Admissibility of Ration Money Allowance (RMA) to Public Prosecutors / Asstt. Public Prosecutors जन अभियोजकों/सहायक जन अभियोजकों को राशन मनी भत्तों की स्वीकार्यता: RBE No. 78/2022
भारत सरकार/GOVERNMENT OF INDIA
रेल मंत्रालय/MINISTRY OF RAILWAYS
(रेलवे बोर्ड/RAILWAY BOARD)
RBE No. 78/2022
No. E(P&A)I-2022/ALL/RPF-1
New Delhi, dated 11.07.2022
The General Managers,
All Indian Railways and Production Units.
Sub: Admissibility of Ration Money Allowance (RMA) to Public Prosecutors (PPs)/ Asstt. Public Prosecutors (APPs).
Consequent upon the verdict delivered on 29.09.2011 by the Hon’ble Supreme Court of India and in compliance with the judgment dated 03.07.1997 of Hon’ble Rajasthan High Court in S.B. CWP No. 465/1995 filed by Sh. Sohan Singh & Anr. vs UoI & Anr for establishing a separate Prosecution Cadre, it was decided to separate the Prosecution Cadre from the Railway Protection Force (RPF) in Indian Railways. After consultations with Ministry of Finance and DoP&T in this regard, Board issued sanction No, 2012E(GC)13-2(67) dt 12.06.2019 to form a separate Prosecution Cadre on the Railways.
2. Accordingly, Public Prosecutors (PPs)/ Asstt. Public Prosecutors (APPs) are now incumbents of the newly formed Prosecution Cadre with effect from 12.06.2019 onwards and are no longer a part of RPF/RPSF.
3. Ration Money Allowance (RMA) is admissible to RPF and RPSF personnel at par with Central Para Military Force (CPMF)/ Central Armed Police Force (CAPF) personnel. Prior to creation of Prosecution Cadre which took effect from 12.06.2019, PPs/ APPs on Railways were a part of RPF cadre and by virtue of that were entitled to payment of RMA upto the day immediately preceding creation of their Prosecution cadre i.e. 11.06.2019.
4, Therefore, all the Railways/ PUs are advised to take action to regulate payment of RMA to eligible PPs/APPs upto 11.06.2019, if such PPs/APPs were then a part of RPF and were otherwise eligible for RMA.
5. This issues with the concurrence of Finance Directorate of Ministry of Railways.
6. Please acknowledge receipt.
Joint Director/Estt.(P&A),
Railway Board
भारत सरकार/GOVERNMENT OF INDIA
रेल मंत्रालय/MINISTRY OF RAILWAYS
(रेलवे बोर्ड/RAILWAY BOARD)
आरबीई सं. 78/2022
सं. ई(पी एंड ए)।-2022/एएलएल/आरपीएफ-1
नई दिल्ली, दिनांक 11.07.2022
महाप्रबंधक,
सभी भारतीय रेलें एवं उत्पादन इकाइड़यां
विषय: जन अभियोजकों(पीपी)/सहायक जन अभियोजकों (एपीपी) को राशन मनी भत्तों की स्वीकार्यता।
अलग अभियोजक संवर्ग बनाने के लिए श्री सोहन सिंह एवं एएनआर बनाम भारत संघ एवं एएमआर द्वारा फाइल की गई एस.बी. सीडब्ल्यूपी सं. 465/1995 में माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय के दिनांक 03.07.1997 के निर्णय के अनुपालन में और भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 29.09.2011 को जारी निर्णय के परिणामस्वरूप भारतीय रेल में अभियोजक संवर्ग को रेल सुरक्षा बल (आरपीएफ) से अलग करने का विनिश्चय किया गया था। इस संबंध में वित्त मंत्रालय और कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के परामर्श के बाद, बोर्ड ने रेलवे में अलग अभियोजक संवर्ग बनाने के लिए दिनांक 12,05.2019 को स्वीकृति सं. 2012इं(जीसी)13-2(67) जारी की थी।
2. तदनुसार, 12.06.2019 से जन अभियोजक (पीपी)सहायक जन अभियोजक (एपीपी) नवनिर्मित अभियोजक संवर्ग के पदधारी हैं और आरपीएफ/आरपीएसएफ का भाग नहीं है।
3. आरपीएफ और आरपीएसएफ कार्मिकों को केंद्रीय पैरा मिलिट्री बल (सीपीएमफ)/ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के समतुल्य राशन मनी भत्ता (आरएमए) स्वीकार्य है। अभियोजक संवर्ग के सृजन से पहले, जो 12.06.2019 से लागू है, रेलों में जन अभियोजक/सहायक जन अभियोजक आरपीएफ संवर्ग के भाग थे और इसके आधार पर उनके अभियोजक संवर्ग के सृजन से ठीक पहले अर्थात 11.06.2019 तक राशन मनी भत्ते के पात्र थे।
6. अतः सभी रेलॉ/उत्पादन इकाइयों को सूचित किया जाता है कि 11.06.2019 तक पात्र जन अभियोजक/सहायक जन अभियोजक को राशन मनी भत्ते के भुगतान को विनियमित करने की कार्रवाई की जाए, यदि ऐसे जन अभियोजक/सहायक जन अभियोजक उस समय आरपीएफ का भाग थे और अन्यथा राशन मनी भत्ते के लिए पात्र थे।
5. इसे रेल मंत्रालय के वित्त निदेशालय की सहमति से जारी किया जा रहा है।
6. कपया पावती दें।
(एन पी सिंह)
संयुक्त निदेशक/स्थापना (पी एंड ए),
रेलवे बोर्ड
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