संघ लोक सेवा आयोग, परीक्षा सुधार काडर (समूह ‘क’ पद) भर्ती नियम, 2020: प्राधिकृत संख्या, वेतन मैट्रिक्स में स्तर और उनसे सम्बंधित अन्य बातें
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
नई दिल्ली, 29 जून, 2020
सा. का. नि. 98. – राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 309 के परन्तुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए, संघ लोक सेवा आयोग, निदेशक (परीक्षा सुधार), समूह ‘क’ पद भर्ती नियम, 2017, संघ लोक सेवा आयोग, संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार) भर्ती नियम, 1986 तथा संघ आयोग, उप निदेशक (परीक्षा सुधार) भर्ती नियम, 1993 का, उन बातों के सिवाय अधिक्रांत करते हुए जिन्हें ऐसे अधिक्रमण से पहले किया गया है या करने का लोप किया गया है, संघ लोक सेवा आयोग के कार्यालय सुधर काडर में समूह ‘क’ पदों पर भर्ती की पद्धति का विनियमन करने के लिए निम्नलिखित नियम बनाते हैं, अर्थात :-
1. संक्षिप्त नाम, प्रारंभ और लागू होना –
- इन नियमों का संक्षिप्त नाम संघ आयोग, परीक्षा सुधार काडर (समूह ‘क’ पद) भर्ती नियम, 2020 है.
- ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे.
- ये नियम संघ लोक आयोग में परीक्षा सुधार काडर के अधिकारियों पर लागू होंगे.
2. परिभाषाएं – इन नियमों में, जब तक कि संदर्भ से अन्यथा अपेक्षित न हो –
(क) “आयोग” से संघ आयोग अभिप्रेत है;
(ख) “काडर” से आयोग के कार्यालय में परीक्षा सुधर काडर अभिप्रेत है जो मूल्यांकन सामग्री के डिज़ाइन और विकास, परीक्षण पाठ्यक्रम का आवधिक विकास एवं पुनरीक्षण और आयोग द्वारा आवश्यकतानुसार सौपें गए अन्य कार्यों से अंतर्ग्ररस्त हैं;
(ग) ” स्कीम” से आयोग कार्यालय में परीक्षा सुधार काडर के अधिकारियो के लिए कैरियर प्रगति उन्मुख स्कीम अभिप्रेत है जिसे कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा पत्र सं. 39011/02/2018-स्था। (ख) तारीख 22/08/2019 को अनुमोदित किया गया है;
(घ) “अनुसूची” से इन नियमों से उपाबद्ध अनुसूची अभिप्रेत है।
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3. पद संख्या, वर्गीकरण और वेतन मैट्रिक्स में स्तर, पदों की संख्या, उनका वर्गीकरण उनसे संलग्न वेतन मैट्रिक्स में स्तर स्कीम में यथाउपबन्धित के सिवाय वे होंगे जो अनुसूची के स्तंभ (2) से स्तंभ (4) में विनिर्दिष्ट हैं।
4. काडर की संरचना एवं प्राधिकृत संख्या:
(1) काडर के साधारण केंद्रीय सेवा समूह ‘क’ के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा।
(2) काडर के प्रवेश स्तर में सम्मिलित पदों की प्राधिकृत संख्या, वेतन मैट्रिक्स में स्तर और उनसे सम्बंधित अन्य बातें वे होंगी जो निम्निलिखित सारणी में विनिर्दिष्ट हैं अर्थात:-
सारणी
क्रम सं. | पदनाम | वेतन मैट्रिक्स में स्तर | पदों की संख्या |
1. | ज्येष्ठ निदेशक (परीक्षा सुधार) | 14 | 09 (कार्यभार के आधार पर परिवर्तन किया जा सकता है) |
2. | निदेशक (परीक्षा सुधार) | 13 | |
3. | संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार) | 12 | |
4. | उप निदेशक (परीक्षा सुधार) | 11 |
(3) प्रवेश स्तर में पदों की प्राधिकृत स्थायी संख्या आयोग द्वारा समय – समय पर अवधारित की जाएगी.
(4) आयोग समय-समय पर कार्यभार के आधार पर परिवर्तन, जैसा आवश्यक समझे, प्रवेश स्तर कमी में पदों की संख्या में अस्थाई वृद्धि या कमी कर सकेगा.
(5) आयोग काडर में, उप-नियम (2) सारणी में सम्मिलित किसी भी पद से भिन्न कोई पद को सम्मिलित कर सकेगा या उक्त सारणी में सम्मिलित पदों में से कोई पद काडर से हटा सकेगा.
(6) आयोग उप-नियम (5) के अधीन काडर में सम्मिलित किसी ऐसे अधिकारी को, जिसका पद काडर में सम्मिलित किया गया है, काडर में अस्थाई रूप में या मूल रूप में, जैसा उचित समझे, समुजित श्रेणी में नियुक्त कर सकेगा और सदृश श्रेणी में उसकी नियमित सेवा निरंतर पश्चात् को ध्यान में रखने के उसकी उस श्रेणी में ज्येष्ठता नियत का सकेगा.
5. काडर के अधिकारी:
(1) निम्नलिखित व्यक्ति काडर के सदस्य होंगे, अर्थात:-
(क) नियम 4 के उप-नियम (5) के अधीन नियुक्त व्यक्ति
(ख) नियम 6 के अधीन कर्त्तव्य पद पर नियुक्त व्यक्ति
(2) उप-नियम (1) के खंड (ख) के अधीन नियुक्त कोई व्यक्ति, ऐसी नियुक्ति पर, नियम 4 के उपनियम (2) में उल्लिखित सारणी में यथाविनिर्दिष्ट, उसके लिए लागू समुचित श्रेणी में, काडर के सदस्य में माना जायेगा.
6. काडर का भावी अनुरक्षण:
(1) नियम 4 के उप-नियम (2) में उल्लिखित सारणी में निर्दिष्ट किसी भी श्रेणी में किसी भी अधिकारी द्वारा अधिवर्षिता की आयु प्राप्त करने पर सेवानिवृत्ति होने या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति या त्यागपत्र या मृत्यु के कारण पद रिक्त होने के परिणाम स्वरुप उत्पन्न हुई रिक्तियां, उपनिदेशक (परीक्षा सुधार) के स्तर पर सीधी भर्ती के आधार पर भरी जाएंगी.
(2) यथा स्थिति, अगली निम्नतर श्रेणी या निम्नतर श्रेणियों, में न्यूनतम अर्हक सेवा सहित, कडार में सम्मिलित पदों पर नियुक्ति या प्रोन्नति के लिए भर्ती की पद्धति, प्रोन्नति के लिए चयन का क्षेत्र, यथास्थिति, वे होंगे जो अनुसूची के स्तम्भ-(5) से स्तम्भ (13) में विनिर्दिष्ट है.
(3) ज्येष्ठ प्रशासनिक ग्रेड स्तर तक की विभागीय प्रोन्नतियां, रिक्तियों को ध्यान में रखे बिना, इस प्रकार की जाएंगी जैसा उपाबंध-I में विनिर्दिष्ट है और वार्षिक छानबीन समिति तथा प्रोन्नति समिति की सिफारिशों पर, जैसा की उपाबंध-II में विनिर्दिष्ट है, काडर के अधिकारीयों के लिए समिट होंगी.
(4) स्कीम के अधीन काडर की विभिन्न श्रेणियों के लिए प्रोन्नति हेतु अपेक्षित न्यूनतम मानदंड वह होगा जो उपाबंध-II में विनिर्दिष्ट है.
(5) सीधी भर्ती द्वारा काडर में प्रवेश स्तर पद पर नियुक्त के लिए न्यूनतम शैक्षिक और अन्य अर्हताएं, अनुभव और आयु-सीमा वह होंगी जो उप निदेशक (परीक्षा सुधार) के पद के लिए अनुसूची में विनिर्दिष्ट है.
(6) प्रवेश स्तर से भिन्न, काडर की विभिन्न श्रेणियों में प्रोन्नति का रिक्तयों स कोई सम्बन्ध नहीं होगा.
7. ज्येष्ठता:
(1) स्कीम के प्रारम्भ होने की तारीख को काडर की किसी भी श्रेणी में नियुक्त अधिकारिओं की सापेक्ष ज्येष्टता आयोग द्वारा अवधारित की जाएगी:
परन्तु यदि उक्त तारीख का किसी ऐसे अधिकारी की ज्येष्टता विनिर्दिष्ट रूप से अवधारित नहीं की गई थी तो उसे ज्येष्ठता नियत करने के उन नियमों के आधार पर नियंत्रित किया जायेगा जो स्कीम के प्रारम्भ होने से पहले काडर के सदस्यों के लिए लागू थे।
(2) नियम (5) के नियुक्त अधिकारियों से भिन्न, काडर में नियुक्त अधिकारियों की ज्येष्ठता, केंद्रीय सरकार द्वारा इस विषय में समय-समय पर जारी किए गए साधारण अनुदेशों के अनुसार अवधारित की जाएगी।
(3) काडर में किसी ऐसे व्यक्ति को जिन्हें ज्येष्ठ प्रशासनिक श्रेणी के स्तर तक के पदों पर प्रोन्नत किया जाता है, की ज्येष्ठता वही होगी जैसी निम्नतर श्रेणी, जिससे उन्हें प्रोन्नत किया गया है, में सापेक्ष ज्येष्ठता है:
परन्तु, समयबद्ध प्रोन्नति के लिए ‘अनुप्रयुक्त’ पाए जाने वाले व्यक्तयों के मामले में, उनकी ज्येष्ठता प्रत्येक स्तर पर वास्तविक प्रोन्नति की तारीख के प्रतिनिर्देश से अवधारित की जाएगी.
(4) इस नियम के अधीन न जाने वाले मामलों में ज्येष्ठता आयोग द्वारा अवधारित की जाएगी.
8. परिवीक्षा:
(1) काडर में सीधी भर्ती द्वारा नियुक्त प्रत्येक अधिकारी एक वर्ष की अवधी के लिए परिवीक्षा पर रहेगा:
परन्तु नियंत्रक प्राधिकारी केंद्रीय सरकार द्वारा इस निमित्त समय पर जारी किये गए अनुदेशों के अनुसार परिवीक्षा की अवधी को बढ़ा सकेगा:
परन्तु यह और भी की किसी अधिकारी की परिवीक्षा की अवधि बढ़ाए जाने के लिए कोई विनिक्ष्चय परिवीक्षा की प्रारंभिक अवधि की समाप्ति के पश्चात साधारणतया आठ सप्ताह के भीतर किया जायेगा और ऐसा करने के कारणों सहित संबधित अधिकारी को उक्त अवधि के भीतर लिखित रूप में संसूचित किया जाएगा.
(2) परिवीक्षा की अवधि या उसके किसी विस्तारण के पूरा होने पर अधिकारी को यदि स्थायी नियुक्ति के लिए उपयुक्त समझा जाए तो केंद्रीय सरकार के विस्तारण आदेशों के निबंधनों के अनुसार, उसकी पुष्टि पर विचार किया जाएगा.
(3) यदि, यथास्थिति, परिवीक्षा की अवधि या उसके किसी विस्तारण के दौरान, आयोग की यह राय है की अधिकारी स्थायी नियुक्ति के लिए उपयुक्त नहीं है तो आयोग, यथास्थिति, उस अधिकारी को पद से निर्मुक्त कर सकेगा या काडर में उसकी नियुक्त से पूर्व उसके द्वारा पद पर प्रतिवर्तिति कर सकेगा.
(4) परिवीक्षा की अवधि या उसके किसी विस्तारण के दौरान, केंद्रीय सरकार द्वारा अधिकारियों से अपेक्षा की जा सकेगी की वे परिवीक्षा के संतोषजनक रूप से पूरा होने के लिए शर्त के रूप में ऐसे प्रशिक्षण के पाठ्यक्रमों या ऐसी परीक्षाओं को उत्तीर्ण करें जिन्हे केंद्रीय सरकार ठीक समझे.
(5) परिवीक्षा से सम्बंधित अन्य विषयों के सम्बन्ध में काडर के अधिकारी, केंद्रीय सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में समय- समय पर जारी किए आदेशों और अनुदेशों द्वारा शासित होंगे.
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9. सेवा में नियुक्ति – काडर में सभी नियुक्तियां आयोग के अध्यक्ष द्वारा की जाएंगी.
10. स्कीम की अन्य शर्तें – काडर के अधिकारियों की अन्य सेवा- शर्तें वह होंगी जो उपाबंध-III में विनिर्दिष्ट है.
11. भर्ती की पद्धति, आयु- सीमा, अर्हताएं आदि – भर्ती की पद्धति, आयु-सीमा, अर्हताएं और उनसे सम्बंधित अन्य बातें वे होंगी जो अनुसूची के स्तम्भ (5) से स्तम्भ (13) में विनिर्दिष्ट है.
12. निरर्हता – वह व्यक्ति,
(क) जिसने ऐसे व्यक्ति से जिसका पति या पत्नी जीवित है, विवाह की संविदा की है,या
(ख) जिसने अपने पति या अपनी पति के जीवित रहते हुए किसी व्यक्ति से विवाह किया है या विवाह की संविदा की है, उक्त पद पर नियुक्ति का पात्र नहीं होगा:
परन्तु यदि केंद्रीय सरकार का यह समाधान हो जाता है की ऐसा विवाह ऐसे व्यक्ति और विवाह के अन्य पक्षकार को लागू स्वीय विधि के अधीन अनुज्ञेय है और ऐसा करने के लिए अन्य आधार है, तो वह किसी व्यक्ति को इस नियम के प्रवर्तन से छूट दे सकेगी.
13. आरंभिक गठन:
(क) इन नियमों के प्रारम्भ की तारीख को, काडर में नियमित पदधारण करने वाले विधमान अधिकारी, अपनी-अपनी श्रेणियों में काडर अधिकारी होंगे.
(ख) इन नियमो के प्रारम्भ से पूर्व उप-नियम (क) में निर्दिष्ट अदिकारियों की नियमित निरंतर सेवा को ज्येष्ठता , प्रोनत्ति और पेंशन के लिए अर्हक सेवा के प्रयोगं के लिए गणना में लिया जायेगा.
14. शिथिल करने की शक्ति- जहा केंद्रीय सरकार की यह राय है की ऐसा करना आवश्यक या समीचीन है,वहां वह उसके लिए फ़ो कारण है लेखबद्ध करके तथा संघ लोक आयोग के परामर्श से इन नियमों के किसी उपबंध को किसी वर्ग या प्रवर्ग के व्यक्तियों की बाबत शिथिल कर सकेगी.
15. ब्यावृत्ति- इन नियमो की कोई बात, ऐसे आरक्षण, आयु सिमा में छुट और अन्य रियायतों पर प्रभाव नहीं डालेगी, हिनका केंद्रीय सरकार द्वारा इस सम्बन्ध में समय-समय जारी किये गे आदेशों के अनुसार अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों , अन्य पिछड़े वर्गों , भूतपूर्व सैनिकों और अन्य विशेष प्रवर्ग के व्यक्तियों के लिए उपबंध करना अपेक्षित है.
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उपबंध-I
1. पात्रता मानदंड:- सी-पोजर स्किम के अधीन प्रोनत्ति का लाभ लेने के लिए सम्बंधित अधिकारी को पात्रता अवधारण निर्णायक तारीख को निम्नलिखित मानदंड पुरे करने होंगे:
(क) (i) संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार )के प्रोनत्ति निदेशक (परीक्षा सुधार )के ग्रेड में (5)पांच वर्ष सेवा.
(ii) निदेशक (परीक्षा सुधार )के प्रोनत्ति संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार )के ग्रेड में चार (4) वर्ष की नियमित सेवा.
(iii) ज्येष्ठ निदेशक (परीक्षा सुधार )के निशक (परीक्षा सुधार )के गरज में सात (7)वर्ष नियमित सेवा और
(ख) (i) उसके विरुद्ध कोई सतर्कता का मामला न हो;
(ii) उसकी सत्यनिष्ठा संदेह से परे हो;
(iii) अपेक्षित संख्या में वर्षिक कार्य निपादन मूल्यांकन रिपोर्ट अर्जित की हों ;
(iv) प्रत्येक 7.5 के साथ बहुत अच्छा या उससे ऊपर के बेंचमार्क हो;
2. पात्रता अवधारण के लिए निर्णायक तारीख :
पात्रता अवधारण के लिए निर्णायक तारीख प्रत्येक मूल्याङ्कन जनुवरी होगी |
3. न्यूनतम रेजीडेंसी अवधि की गणना :
स्किम के प्रयोजन के लिए रेजीडेंसी अवधि सीधी भर्ती माध्यम से नियमित आधार पर (परीक्षा सुधार) के पद ग्रहण करनेकी तारीख से शुरू होगी. नियमित नियुक्ति से पहले पूर्व-नियुक्ति प्रशिक्षण पर तदर्थ/संविदा आधार पर की गई सेवा को रेजीडेंसी अवधि की गणना में सम्मिलित जायेगा.
(क) इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित अवधीयों को अगले उच्च ग्रेड में प्रोनत्ति के लिए नींतर ग्रेड में अनिवार्यतः पूरी की जाने वाले न्यूनतम रेजीडेंसी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(i)किसी अन्य समान पद (अकादमिक पद) पर प्रतिनियुक्ति/विदेश बितायी गई अवधि को, जिसमें आयोग काडर के अधिकारी को भिन्न सेट-उप में वैयानिक अकादमिक अनुभव अर्जित करने में मदद मिलती है, स्किम के अधीन न्यूनतम रेजीडेंसी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(ii)अध्ययन छुट्टी/प्रदान की गई कोई अन्य कोई छुट्टी की अवधि/अधिकारीयों बढ़ने के लिए प्रशिक्षण पर उपयोग की गई अवधि अधीन न्यूनतम रेजीडेन्सी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(iii) छुट्टी नियमों के अनुसार एक समय में अधिकतम 180 दिन की अवधि के स्वीकृत अर्जित स्किम न्यूनतम रेजीडेन्सी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(iv) छुट्टी नियमों के अनुसार स्वीकृत मातृत्व/पितृत्व छुट्टी को अधीन न्यूनतम रेजीडेन्सी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(v) छुट्टी नियमों के अनुसार स्वीकृत मातृत्व छुट्टी के निरंतर में अधिकतम एक वर्ष की अवधि की छुट्टी (शिशु देखभाल छुट्टी सहित) को भी स्किम के अधीन न्यूनतम रेजीडेन्सी अवधि के रूप में गिना जायेगा.
(ख) इसके आलावा, निम्नलिखित सभी अवधियों को स्किम के अधिन प्रोनत्ति के लिए न्यूनतम रेजीडेन्सी अवधि की गणन करते समय नहीं जायेगा:
(i) गैर-अकादमिक पद पर प्रतिनियुक्ति/विदेश सेवा के लिए बिताई गई अवधि.
(ii) एक बार में 30 दिन अवधि के लिए चिकित्सा छुट्टी पर बिताई गई अवधि.
(iii) असाधारण छुट्टी पर बिताई गई कोई भी अवधि.
4. अवसरों की संख्या:
(क) स्किम के अधीन अगले स्तर (अर्थात स्तर -11 से स्तर-12 ,स्तर -12 से स्तर-13 ,स्तर -13 से स्तर-14 )पर स्पष्ट रिक्ति सम्बन्ध किये बिना प्रोनत्ति प्रदान करने के लिए , किसी अधिकारी को प्रत्येक स्तर पर केवल दो अवसरों पर मूल्यांकन किया जायेगा. इसके अतिरिक्त, प्रत्येक स्तर पर दो उत्तरवर्ती मूल्यांकनों के बीच एक मूल्याङ्कन वर्ष का अंतराल रखा जायेगा.
(ख) यदि किसी अधिकारी को इस स्किम के अधीन अगले उच्चतर ग्रेड में प्रोनत्ति के लिए पहले अवसर पर उपयुक्त नहीं आँका जाता है मूल्याङ्कन वर्ष के अंतराल के पश्चात् दूसरे अवसर पर उसका मूल्याङ्कन किया जायेगा. उदाहरण के लिए यदि ऐसे अधिकारी जो 2019 में स्तर-11 में सेवा (काडर) में सम्मिलित होता है तो वह उस ग्रेड में 5 वर्ष की नियमित सेवा पूरी होने पर अर्थात 2024 में स्तर-12 में प्रोनत्ति के लिए पात्र होगा. यदि अधिकारी को 2024 में उपयुक्त नहीं माना जाता है तो उसे मूल्याङ्कन का दूसरा अवसर केवल 2026 में अर्थात मूल्यांकन वर्ष 2025 के अंतराल के बाद.
(ग) यदि अधिकारी को दूसरे अवसर पर उपयुक्त नहीं माना जाता है तो स्कीम के अधीन उसी ग्रेड में प्रोनत्ति के लिए उसे आगे और मूल्यांकन नहीं किया जायेगा.
(घ) तथापि,ऐसे अधिकारी पर उसे विशेष ग्रेड में 10 वर्ष की नियमित सेवा पूरी होने पर ‘एमएसीपी’ स्किम के अधीन वित्तीय उन्नयन प्रदान करने पर विचार किया जायेगा.
(ड.) तदनुसार, केंद्रीय सरकार के सिविल कर्मचारियों के लिए यथा अनुमोदित ‘एमएसीपी’ स्किम के लाभ , स्किम के अधीन आने वाले काडर आधिकारियों पर लागु होना जारी रहेगा. इसका उद्देश्य काडर के उन अधिकारीयों को उनत्ति का वैकल्पिक माध्यम प्रदान करता है जिन्हें पैरा 4 (क),(ख) और (ग)के उपबंधों के अनुसार स्किम के अधीन प्रोनत्ति प्रदान करने के लिए अन्यथा उपयुक्त नहीं माना जाता है.
स्पष्टीकरण टिप्पण
तीन अधिकारी-क ,ख और ग तारीख 01-01-2019 को स्तर-11 में उप निदेशक (परीक्षा सुधार) के पद पर ज्वाइन करते हैं.
ऐसे में, इस स्किम के अधीन उनकी करियर उनत्ति निम्नलिखित अनुसार होगी:
अधिकारी का नाम | उप निदेशक (परीक्षा सुधार) के ग्रेड में नियुक्ति की तारीख | स्किम केअधीन परिणाम सहित स्पष्ट रिक्ति से सम्बन्ध न करते हुए स्तर-12 (78,800-2,09,200 रूपए) में प्रोनत्ति प्रदान करने के लिए पहला मूल्याङ्कन करने की तारीख | स्किम केअधीन परिणाम सहित स्पष्ट रिक्ति से सम्बन्ध न करते हुए स्तर-12 (78,800-2,09,200 रूपए) में प्रोनत्ति प्रदान करने के लिए दूसरा मूल्याङ्कन करने की तारीख | ‘एमएसपी’ स्किम के अधीन परिणाम सहित स्तर-12 (78,800-2,09,200 रूपए) में वित्तीय उन्नयन प्रदान करने के लिए मूल्याङ्कन करने की तारीख | स्किम के अधीन परिणाम सहित स्पष्ट रिक्ति से सम्बन्ध न करते हुए अगले स्तर-13 (1,23,100–2,15,900 रूपए) में प्रोनत्ति प्रदान करने के लिए पहला मूल्याङ्कन करने के अधीन |
क | 01-01-2019 | 01-04-2024 सिफारिश की गई | लागु नहीं होता | लागु नहीं होता | 01-04-2028 |
ख | 01-01-2019 | 01-04-2024 सिफारिश नहीं की गई | 01-04-2026 सिफारिश की गई | लागु नहीं होता | 01-04-2030 |
ग | 01-01-2019 | 01-04-2024 सिफारिश नहीं की गई | 01-04-2026 सिफारिश नहीं की गई | 01-01-2029 सिफारिश की गई | 01-04-2033 |
उल्लिखित दृष्टांतों के अधीन स्पष्टता के लिए निम्नलिखित उदाहरण दिए गए हैं:
(i)स्किम के अधीन एक उप निदेशक (परीक्षा सुधार) की संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार)के ग्रेड में प्रोनत्ति के लिए दो बार विचार किया जाता है,यदि वह दोनों अवसरों पर प्रोनत्ति नहीं पाता है तो इस स्किम के अधीन संयुक्त निदेशक निदेशक (परीक्षा सुधार)के ग्रेड में प्रोनत्ति के लिए उसका आगे और मूल्याङ्कन नहीं किया जायेगा. इसके बाद,कार्यालय ज्ञापन संख्या ३५०३४/०३/२०१८-स्था. ‘ख’ तारीख 19-05-2009 द्वारा अधिसूचित एमएसपी स्किम के उपबंधों के अनुसार 10 वर्ष के नियमित सेवा पूरी करने पर वित्तीय उन्नयन करने के लिए उस पर विचार किया जायेगा.
(ii) स्किम के अधीन एक उप निदेशक (परीक्षा सुधार) की संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार) पर प्रोनत्ति सात वर्ष की सेवा (अर्थात इसमें 5 वर्ष की सामान्य रेजीडेन्सी अवधि और एक मूल्यांकन वर्ष जिनमें वह प्रोनत्ति नहीं पा सका और उत्तरवर्ती दो मूल्यांकनों के बीच एक मूल्यांकन वर्ष का अंतराल सम्मिलित है)के पश्चात् दूसरे अवसर पूरी होने पर की जाती है. तत्पश्चात,स्किम के अधीन चार वर्ष की विहित रेजीडेन्सी अवधि पूरी करने पर,अधिकारी दो उत्तरवर्ती अवसरो में निदेशक स्किम के अधीन एक उप निदेशक (परीक्षा सुधार) की संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार) के पर के लिए अर्हक नहीं होता है. तत्पश्चात संयुक्त निदेशक (परीक्षा सुधार) के ग्रेड में 10 वर्ष सेवा पूरी करने पर अर्थात प्रारंभिक नियुक्ति से 10 वर्ष के पश्चात् उसका वित्तीय उन्नयन पर विचार किया जायेगा. ऐसे मामले में, अधिकारी की अगली प्रोनत्ति के लिए विचार, निदेशक (परीक्षा सुधार) की विहित रेजीडेन्सी अवधि पूरी करने पर ही किया जायेगा (अर्थात 17+7=24 वर्ष की सेवा).
(iii) यदि अधिकारी स्किम के अधीन तीन प्रोनत्ति पा लेता है, तो एमएसपी अधीन एक ग्रेड में 10 वर्ष की निरंतर सेवा पूरी करने पर या पूरी सेवा में 20 या 30 वर्ष के अंत में आगे और किसी उन्नयन के लिए दावा नहीं कर सकता है, क्योकि एमएसपी स्किम के अधीन पे-बैंड्स के परक्रम में केवल तीन वित्तीय उन्नयन दिए जाने की अनुमति है.
6. वार्षिक कार्य रिपोर्ट के लिए प्रपत्र : निषपादित कार्य की विषय – वस्तु के लिए वार्षिक कार्य रिपोर्ट प्रपत्र (वित्तीय वर्ष के आधा पर) तैयार किया गया है जो निचे दिया है. वार्षिक कार्य रिपोर्ट प्रपत्र में, भाग-(क) को प्रशासनिक शाखा द्वारा भरा जायेगा, भाग-(ख) को सम्बंधित अधिकारी द्वारा भरा जायेगा और भाग-(ग) में इस पर रिपोर्टिंग अधिकारी द्वारा रिपोर्ट दी जाएगी | वार्षिक मूल्याङ्कन समिति द्वारा प्रपत्र के भाग-(घ) में रिपोर्ट दी जाएगी. तथापि, वार्षिक कार्य रिपोर्ट का यह नया प्रपत्र, वार्षिक कार्य निष्पादन मूल्याङ्कन रेपोर्ट (एपीआर) की रिकॉर्डिंग करने की नियमित प्रणाली का स्थान नहीं लेगा.
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