Cashless Facilities to CGHS/ ECHS सीजीएचएस ईसीएचएस को नकदी रहित सुविधाएं

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Cashless Facilities to CGHS/ ECHS सीजीएचएस ईसीएचएस को नकदी रहित सुविधाएं

Cashless Facilities to CGHS/ ECHS सीजीएचएस ईसीएचएस को नकदी रहित सुविधाएं

GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE
DEPARTMENT OF HEALTH AND FAMILY WELFARE
LOK SABHA

UNSTARRED QUESTION NO. 1112
TO BE ANSWERED ON 03rd DECEMBER 2021

Cashless Facilities to CGHS/ ECHS

1112. SHRI SHANMUGA SUNDARAM K.:
SHRI VELUSAMY P.:

Will the Minister o9 HEALTH AND FAMILY WELFARE be pleased to state:

(a) whether the Government is aware of the fact that several private hospitals empanelled under the Central Government Health Scheme (CGHS)/ Ex-Servicemen Contributory Health Scheme (ECHS) have suspended cashless services to the beneficiaries of the said healthcare programme;

(b) if so, the details thereof and the pending amount to the hospitals both private and Government Hospital; and

(c) the steps taken by the Government to ensure un-interrupted cashless services to the beneficiaries?

ANSWER

THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE (DR. BHARATI PRAVIN PAWAR)

(a) to (c): Under the Central Government Health Scheme(CGHS), empaneled Health Care Organizations (HCOs) are required to provide cashless facilities to the eligible CGHS beneficiaries. However, there have been reports that some hospitals are not providing cashless facilities. Suitable action is taken against them whenever such cases come to notice. AMRI Hospital, Bhubneshwar, CARE Hospital, Bhubneshwar, SAL Hospital, Ahmedabad, M/s Charnock Hospitals Pvt. Ltd., Kolkata, Rabindranth Tagore International Institute of Cardiac Sciences, Kolkata and MIOT Hospital, Chennai have submitted notice to opt out of CGHS. Regarding Ex-Servicemen Contributory Health Scheme (ECHS), as per the information provided by the Ministry of Defence, 174 Health Care Organizations (HCOs) have stopped giving cashless services to ECHS beneficiaries.

Under CGHS there is no pending bill pertaining to Government Hospitals. Clearance of pending bills of HCOs is a continuous process. During the Current Financial Year, HCOs’’ bills worth Rs. 1100 crore (approx.) have been paid and bills amounting to Rs. 797 crore (approx.) are received for payment. Under ECHS, Bills amounting to Rs. 75 crore (approx.) are also received for payment.

Under CGHS, following steps have been taken to ensure uninterrupted cashless services to the beneficiaries:

(i) Additional manpower has been mobilised to expedite settlement of hospital claims.

(ii) In June 2021, CGHS has shifted to settlement of bills in paperless mode on the IT Platform of National Health Authority which is an attached Office of Ministry of Health & Family Welfare.

As informed by Ministry of Defence, following steps have been taken for timely payment of bills to the hospitals empanelled under ECHS: –

(i) Provision of adequate budgetary support has been made.

(ii) Usages of IT solution for continuous monitoring for efficient processing of bills and timely payment.

(iii) Empanelment of additional HCOs as an alternative to those who have refused services.

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भारत सरकार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग
लोक सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या: 1112
03 दिसम्बर, 2021 को पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर

सीजीएचएस ईसीएचएस को नकदी रहित सुविधाएं

1112. श्री के. षणमुग सुंदरम:
श्री पी. वेत्रुस्वामी:
क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्‍या सरकार को इस तथ्य की जानकारी है कि केंद्रीय सरकार की स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस)/भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के तहत पैनलबदूध कई निजी अस्पतालों ने उक्त स्वास्थ्य कार्यक्रम के लाभाथियों को नकदी रहित सेवाएं निलंबित कर दी हैं;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और निजी तथा सरकारी दोनों अस्पतालों की लंबित राशि का ब्यौरा क्‍या है; और

(ग) सरकार द्वारा लाभार्थियों को निर्वाध नकदी रहित सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए क्‍या कदम उठाए गए है?

उत्तर

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री (डॉ. भारती प्रविण पवार)

(क) से (ग): केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) के तहत, पैनलबदूध वाले स्वास्थ्य परिचरया संगठनों (एचसीओ) को पात्र सीजीएचएस लाभार्थियों को नगदी रहित सुविधाएं प्रदान करनी होती हैं। हालांकि ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुछ अस्पताल नगदी रहित सुविधाएं नहीं दे रहे हैं। जब भी ऐसे मामले सामने आते हैं तो उनके विरूद्ध उचित कार्रवाई की जाती है। एएमआरआई अस्पताल, भुवनेश्वर, केयर हॉस्पिटल, भुवनेश्वर; एसएएल अस्पताल अहमदाबाद; मेसर्स चॉर्नक हॉस्पिटल प्राइवेट लिमिटेड, कोलकाता; रवींद्रनाथ टैगोर इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियक साइंसेज, कोलकाता और एमआईओटी हॉस्पिटल, चेन्‍नई ने सीजीएचएस के पैनल से बाहर निकलने के लिए नोटिस दिया है । भूतपूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना (ईसीएचएस) के संबंध में रक्षा मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई जानकारी के अनुसार 174 स्वास्थ्य परिचर्या संगठनों (एचसीओ) ने ईसीएचएस लाभार्थियों को कैशलेस सेवाएं देना बंद कर दिया है।

सीजीएचएस के तहत सरकारी अस्पतालों से संबंधित कोई बिल लंबित नहीं है। एचसीओ के लंबित बिलों की निकासी एक सतत प्रक्रिया है। चालू वित्त वर्ष के दौरान 1100 करोड़ रुपये (लगभग) के एचसीओ बिलों का भुगतान किया गया है और 797 करोड़ रुपये (लगभग) के बिल भुगतान हेतु प्राप्त हुए हैं। ईसीएचएस के तहत 75 करोड़ रुपये (लगभग) की राशि के बिल् भुगतान के लिए प्राप्त हुए हैं।

सीजीएचएस के तहत, लाभार्थियों को निर्बाध नगदी रहित सेवाएं सुनिश्चित करने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं।

(i) अस्पताल के दावों के निपटान में तेजी त्रानें के लिए अतिरिक्त जनशक्ति जुटाई गई है।

(ii) जून, 2021 में, सीजीएचएस ने बिलों के निपटान संबंधी कार्यों को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के आईटी प्लेटफॉर्म पर पेपरलेस मोड में स्थानांतरित कर दिया है जो स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय है।

जैसा कि रक्षा मंत्रालय ने बताया, ईसीएचएस के तहत, पैनल मेंशामिल अस्पतालों द्वारा बिलों के समय पर भुगतान के लिए निम्नलिखित कदम उठाए गए हैं: –

(i) पर्याप्त बजटीय सहायता का प्रावधान किया गया है।

(ii) बिलों के पर प्रभावी कार्रवाई करने और समय पर भुगतान करने के लिए सतत निगरानी हैतु आईटी समाधान का उपयोग।

(iii) सेवाओं से इनकार करने वालों के विकल्प के रूप में अतिरिक्त एचसीओ को पैनलबदध करना ।

Source: Lok Sabha PDF

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