कर्मियों में सरकार की नीतियों के खिलाफ रोष: निजीकरण के विरोध में रेलकर्मी बंद रखेंगे घरोें की बत्तियां
रेलवे के निजीकरण और निगमीकरण की ओर निरंतर बढ़ते कदम के विरोध में रेलकर्मी व्यापक जनजागरण अभियान चलाने जा रहे हैं. यह अभियान १४ से १९ सितम्बर तक चलेग. अयिभान के अंतिम दिन १९ सितम्बर को रेलकर्मी में घरों की लाइट रात को दस मिनट के बंद रखेंगे. इस दौरान रेलवे कालोनियों में रहने वाले रेलकर्मी और निजी घरों में रहने रेलकर्मी दोनों ही ८.००– ८.१० बजे तक लाइट बंद रखेंगे.
इस अभियान का आह्वान ऑल इंडि़या रेलवे मेंस फेड़रेेशन ने किया. फेड़रेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्र ने देशभर के सभी जोनल‚ मंड़ल‚ कारखाना और अन्य इकाइयों में अपने यूनियन के पदाधिकारियों को अभियान को सफल बनाने के लिए पत्र लिखा है. उन्होंने अपने साथी रेलकर्मियों से कहा है कि अब वह समय आ गया है जब वे अपनी आवाज बुलंद कर अपने हित की मांग केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय से कर सकते हैं.
उन्होंने कहा कि रेल मंत्रालय और केंद्र सरकार से लगातार रेल कारखानों का निगमीकरण नहीं करने‚ रोके गये ड़ीए/ड़ीआर का भुगतान करने‚ पुरानी पेंशन योजना लागू करने‚ ५० प्रतिशत पदों को सरेंड़र आदेश वापस लेने‚ खाली पदों को शीघ्र भरने‚ रेल अप्रेटिंस को भर्ती करने‚ १८०० ग्रेड़ पे को ४६०० ग्रेड़ पे में पदोन्नति देने और लार्जसेेस योजान को बहाल करने की मांग कर रही है लेकिन केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय के केवल आश्वासन देने के अलावा कुछ नहीं कर रहे हैं.
इसके विपरीत वे निगमीकरण और निजीकरण आदि की योजनाओं को लेकर आगे बढते रहे हैं. इससे सरकार की मंशा साफ हो गयी कि वह क्या करने जा रही है. फेड़रेेशन सप्ताहिक जनजागरण अभियान में १४ सितम्बर को गेट मीटिंग बुलाकर जन आंदोलन पर मंथन‚ १५ सितम्बर को सभी रेल कार्यालयों पर भोजनावकाश में सभा आयोजन‚ १६ सितम्बर को प्रबुद्ध लोगों और विशेषज्ञों के साथ उपरोक्त विषय पर वेबिनार के जरिये चर्चा‚ १७ सितम्बर को रेलवे कालोनी और अन्य प्रमुख जगहों पर स्कूटर/बाइक रैली‚ १८ सितम्बर को रेलवे कालोनियों में शाम को मशाल जुलूस और १९ सितम्बर को सभी घरों की लाइट बंद करके अभियान का समापन किया जाएगा.
इस दौरान सभी को सोशल डि़स्टेंसिंग का अनुपालन करने की अपील की गयी है. द विनोद श्रीवास्तव॥ नई दिल्ली। एसएनबी॥ द १४–१९ सितम्बर तक चलेगा रेलकर्मियों का अभियान॥
COMMENTS
Jb Union leaders bik jaate hain, toh dharna bhukh hadtaal nhin sirf apne apne ghar ki batiyan band hoti hain. Meri or se sbhi Union leaders ko dher saari *”LAAANTEN”*
sir,
I want a clarification in the following matter:
Whether the release of retirement benefits and pension of a Govt. servant, is authentic and under Govt. rules after the reduction of his last pay drawn on retirement date. If yes, then a copy of order may be provided and in case no possible, then a copy of the order may also be provided.Thanking you.