7th Pay Commission: Pay and Allowances and Pensions more than doubled between 2011-12 and 2018-19 सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के कारण वेतन और भत्ते 2011-12 और 2018-19 के बीच दोगुना से अधिक हुए हैं
7th Pay Commission: Pay and Allowances and Pensions of Union Government’s civilian employees – Study by 15th Finance Commission
Para 3.84 to 3.86 of Chapter 3 of Report : Setting the Context: Analysis of the Past
Pay and Allowances and Pensions
3.84 Pay and allowances (Table 3.11) of Union Government’s civilian employees more than doubled between 2011-12 and 2018-19, from Rs. 95,984 crore to Rs. 2.11 lakh crore, due to the implementation of the Pay Commission’s recommendations. While, as a ratio of GDP, such expenditure ranged between 1 per cent and 1.2 per cent during this period, the implementation of the Pay Commission’s recommendations led to a marginal increase from 1 per cent in 2015-16 to 1.2 per cent in 2016-17. As on 1 March 2017, the strength of Union Government employees was 32.38 lakh, and went upto 32.63 lakh in 1 March 2019.
3.85 The expenditure of the Union Government on pensions, as a proportion of GDP, also increased – from 0.7 per cent in 2011-12 to 0.9 per cent in 2016-17 – due to the Pay Commission award.
This includes the contribution of the Union Government under the new pension scheme (which accounts for 2.4 per cent in the total expenditure under pensions). It is expected to remain at 0.9 per cent in 2020-21 (BE).
3.86 Expenditure on salary, pension and interest payments together accounted for 4.9 per cent of GDP in 2011-12 and increased to 5 per cent of GDP in 2018-19. As per budget estimates of 2020-21, it is expected to remain at the level of 5.1 per cent.
सातवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के कारण वेतन और भत्ते का पंद्रहवें वित्त आयोग का रिपोर्ट
अध्याय 3 : संदर्भ-अवधारणा : विगत का विश्लेषण
वेतन एवं भत्ते तथा पेंशन
3.84 वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के कारण, संघ सरकार के असैन्य कार्मिकों के वेतन और भत्ते (तालिका 3.11) 2011-12 और 2018-19 के बीच दोगुना से अधिक हुए हैं, जो 95,984 करोड़ रुपए से बढ़कर 2.11 लाख करोड़ रुपए हो गए हैं। हालांकि, जीडीपी के अनुपात के रूप में, यह व्यय इस अवधि के दौरान 1 प्रतिशत और 1.2 प्रतिशत के दायरे में था, मगर वेतन आयोग की अनुशंसाओं को लागू करने के कारण यह 2015-16 में 1 प्रतिशत से बढ़कर 2016-17 में 1.2 प्रतिशत हो गया था। 1 मार्च, 2017 को यथास्थिति, संघ सरकार के कर्मियों की संख्या 32.38 लाख थी, जो 1 मार्च, 2019 तक बढ़कर 32.63 लाख हो गई थी।
3.85 वेतन आयोग के पंचाट के कार्यान्वयन के कारण पेंशनों पर संघ सरकार का व्यय भी जीडीपी के अनुपात के रूप में 2011-12 में 0.7 प्रतिशत से बढ़कर 2016-17 में 0.9 प्रतिशत हो गया था। इसमें नई पेंशन योजना के तहत संघ सरकार का योगदान भी शामिल है (जो पेंशन के तहत कुल व्यय में 2.4 प्रतिशत है )। यह उम्मीद की जाती है कि 2020-21 (बीई) में यह व्यय 0.9 प्रतिशत पर स्थिर रहेगा।
3.86 वेतन, पेंशन और ब्याज भुगतानों पर कुल मिलाकर व्यय 2011-12 में जीडीपी का 4.9 प्रतिशत था, जो 2018-19 में बढ़कर जीडीपी का 5 प्रतिशत हो गया था। 2020-21 के बजट अनुमानों के अनुसार, यह 5.1 प्रतिशत पर स्थिर रहने की उम्मीद है।
Para 4.39 of Chapter 4 of Report: Pandemic Times: Analysis for the Future 2021-26
Pensions and Salaries
4.39 While assessing pensions and salaries, we kept in view the likely strain on the revenue stream of the Government and the need to observe strict fiscal discipline, particularly in non developmental expenditure. The implementation of the recommendations of the pay commissions in the past have accounted for the peaks and troughs in pension and salary pay-outs of the Union Government relative to both its revenue expenditure and GDP. Except for the impact of pay commissions or one-off policy decisions like one-rank-one-pension of defence
pensioners, growth in expenditure on pensions and salaries of the Union has been generally lower than that of aggregate revenue expenditure. The period 2021-2026 is unlikely to witness another pay commission or any drastic step-up in pensions and salaries, except normal dearness allowances and increments. We also expect that the inflation scenario will be benign during 2020-2026.
अध्याय 4 : महामारी का दौर : भावी विश्लेषण (2021-26 )
पेंशन एवं वेतन
4.39 पेंशन और वेतन का आकलन करते हुए हमने सरकार के राजस्व प्रवाह पर संभावित दबाव तथा विशेष रूप से गैर-विकासात्मक व्यय में सख्त राजकोषीय अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता को ध्यान में रखा है। विगत में वेतन आयोगों की अनुशंसाओं को कार्यान्वित करने के फलस्वरूप, संघ सरकार के राजस्व व्यय एवं दोनों के संदर्भ में उसके पेंशन एवं वेतन भुगतानों में उतार-चढ़ाव (peaks and troughs) देखे गए। वेतन आयोगों के प्रभाव या रक्षा पेंशनभोगियों के एक-रैंक-एक-पेंशन जैसे एकबारगी नीतिगत निर्णयों के प्रभाव को छोड़कर, पेंशन और वेतन पर संघ सरकार के व्यय में वृद्धि सामान्य तौर पर उसके सकल राजस्व व्यय की तुलना में कम हुई है। 2021-26 की अवधि में कोई अन्य वेतन आयोग की अनुशंसा या पेंशन एवं वेतनों में, सामान्य महंगाई भत्ता और वेतन-वृद्धियों को छोड़कर, भारी बढ़ोतरी होने की उम्मीद नहीं की जाती है।हम यह भी उम्मीद करते हैं कि मुद्रास्फीति का परिदृश्य 2020-26 में सहज हो जाएगा।
7th Pay Commission: Railway Board clarification on restriction of Officiating Pay under FR-35 detailed FAQ alongwith suitable illustrations
Source श्रोत: Fifteenth Finance Commission Report पंद्रहवां वित्त आयोग रिपोर्ट
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