Revision of Pension of retired bank employees सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन: Rajya Sabha Q&A
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF FINANCE
DEPARTMENT OF FINANCIAL SERVICES
RAJYA SABHA
UNSTARRED QUESTION NO. 216
TO BE ANSWERED ON 20″ JULY, 2021(TUESDAY)/ ASHADHA 29, 1943(SAKA)
Revision of Pension of retired bank employees
216. DR. L. HANUMANTHAIAH:
Will the Minister of FINANCE be pleased to state:
(a) whether it is a fact that the retired bank employees are seeking revision and improvement in their basic pensions;
(b) if so, the details thereof; and
(c) the reasons for not revising pension since last three decades?
ANSWER
THE MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF FINANCE (DR. BHAGWAT KARAD)
(a) to (c): As pension of retired employees of commercial establishments has to be financed by such establishments out of their commercially generated revenues, pension for retired employees of nationalised banks was introduced as a funded scheme on the basis of consensus arrived at between unions/associations of bank employees and the Indian Banks’ Association (IBA), which negotiated on behalf of the nationalised banks. The Boards of the respective nationalised bank accordingly made Employees’ Pension Regulations in exercise of their powers under section 19 of the Banking Companies (Acquisition and Transfer of Undertakings) Act 1970/1980. Pension in nationalised banks is, thus, payable as per the agreement arrived between bank unions/associations and the banks, and the bank Boards concerned have accordingly made regulations governing the same. While such regulations do not provide for revision of basic pension, they provide for six monthly revision in dearness relief on the basis of rise in the All India Consumer Price Index for Industrial Workers.
Retired nationalised banks employees have sought revision and improvement in pension from time to time. In view of pension being a funded scheme introduced on the basis of consensus arrived at between employee unions/associations and IBA, requests for revision and improvement in pension are considered by the Government after taking into account the views or any proposal or recommendations of IBA in this regard. Earlier this year, IBA has recommended that family pension be improved to 30% for all employees without any cap, and the said recommendation is under consideration of the Government.
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
वित्तीय सेवाएं विभाग
राज्य सभा
अतारांकित प्रश्न संख्या 216
जिसका उत्तर 20 जुलाई, 2021/29 आषाढ़, 1943 (शक) को दिया गया
सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारियों की पेंशन में संशोधन
216. डा. एल. हनुमंतय्या:
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कुपा करेंगे कि:
(क) क्या यह सच है कि सेवानिवृत्त बैंक कर्मचारी अपनी मूल पेंशन में संशोधन और सुधार की मांग कर रहे हैं;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और
(ग) गत तीन दशकों से पेंशन में संशोधन न किए जाने के क्या कारण हैं?
उत्तर
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (डॉ, भागवत कराड)
(क) से (ग): चूँकि वाणिज्यिक प्रतिष्ठान के सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन ऐसे प्रतिष्ठानों द्वारा उनके व्यावसायिक रूप से सृजित राजस्व से वित्तपोषित की जानी है, इसलिए राष्ट्रीकृत बैंकों के सेवानिवृत्त कर्मचारियों के लिए पेंशन को बैंक कर्मचारियों की यूनियनों/संघों और भारतीय बैंक संघ (आईबीए), जिसने राष्ट्रीयकृत बैंकों की ओर से बातचीत की थी, के बीच हुई सहमति के आधार पर एक वित्तपोषित योजना के रूप में लागू किया गया था। संबंधित राष्ट्रीयकृत बैंक के बो्डों ने तदनुसार, बैंककारी कंपनी (उपक्रमों का अर्जज और अंतरण) अधिनियम, 1970/1980 की धारा 19 के अंतर्गत अपनी शक्तियों का प्रयोग करते हुए कर्मचारी पेंशन नियम बनाए। इस प्रकार, राष्ट्रीयकृत बैंकों में पेंशन बैंक यूनियनों/संघों और बैंकों के बीच हुए समझौते के अनुसार देय है और संबंधित बैंक बोर्डों ने तदनुसार इसे अभिशासित करने वाले विनियम बनाए हैं। जबकि ऐसे विनियमों में मूल पेंशन में संशोधन का प्रावधान नहीं है, वे औद्योगिक श्रमिकों के लिए अखिल भारतीय उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में वृद्धि के आधार पर महँगाई राहत में छमाही संशोधन का प्रावधान करते हैं।
राष्ट्रीयकृत बैंक के सेवानिवृत्त कर्मचारियों ने पेंशन में समय-समय पर संशोधन एवं सुधार की मांग की है। कर्मचारी यूनियनों/संघों और आईबीए के बीच हुई सहमति के आधार पर शुरू की गई पेंशन को एक वित्तपोषित योजना के रूप में देखते हुए, इस संबंध में आईबीए के विचारों या किसी प्रस्ताव या सिफारिशों को ध्यान में रखते हुए सरकार द्वारा पेंशन में संशोधन और सुधार के अनुरोधों पर विचार किया जाता है। इस वर्ष के शुरूआत में, आईबीए ने सिफारिश की है कि बिना किसी सीमा के सभी कर्मचारियों के लिए पारिवारिक पेंशन को 30% तक बढ़ाया जाए और उक्त सिफारिश सरकार के विचाराधीन है।
Source: RayaSabha Q&A Hindi/English PDF
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