Release of DA and DR डीए और डीआर जारी करना: Rs.34402.32 crores approximately has been saved
Government of India
Ministry of Finance
Department of Expenditure
Lok Sabha
Unstarred Question No. 962
To be answered on Tuesday, 26th July, 2021
Sravan 4, 1943 (Saka)
Release of DA and DR
962: Shri Janardan Singh Sigriwal, Shri Rajiv Ranjan Singh alias Lalan Singh, Shri Kaushalendra Kumar and Shri Prajwal Revanna:
Will the Minister of Finance be pleased to state:
(a) whether the Government proposes to release frozen three installments of Dearness Allowance(DA) and -Dearness relief (DR) to the Central Government Employees and Pensioners due w.e.f. July 2021;
(b) if so, the details there of along with the time by which said: decisions is likely to be implemented and DA/DR and arrears would be released;
(c) whether the restored DA and DR will be subsumed in the cumulative revised rates effective from 01-07-2021 and if so, the details thereof;
(d) whether the Government would compensate its employees/pensioners the DA/DR for the period January 01, 2020 to June 30, 2021 and if so, the details thereof;
(e) whether freezing of DA and DR has helped the exchequer to save huge amount; and
(f) if so the details thereof along with the manner in which the said amount would be utilized by the Government to tide over the economic impact of COVID-19 pandemic?
Answer
Minister of State in the Ministry of Finance
(Shri Pankaj Chaudhary)
(a), (b), (c) & (d) The Government has increased the existing rate of DA of 17% to 28% payable to Central Government employees from 01.07.2021. This increase subsumes the | additional installment arising on 01.01.2020, 01.07.2020 and 01.01.2021. The DA will be granted at enhanced rates of 28% from 01.07.2021. The rate of DA from 01.01.2020 till 30.06.2021 will remain at 17%.
(e) On account of freezing of three installments of Dearness Allowance and Dearness Relief to Central Government employees and pensioners due from 01.01.2020, 01.07.2020 & 01.01.2021, an amount of Rs.34402.32 crores approximately has been saved.
(f) The decision to freeze DA and DR was taken in the context of COVID-19 caused economic disruption so as to ease pressure on Government finances.
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
व्यय विभाग
लोक सभा
अतारांक्ित प्रश्न संख्या 962
सोमवार, 26 जुलाई, 2027/4श्रावण, 1943 (शक)
डीए और डीआर जारी करना
962. श्रीजनार्दन सिंह सीग्रीवाल
श्री राजीव रंजन सिंह “ललन”
श्री कोशलेन्द्र कुमार:
श्री प्रज्ज्बल रेवन्ना
क्या वित्त मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि
(क) क्या सरकार का विचार केंद्रसरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जुलाई, 2021 से रोकी गई महंगाई द भत्ते (डीए) और महंगाई राहत (डीआर) की तीन किस्तों की जारी करने का है;
(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और उक्त निर्णयों को कब तक लागू किए जाने और डीए/डीआर और बकाया राशि जारी किए जाने की संभावना है;
(ग) क्या बहालकिए गए डीए और डीआर को 01.07.2021 से प्रभावी संचयी संशोधित दरों में शामिल किया जाएगा और यदवि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(घ) क्या सरकार अपने कर्मचारियों/पेशनभोगियों को 1 जनवरी, 2020 से जून 2021 की अवधि के लिए डीए/डीआर की प्रतिपूर्ति करेगी और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ड) क्या रोके गए डीए और डीआर ने राजकोष को बड़ी राशि बचाने में मदद की है;
(च) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है और सरकार द्वारा किस प्रकार उक्त राशि का उपयोग कोविड-19 महामारी के आर्थिक प्रभाव से निपटने के लिए किया जाएगा?
उत्तर
वित्त मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री पंकज चौधरी)
(क), (ख), (ग) और (घ): सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को दिनांक 01.07.2021 से देय महंगाई भत्ते की कर मौजूदादर को17%से बढ़ाकर 28% कर दिया है। इस वृद्धि में दिनांक 01.01.2020,01.07.2020 तथा 01.01.2021 से उत्पन्न अतिरिक्त किस्तों को शामिल किया गया है। दिनांक 91.07.2021 से महंगाई भत्ता 28% के बढ़े हुए दर से प्रदान किया जाएगा। 01.01.2020 से 30.06.2021 तक महंगाई भत्ते की दर 17% रहेगी।
(ड.): केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को दिनांक 01.01.2020,01.07.2020 तथा 01.01.2021 से देय महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत की तीन किस्तों को रोकने के कारण लगभग 34402.32 करोड़ रुपए की राशि की बचत हुई
(व): महंगाई भत्ते/महंगाई राहत को फ्रीज करने का फैसला कोविड-19, जिससे आर्थिक व्यवधान पैदा हुआ, के संदर्भ में लिया गया ताकि सरकारी वित्त पर दबाव कम हो सके।
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