सैन्य बलों को पुरानी पेंशन योजना से वर्तमान New Pension Scheme में या अलग NPS में परिवर्तन की संस्तुति पर अविलंंब कार्यवाही की संस्तुति
पंद्रहवें वित्त आयोग ने संस्तुति की है कि रक्षा मंत्रालय सैन्य बलों को पुरानी पेंशन योजना से वर्तमान एनपीएस में या अलग एनपीएस में परिवर्तन करने पर ज्यादा समय न लगाये। वित्त आयोग की संस्तुति का पैरा 11.66:-
11.65 समग्र राजकोषीय बाधाओं को ध्यान में रखते हुए, रक्षा मंत्रालय को भी वेतन और पेंशन देयताओं को कम करने हेतु नवप्रवर्तनशील उपाय अविलंब करने होंगे।
11.66 रक्षा मंत्रालय रक्षा पेंशन में सुधार की विभिन्न संभावनाओं की खोज कर रहा है, जैसा कि संबद्ध संसदीय समितियों द्वारा विचार-विमर्श किया गया है। ये सुधार हैं:
i. पुरानी पेंशन योजना के तहत मौजूदा सेवा कार्मिकों को नई पेंशन योजना (एनपीएस) के तहत परिवर्तित करना या सेन्य बलों के लिए एक अलग एनपीएस में परिवर्तित करना;
ii. अधिकारी श्रेणी से नीचे के कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु को एक तर्कसंगत स्तर तक बढ़ाना;
iii. सेवानिवृत्त कार्मिकों को, उनकी निश्चित अवधि की निरंतर सेवा के पश्चात, अन्य सेवाओं जेसे कि अर्धसेनिक बल में स्थानांतरित करना; ओर
19. कोशल विकास पाठ्यक्रमों के माध्यम से भूतपूर्व सेनिकों का पुनर्नियोजन करना।
हम यह अनुशंसा करते हें कि रक्षा मंत्रालय, ज्यादा समय न लेते हुए, इन बिंदुओं या अन्य किसी भी नवप्रवर्तन दृष्टिकोणों के साथ उपयुक्त सुधारात्मक कदम उठाए, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि रक्षा पेंशन में वृद्धि गेर-रक्षा पेंशनों के बराबर रहे।
रिपोर्ट के पैरा 3.81 में वित्त आयोग द्वारा रक्षा व्यय पर अध्ययन:-
3.81 राजस्व (रक्षा सेवा पेंशन को छोड़कर ) और पूंजी दोनों खातों में रक्षा सेवाओं पर होने वाला व्यय जीडीपी के अनुपात के रूप में, 2011-12 में 2 प्रतिशत से निरंतर घटकर 2018-19 में 1.5 प्रतिशत पर आ गया(तालिका 3.11) । 2020-21 (बीई) में, राजस्व और पूंजी खातों पर व्यय, पुनः जीडीपी के अनुपातों के रूप में, क्रमशः 0.9 और 0.5 प्रतिशत अनुमानित किया गया है। 2016-17 में रक्षा राजस्व व्यय में 13.3 प्रतिशत की और 2017-18 में 12.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जिसका मुख्य कारण तीनों रक्षा सेवाओं के कार्मिकों के संशोधित वेतन मान लागू करने के कारण होने वाला उच्च व्यय था। 2018-19 के दौरान, इसमें 5.1 प्रतिशत की और वृद्धि हुई। 2011-12 से 2018-19 के बीच रक्षा पूंजी परिव्यय (4.7 प्रतिशत) में वृद्धि की तुलना में रक्षा राजस्व व्यय तेजी से बढ़ा (10 प्रतिशत ), जिसके परिणामस्वरूप कुल रक्षा सेवा व्यय (रक्षा पेंशन को छोड़कर) में रक्षा पूंजी परिव्यय के अंश में गिरावट आई, जो 2011-12 में 40 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 33 प्रतिशत हो गया था।
3.82 जीडीपी के अनुपात के रूप में, कुल रक्षा सेवा व्यय (रक्षा सेवा पेंशन सहित) 2011-12 के 2.4 प्रतिशत से घटकर 2018-19 में 2.1 प्रतिशत था। यह अनुमान है कि 2020-21 (बीई) में यह घटकर 2 प्रतिशत रह सकता है। यह गिरावट तब आई है जब रक्षा सेवा पेंशन व्यय, पुनः जीडीपी के अनुपात के रूप में, 2011-12 में 0.43 प्रतिशत से बढ़कर 2014-15 में 0.48 प्रतिशत और 2016- 17 में 0.57 प्रतिशत हो गया था जिसका कारण संशोधित वेतन मानों तथा एक रैंक एक पेंशन (ओआरओपी) को लागू करना था। यह उम्मीद की जाती है कि यह 2020-21 (बीई) में 0.6 प्रतिशत के स्तर पर कायम रहेगा। 2020-21 (बीई) में, रक्षा सेवा वेतन और पेंशन व्यय रक्षा मंत्रालय के कुल व्यय का लगभग 59 प्रतिशत है जबकि शेष व्यय पूंजी परिव्यय (24 प्रतिशत) एवं भंडार, रक्षा सेवाओं के प्रशासन, सड़कों और पुलों को निर्माण तथा तटरक्षक संगठन से संबंधित है।
3.83 रक्षा सेवाओं पर पूंजी परिव्यय 2011-12 से 2018-19 के दौरान प्रति वर्ष 4.7 प्रतिशत की दर से बढ़ा। इस अवधि के दौरान, 12.2 प्रतिशत की उच्चतम वार्षिक वृद्धि 2013-14 में और (-)2.4 प्रतिशत की न्यूनतम दर 2015-16 में दर्ज की गई। जीडीपी के अनुपात के रूप में, पूंजी परिव्यय 2011-12 में 0.8 प्रतिशत से घटकर 2020-21 (बीई) में 0.5 प्रतिशत हो गया है। इसी प्रकार से, कुल रक्षा सेवा व्यय (रक्षा पेंशन सहित) के अनुपात के रूप में, पूंजी परिव्यय समान अवधि के दौरान 32.6 प्रतिशत से घटकर 24.9 प्रतिशत था।
अंग्रेजी में पढ़ें: New Pension Scheme: Govt. is mulling separate NPS for armed forces, increasing the retirement age of POBR and other reforms: See report
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