Union Budget 2021-22: सरकारी कर्मचारी में घोर निराशा, न DA की भुगतान, न आयकर में किसी भी प्रकार की छुट- सरकारी कर्मचारीयों का एक बड़े राष्ट्रीय आन्दोलन की घोषणा
सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ
Govt. Employees National Confederation
प्रकाशनार्थ
Dated: 01.02.2021
माननीय प्रधान संपादक जी,
बजट वर्ष-2021 सरकारी कर्मचारी और आम जनता में घोर निराशा
आम बजट की घोषणा के उपरान्त सरकारी तथा संगठित क्षेत्र के कर्मचारियों मेँ धोर निराशा व्याप्त है। क्योंकि जिन घोषणाओ को लेकर सरकारी कर्मचारी आशान्बित था उनमें से एक भी घोषणा कर्मचारियों के पक्ष में नहीं की गयी। जैसे –
कर्मचारी इंतजार कर रहा था कि जनवरी 2020 से सीज किये गए DA को 01 जनवरी 2021 से भुगतान की घोषणा होगी परन्तु ऐसा नहीं हुआ। आयकर में किसी भी प्रकार की छुट नहीं दी गई जबकि वेतनभोगी कर्मचारी उम्मीद लगाए थे, पेशनभोगियाँ को भी आयकर से मुक्त नहीं किया गया। सभी तरह के पेशनभोगियों के लिये न्यूनतम पेंशन कि घोषणा नहीं की गयी। इंश्योरंस सेक्टर में FDI 49% से बढाकर 74% करना तथा 2 बैंको और 1 बीमा कम्पनी का निजीकरण करना घोर निराशजनक है। पब्लिक सेक्टर में भी सरकार ने विनिवेश करके निजीकरण की घोषणा करके मजदूरों और कर्मचारियों को घोर निराश किया है। सरकार ने रोजगार सृजन के लिये बजट में कोई प्रयास नहीं किया। डीजल और पेट्रोल पर क्रमश: 4 Rs और 2.50 रु सेस लगाने के कारण महंगाई बढेगी जिससे आम आदमी की परेशानियां बढेगी।
वही दूसरी तरफ 75 वर्ष से अधिक उम्र के पेनशनर को आयकर से मुक्त करना. सभी मजदूरों को ESI में लाने की घोषणा, सभी मजदूरों को न्यूनतम वेतन देने की घोषणा, सभी प्रवासी मजदूरों को उनके कार्य स्थल पर जहाँ रहते है राशन प्रदान करने की घोषणा, मजदूरों का पोर्टल के माध्यम से रजिस्ट्रेशन और One Nation One राशन कार्ड की घोषणा, चाय बागानों के श्रमिकों के कल्याण के लिये 1000 करोड का बजट Allot करना स्वागत योग्य कदम हैं परन्तु इन घोषणाओ का लाभ मिल पाना अभी “दूर की कौड़ी” प्रतीत होता है।
कुल मिलाकर आम आदमी, मजदूरों, सरकारी कर्मचारियों और बेरोजगारों के लिये यह बजट घोर निराश करने वाला है जिसकी “सरकारी कर्मचारी राष्ट्रीय परिसंघ” निंदा करता है तथा सरकार से मांग करता है कि सरकारी कर्मचारियों से सम्बंधित मांगों की घोषणा शीघ्र की जाय अन्यथा यह महासंघ एक बड़े राष्ट्रीय आन्दोलन के लिए बाध्य होगा।
भवदीय
(Sadhu Singh)
महासचिव
Source[http://bpms.org.in/documents/b1-converted-8a9d.pdf]
COMMENTS
किसान आन्दोलन के साथ अब सरकारी कर्मचारियों का आंदोलन भी होकर ही रहेगा….
कर्मचारी एकता जिंदाबाद