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शास्ति चालू रहने के दौरान, उसकी मृत्यु होने पर, कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान की गणना के लिए वेतन/परिलब्धियों के अवधारण के संबंध में

शास्ति चालू रहने के दौरान, उसकी मृत्यु होने पर, कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान की गणना के लिए वेतन/परिलब्धियों के अवधारण के संबंध में

1/15/2020-पी&पीडबल्यू (ई) 
भारत सरकार
कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन मंत्रालय
पेंशन और पेंशनभोगी कल्याण विभाग
(डेस्क-ई)

तीसरा तल, लोक नायक भवन,
खान मार्केट, नई दिल्‍ली-110003
दिनांक दिसंबर 9, 2021

कार्यालय ज्ञापन

विषय :- किसी सरकारी कर्मचारी पर शास्ति चालू रहने के दौरान, उसकी मृत्यु होने पर, कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान की गणना के लिए वेतन/परिलब्धियों के अवधारण के संबंध में

अधोहस्ताक्षरी को यह कहने का निदेश हुआ है कि केन्द्रीय सिविल सेवा पेंशन नियमावली, 1972 के नियम 54(14)(ग) के अनुसार, कुटुंब पेंशन के प्रयोजन के लिए वेतन का अर्थ, केन्द्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 33 में निर्दिष्ट परिलब्धियां या केन्द्रीय सिविल सेवा(पेंशन) नियमावली, 1972 के नियम 34 में निर्दिष्ट औसत परिलब्धियां है, यदि मृतक सरकारी कर्मचारी की परिलब्धियां उसकी सेवा के अंतिम दस मास के दौरान शास्ति से अन्यथा कम कर दी गई हैं। सेवानिवृत्ति/मृत्यु उपदान की गणना के लिए नियम 50(5) में भी ऐसा ही प्रावधान है।

View: Regulation of Pay on Reduction of lower stage in time-scale of pay in 7th CPC Pay Matrix: Examples

 

2. नियम 33 के अनुसार, ‘परिलब्धियां ‘पद से मूल नियमों के नियम 9(21)(क)(i) में यथा परिभाषित मूल वेतन अभिप्रेत है जो सरकारी कर्मचारी अपनी सेवानिवृत्ति से ठीक पूर्व या अपनी मृत्यु की तारीख को ले रहा था। नियम 34 के अनुसार, औसत परिलब्धियां सरकारी कर्मचारी की सेवा के अंतिम दस मास के दौरान उसके द्वारा ली गई परिलब्धियों के प्रतिनिर्देश से अवधारित की जाएंगी।

3. इस विभाग में कई संदर्भ प्राप्त हुए हैं, जिनमें यह सलाह मांगी गई है कि ऐसे सरकारी कर्मचारी के संबंध में कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान की गणना कैसे की जाए, जिस सरकारी कर्मचारी की शास्ति चालू रहने के दौरान मृत्यु हो जाती है, जिससे सरकारी कर्मचारी का वेतन केवल एक विनिर्दिष्ट अवधि के लिए कम हो जाता है, क्योंकि ऐसे मामलों में शास्ति का प्रभाव शास्ति के आदेश में विनिर्दिष्‍ट अवधि तक सीमित होता है और शास्ति की अवधि के समाप्त होने के बाद सरकारी कर्मचारी अपना वेतन और वेतनवृद्धि प्राप्त कर लेता है। यह स्पष्टीकरण मांगा गया है कि क्या ऐसे मामलों में, कुटुंब पेंशन और उपदान की गणना उस घटे हुए वेतन के आधार पर की जाएगी, जो सरकारी कर्मचारी मृत्यु की तारीख को वस्तुतः आहरित कर रहा था या उस वेतन पर जो उसे तब मिलता जबउसके उपर ऐसी शास्ति अधिरोपितन की गई होती।

View: Penalty of reduction to lower time-scale of pay/ grade – Regulation of pay in 7th CPC Pay Matrix: Illustrations

4. व्यय विभाग से परामर्श करते हुए इस मामले पर विचार किया गया है। कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग के दिनांक 18 जून, 2019 के का.ज्ञा.सं.11012/15/2016-स्था. ए-III में यह स्पष्ट किया गया है कि वेतन के समय-मान में निम्नतर स्तर पर अवनति, वेतनवृद्धि रोकने और वेतन के समय-मान को किसी निचले स्तर तक घटाने की शास्तियां अधिरोपित होने पर, किसी सरकारी कर्मचारी के वेतन को विनियमित कैसे किया जाए। इन निर्देशों में उन शास्तियों का भी उल्लेख किया गया है जिन्हें अधिरोपित करने पर, शास्ति की अवधि समाप्त होने के पश्चात वेतन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है और यह स्पष्ट किया गया है कि ऐसी शास्तियों के चाल्रू रहने के दौरान सरकारी कर्मचारी का अवनत वेतन कैसे तय किया जाए।

5. यह देखा गया है कि उपरोक्त पैरा 3 में संदर्भित शास्ति के चालू रहने के दौरान मृत्यु होने के मामले में वस्तुतः आहरित वेतन के आधार पर कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान अवधारित करने के परिणामस्वरूप, मृत्यु उपदान की रकम कम हो जाएगी और विधवा/कुटुंब को मिलने वाली कुटुंब पेंशन भी कम हो जाएगी। उस शास्ति को अधिरोपित करने वाले अनुशासनिक प्राधिकारी का यह इरादा नहीं हो सकता। इसलिए, ऐसे मामलों में जहां अनुशासनिक प्राधिकारी का इरादा सरकारी कर्मचारी पर केवल एक विनिर्दिष्ट अवधि के लिए शास्ति के प्रभाव को प्रतिबंधित करना था, ऐसी शास्तिके चालू रहने के दौरान घटे वेतन के आधार पर कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान अवधारित करने के परिणामस्वरूप, शास्ति के दौरान मरने वाले सरकारी कर्मचारी के कुट्रंब को अनभिप्रेत कठिनाई का सामना करना पड़ता है।

View: Reduction with cumulative effect to a lower stage by two stages & Regulation of Pay in 7th CPC Pay Matrix: Illustrations

6. तदनुसार, यह निर्णय लिया गया है कि ऐसे मामलों में जहां किसी सरकारी कर्मचारी की मृत्यु, ऐसी शास्ति चालू रहने के दौरान हो जाती है, जिसकी समाप्ति पर उसे वही वेतन वापस मिल जाता, जो उसे तब मिलता यदि उसके उपर ऐसी शास्ति अधिरोपित नहीं की गई होती, तो ऐसे सरकारी कर्मचारी के संबंध में मृत्यु उपदान और कुटुंब पेंशन उस अवनत वेतन के आधार पर अवधारित किए जाएंगे जिसका वह मृत्यु की तारीख को हकदार होता और ऐसे अवनत वेतन को इस प्रयोजन के लिए परिलब्धियों के रूप में समझा जाएगा।

 

7. ये अनुदेश तत्काल प्रभाव से लागू होंगे और पुराने मामलों पर पुनः विचारनहीं किया जाएगा। तथापि, ऐसे मामलों में जहां सरकारी कर्मचारी की मृत्यु, इन अनुदेशों के जारी होने से पहले हो चुकी है, किंतु कुटुंब पेंशन और मृत्यु उपदान अभी तक अवधारित नहीं किया गया है, उन मामलों में भी इन अनुदेशों के अनुसार निर्णय लिया जाएगा।

8. केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियमावली, 1972 में आवश्यक संशोधन पृथक रूप से किया जाएगा।

9. इस कार्यालय ज्ञापन को वित्त मंत्रालय, व्यय विभाग, के दिनांक 12.08.2021 के आईडी नोट संख्या 1(13)/ईवी /2021 के द्वारा दी गई सहमति के पश्चात जारी किया जा रहा है।

10. भारतीय लेखापरीक्षा और लेखा विभाग के कर्मचारियों पर लागू, भारत के संविधान के अनुच्छेद 148(5) के अधीन यथा अधिदेशित, यह आदेश भारत के नियंत्रक-महालेखापरीक्षक के साथ, उनके दिनांक 23.09.2021 के यू ओ.संख्या-216-स्टाफ हक (नियम)/ए. आर./09-2019 के द्वारा किए गए परामर्श के पश्चात जारी किया जा रहा है।

11. सभी मंत्रालयों /विभागों और संबद्ध /अधीनस्थ कार्यात्रयों के प्रशासनिक प्रभागों से अनुरोध है कि इन निर्देशों की विषय-वस्तु को अनुपालनार्थ सभी संबंधितों के संज्ञान में लाएं।

(संजय शंकर )
भारत सरकार के उप सचिव

1. भारत सरकार के सभी मंत्रालय/विभाग
2. राष्ट्रपति सचिवालय
3. उपराष्ट्रपति सचिवालय
4. प्रधानमंत्री कायौीलय
5. भारत के नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक
6. कैबिनेट सचिवालय
7. संघ लोक सेवा आयोग
8. एनआईसी को वेबसाइट में अपलोड करने के लिए

English: Determination of Pay/Emolument for calculation of family pension and death gratuity where a Government servant dies during currency of a penalty

family-pension-gratuity-calculation-on-death-during-penalty-doppw-om-hindi

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