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Productivity Linked Bonus FY 2019-20: 21 अक्टूबर तक बोनस नहीं तो 22 को देश भर में रेल का चक्का जाम : एआईआरएफ स्टैडिंग कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला

Productivity Linked Bonus FY 2019-20: 21 अक्टूबर तक बोनस नहीं तो 22 को देश भर में रेल का चक्का जाम : एआईआरएफ स्टैडिंग कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला

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एआईआरएफ स्टैडिंग कमेटी की बैठक में बड़ा फैसला
बोनस नहीं मिला तो 22 को देश भर में रेल का चक्का जाम : शिवगोपाल मिश्रा

आँल इंडिया रेलवे मेन्स फैडरेशन की स्टैंडिग कमेटी की बैठक में बोनस के लिए महत्वपूर्ण प्रस्ताव रखा गया है, जिसमें कहा गया है कि अगर 21 अक्टूबर तक बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर को रेल का चक्का जाम किया जाएगा। इसके अलावा 20 अक्टूबर को देश भर में बोनस दिवस मनाते हुए धरना – प्रदर्शन किया जाएगा।

पूर्व निर्धारित समय के अनुसार आज एआईआरएफ की स्टैडिंग कमेटी की बैठक में बोनस, निजीकरण, निगमीकरण, पुरानी पेंशन की बहाली, डीए, नाइट ड्यूटी एलाउंस, एक्ट अप्रैंटिस के समायोजन, सैल्यूट और मान्यता के चुनाव समेत तमाम मुद्दों पर चर्चा हुई। फैडरेशन के अध्यक्ष काँमरेड रखाल दास गुप्ता के अस्वस्थ होने की वजह से कार्यकारी अध्यक्ष एन कन्हैया ने मीटिंग की अध्यक्षता की और सभी नेताओं ने रखाल दादा के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने मीटिंग में बताया कि इन तमाम मुद्दों पर लगातार रेलमंत्री, बोर्ड के सीईओ समेत सरकार के विभिन्न मंत्रियों और सचिवों से बात हो रही है। बातचीत में तो हर मंत्री और अफसर फैडरेशन की मांग का समर्थन करते है, लेकिन आदेश जारी नहीं हो रहा है, इससे कर्मचारियों में भारी आक्रोश है।

मीटिंग में महामंत्री ने कहाकि रोजाना देश भर रेलकर्मचारियों के साथ ही यूनियन के पदाधिकारियों के फोन आते है और सभी बोनस को लेकर चिंतित हैं। हालाकि महामंत्री ने कहाकि जब भी बोनस के बारे में रेलमंत्री और सीईओ से बात हुई , बताया गया कि रेल मंत्रालय ने बोनस देने का प्रस्ताव वित्त मंत्रालय को भेज दिया है और यह फाइल वहीं लंबित है। महामंत्री ने कहाकि हमेशा से ही दुर्गा पूजा के पहले ही बोनस का ऐलान कर दिया जाता रहा है, लेकिन इस बार अभी तक बोनस का ऐलान नहीं होने से कर्मचारियों में भारी आक्रोश है। महामंत्री ने कहाकि खुद रेलमंत्री ने विभिन्न बैठकों में बताया कि कोरोना के संकटकाल में रेल कर्मचारियों ने काफी मेहनत से काम किया और माल की ढुलाई में 15 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की, लेकिन जब बात कर्मचारियों को कुछ देने की होती है, तो सभी खामोश हो जाते हैं।

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महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि फिलहाल ये सब अधिक दिन तक चलने वाला नहीं है। बैठक में तय किया गया कि 20 अक्टूबर को देश भर में ” बोनस डे ” मनाया जाएगा, इस दौरान शाखा से लेकर जोन स्तर पर धरना, प्रदर्शन,रैली का आयोजन किया जाएगा। इसके साथ ही सरकार को 21 अक्टूबर तक का समय दिया गया है, इस दौरान अगर बोनस का ऐलान नहीं किया गया तो 22 अक्टूबर को सीधी कार्रवाई करते हुए रेल का चक्का जाम कर दिया जाएगा। महामंत्री ने कहाकि बोनस हमारा हक है और उत्पादकता पर आधारित बोनस है, मतलब साफ है कि रेल कर्मचारियों ने इसे अपनी मेहनत से कमाया है।

महामंत्री ने कहाकि हालाकि पिछला जो अनुभव रहा है, उससे फैडरेशन को मंत्रालय पर भरोसा कम हुआ है, लेकिन एक बार फिर दावा किया जा रहा है कि मान्यता के चुनाव 20 नवंबर से 10 दिसंबर के बीच कराया जाएगा। नए श्रम कानूनों के तहत 51 फीसदी वोट पर भी चर्चा हुई, जिसे ज्यादातर महामंत्रियों ने अव्यवहारिक बताया और कहाकि सुप्रीम कोर्ट ने 30 से 35 फीसदी वोट का जो फार्मूला दिया है, उसी आधार पर मान्यता का चुनाव होना चाहिए। फैडरेशन के महामंत्री ने सभी जोनल यूनियन के महामंत्रियों से कहा कि फिलहाल वो अपने चुनाव की तैयारियों को पुख्ता रखें। नाइट ड्यूटी एलाउंस पर चर्चा के दौरान महामंत्रियों ने कहाकि अगर नाइट ड्यूटी एलाउंस नहीं दिया जाता है तो फिर कर्मचारियों से नाइट ड्यूटी भी तत्काल बंद कराई जानी चाहिए। नाइट ड्यूटी एलाउंस को फैडरेशन ने काफी संघर्ष के बाद हासिल किया है, इस पर किसी तरह का समझौता स्वीकार नहीं है।

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महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहाकि एक ओर जब रेलकर्मचारी कोरोना महामारी के बीच ट्रेनों का संचालन कर प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने का काम कर रहे थे, कोशिश कर रहे थे कि देश के किसी कोने में आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं की कमी न होने दे, उस वक्त सरकार रेल बेचने का सौदा कर रही थी। कुल 109 चुनिंदा रेल मार्गों पर 151 ट्रेनों का संचालन प्राईवेट आँपरेटर को देने का काम किया जा रहा था। इतना ही नहीं उत्पादन इकाइयों के निगमीकरण की साजिश चल रही थी। महामंत्री ने नाराजगी जाहिर की और कहाकि फैडरेशन ने फैसला किया है कि देश के सभी 7600 रेलवे स्टेशनों पर रेल बचाओ, देश बचाओ अभियान समितियों का गठन कर लोगों को रेल के निजीकरण के प्रति जागरूर किया जाए।

एक्ट अप्रेंटिस फैडरेशन का कोर इशू है, इस पर हमारा संघर्ष जारी रहेगा, हमारी कोशिश है कि सभी अप्रेंटिस का भारतीय रेल में समायोजन होना चाहिए। इसी तरह पुरानी पेंशन की बहाली की मांग भी हम छोड़ने वाले नहीं है, इस पर भी हर स्तर पर बातचीत चल रही है। डीए फ्रीज किए जाने की आलोचना करते हुए महामंत्री ने कहाकि इस मामले में रेल मंत्रालय में बात चीत चल रही है, लेकिन सभी आर्थिक हालातों का रोना रोते है। जबकि फैडरेशन के मानना है कि रेलवे की खराब आर्थिक स्थिति के लिए कर्मचारी जिम्मेदार नहीं है, इसलिए उन्हें क्यों सजा दी जा रही है।

मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे कार्यकारी अध्यक्ष एन कन्हैया ने मौजूदा चुनौतियों की चर्चा करते हुए कहाकि हम मान्यता के दो चुनावों का सामना कर चुके है, जैसा की बोर्ड द्वारा कहा जा रहा है कि चुनाव कराया जा सकता है, तो हमें अपनी तैयारी पुख्ता करने में जुट जाना चाहिए। श्री कन्हैया ने मौजूदा राजनीतिक हालातों की भी चर्चा की और कहाकि हमें अपनी तैयारियों के साथ सतर्कता भी बरतने की जरूरत है। सरकार की मंशा ठीक नहीं है, वो किसी तरह यूनियनों को खत्म करना चाहती है, ताकि मनमानी कर सकें, लेकिन ऐसा जो लोग सोचते है, उनके मंसूबे पूरे होने वाले नहीं है, जो लोग एआईआरएफ का इतिहास जानते है, उन्हें पता है कि फैडरेशन एक लड़ाकू संगठन है और हमेशा से कर्मचारी हितों को सबसे ऊपर रखने वाला है।

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इस मीटिंग में एनडब्ल्यूआरईयू के महामंत्री मुकेश माथुर की अध्यक्षता बनी कमेटी की रिपोर्ट भी रखी गई, जिसे सभी ने सर्वसम्मति से स्वीकार किया। जल्दी ही इसके आधार पर फैडरेशन से सभी जोन को विस्तृत कार्यक्रम भेजे जाएंगे।
मीटिंग को फैडरेशन के कोषाध्यक्ष जे आर भोसले, नेशनल रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री वेणु पी नायर, इस्टर्न रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री अमित घोष, एससी रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री शंकरराव, सहायक महामंत्री एस के त्यागी, नार्थ सेंट्रल रेलवे मेन्स यूनियन के महामंत्री आर डी यादव, वेस्ट सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव, श्रमिक यूनियन के महामंत्री मनोज बेहरा, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री एस एन पी श्रीवास्तव, ईस्ट कोस्ट श्रमिक यूनियन के महामंत्री पी के पाटसानी, साउथ वेस्टर्न रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री ए एम डिक्रूज, गौतम मुखर्जी के अलावा विभिन्न यूनियन के अध्यक्ष राजा श्रीधर, बसंत चतुर्वेदी, आर सी शर्मा, के श्रीनिवास, आशीष विश्वास और प्रदीप शर्मा ने भी संबोधित किया।

Source: airfindia.org

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COMMENTS

WORDPRESS: 2
  • BAPI GUHA 4 years ago

    Modi. GOVT betrayed to family pensioner.

  • RABINDRA CHATTERJEE 4 years ago

    Pls give DA to railway pensioner during durga puja festival.
    Central Government is requested to release the pending DA.
    Pensioners are in great trouble.