
लोक सभा
20.07.2022 के
तारांकित प्रश्न सं. 59 का उत्तर
रेलवे में रियायतें
*59., श्री मोहम्मद फैजल पी.पी.;
श्री एंटो एन्टोनी:
क्या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) रेलवे में वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतों को समाप्त करने तथा कोविड-19 वैश्विक महामारी कम होने के बावजूद उन्हें पुन: आरंभ न किए जाने के क्या कारण हैं;
(ख) क्या सरकार ने इस बाबत कोई आकलन किया है कि रियायतों को बंद कर दिए जाने के कारण यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या तथा इस निर्णय से वरिष्ठ नागरिकों की बचत पर क्या प्रभाव पड़ेगा और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ग) क्या सरकार का यात्रियों की चुनिंदा श्रेणियों जैसे कि- दिव्यांगजनों की चार श्रैणियों, रोगियों की ग्यारह श्रेणियों और विद्यार्थियों को रियायतें प्रदान करने का भी इरादा है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(घ) वरिष्ठ नागरिकों को प्रदत्त रियायतों के कारण भारतीय रेल को विगत तीन वर्षों से कितने राजस्व का नुकसान हुआ है; और
(ड) कया मंत्रालय का विचार विशेषकर वरिष्ठ नागरिकों, विद्यार्थियों तथा खिलाड़ियों हेतु रियायतों पर ऐसे प्रतिबंध को हटाए जाने का है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं?
उत्तर
रेल, संचार एवं इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री (श्री अश्विनी वैष्णव)
(क) से (ड़): विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।
रेलवे में रियायतें के संबंध में दिनांक 20.07.2022 को लोक सभा में श्री मोहम्मद फैजल पी.पी. और श्री एंटो एन््टोनी द्वारा पूछे जाने वाले तारांकित प्रश्न सं. 59 के भाग (क) से (ड.) के उत्तर से संबंधित विवरण।
(क) से (ग): अधिकांश श्रेणियों में यात्री किराए बहुत कम हैं। भारतीय रेल में यात्री सेगमेंट को कम किराए और विभिन्न श्रेणियों के यात्रियों को रियायतों के कारण आवर्ती नुकसान उठाना पड़ा है। भारतीय रेल यात्री सेवाओं के लिए कम किराया संरचना के कारण वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी यात्रियों के लिए औसतन यात्रा की लागत का 50% से अधिक पहले से ही वहन कर रही है। इसके अलावा, कोविड 19 के कारण पिछले दो वर्ष से यात्री आमदनी 2019-2020 की तुत्नना में कम है। इससे रेलवे की वित्तीय स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है। रेलवे को रियायतें देने की भारी लागत उठानी पड़ती है, इसलिए, वरिष्ठ नागरिकों सहित सभी श्रेणियों के यात्रियों को रियायतें देने का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है। इन चुनौतियों के बावजूद, भारतीय रेल ने दिव्यांग यात्रियों की चार श्रेणियों, रोगियों और विद्यार्थियों की ग्यारह श्रेणियों के लिए किराए में रियायत जारी रखी है।
2019-20, 2020-21 और 2021-22 के दौरान आरक्षित श्रैणियों में यात्रा करने वाले वरिष्ठ नागरिकों की संख्या क्रमशः 6.18 करोड़, 1.90 करोड़ और 5.55 करोड़ है। कोविड-19 के कारण, महामारी को देखते हुए 2020-21 और 2021-22 के दौरान वरिष्ठ नागरिकों की संख्या में कमी हो सकती है।
रेलवे गरीब रथ, राजधानी, शताब्दी, दुरंतो, वंदे भारत, गतिमान, तेजस, हमसफर, मेल/एक्सप्रेस, साधारण पैसेंजर आदि जैसी विभिन्न प्रकार की रेल सेवाओं का प्रचालन करता है। इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों सहित यात्रियों के उपयोग के लिए विभिन्न किराया संरचनाओं के आधार पर 1एसी, 2एसी, 3एसी, एसी चेयर कार, शयनयान श्रेणी, दवितीय श्रेणी आरक्षित/ अनारक्षित आदि जैसी विभिन्न श्रेणियां उपलब्ध हैं जिनमें यात्री अपनी प्राथमिकताओं के अनुसार यात्रा कर सकते हैं।
इसके अलावा, 2019-20 के दौरान 22.62 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराए में रियायत स्कीम को छोड़ने का विकल्प चुना था ओर बेहतर सुविधाओं सहित रेलवे के सतत विकास के लिए रियायतें छोड़ दी थी।
(घ): 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान आरक्षित और अनारक्षित दोनों श्रेणियों में वरिष्ठ नागरिकों को यात्री किरायों में रियायतें देने के कारण हुई राजस्व की हानि का ब्यौरा निम्नानुसार है:
अवधि |
राजस्व की हानि (करोड़ रु. में) |
2017-18 |
1491 |
2018-19 |
1636 |
2019-20 |
1667 |
(ड.): विद्यार्थियों के लिए यात्री किराए में रियायतें नियमानुसार पहले से ही स्वीकार्य हैं। जैसा कि उत्तर के भाग (क) से (ग) में कारणों का पहले ही उल्लेख किया गया है, वरिष्ठ नागरिकों और खिलाड़ियों के लिए रियायतें पुन: आरंभ करना वांछनीय नहीं है।
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Source: Lok Sabha PDF
COMMENTS
The Present government do not justify by denying the senior citizens the concession allowed for their journeys by Train. Hope it would re-establish the concession for their journeys withour further delay.