Companies (Indian Accounting Standards) Amendment Rules, 2020: कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2020

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Companies (Indian Accounting Standards) Amendment Rules, 2020: कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2020

Companies (Indian Accounting Standards) Amendment Rules, 2020: कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2020

भारत का राजपत्र
सी.जी.दी.अल.अ – 24072020-220679
असाधारण
भाग II – खंड 3-उप-खंड (i)
प्राधिकार से प्रकाशित

नई दिल्ली,शुक्रवार,जुलाई 24, 2020/श्रावण 2,1942

कारपोरेट कार्य मंत्रालय

अधिसूचना

नई दिल्ली, 24 जुलाई , 2020

सा.का.नि. 463 (अ).—केंद्रीय सरकार, कंपनी अधिनियम, 2013 (2013 का 18) की धारा 469 के साथ पठित धारा 133 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए कंपनी (भारतीय लेखा मानक) नियम, 2015 में और संशोधन करने के लिए निम्न्लिखित नियम बनाती है, अर्थात :-

1.  संक्षिप्त नाम और प्रारम्भ – इन नियमो का नाम कंपनी (भारतीय लेखा मानक) संशोधन नियम, 2020 है।

(2) ये राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से प्रवृत्त होंगे।

2. कंपनी (भारतीय लेखा मानक) नियम, 2015 में “अनुलग्नक” में,शीर्षक “ख. भारतीय लेखा मानक इंड एएस” के अधीन –

(क) “भारतीय लेखा मानक इंड एएस 103” में,-

(i) पैरा 3 के स्थान पर निम्न्लिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात :-

“3 एक अस्तित्व इस भारतीय लेखा मानक इंड ए एस में, दी गयी परिभाषा के अधार पर यह निर्धारित करेगा कि क्या एक संव्यवहार या अन्य घटना एक व्यवसायिक संयोजन है या नहीं, यह भारतीय लेखा मानक यह अपेक्षा करता है कि अधिग्रहित की गयी आस्तियों और ग्रहण किये गए दायित्वों से एक व्यवसाय का गठन होता है। यदि अधिग्रहित की गयी आस्तिया एक व्यवसाय नहीं है तो रिपोर्टिंग करने वाला अस्तित्व विशेष संव्यवहार या अन्य घटना का लेखा एक आस्ति ग्रहण के रूप में करेगा। पैरा ख5-ख12घ एक व्यवसायिक संयोजन की पहचान और एक व्यवसाय की परिभाषा हेतु दिशा-निर्देश प्रदान करते हैं।”

(ii) पैरा 64ण के बाद, निम्न्लिखित अंत: स्थापित किया जाएगा, अर्थात :-

“64त व्यवसाय की परिभाषा (भारतीय लेखा मानक 103 में संशोधन), के अंतर्गत पैरा ख7 क-ख7 ग, ख8क एवं ख12क-ख12घ जोड़े गए हैं, परिशिष्ट क में शब्द ‘व्यवसाय’ की परिभाषा को संशोधित गया है, पैरा 3, ख7-ख9, ख11 व ख12 संशोधित किये गए हैं और पैरा ख 10 को हटा दिया गया है। एक अस्तित्व इन संशोधनों को ऐसे व्यवसायिक संयोजनों पर लागू करेगा जिनकी अधिग्रहण तारीख १ अप्रैल 2020 को या इसके बाद की तारीख से प्रारम्भ होने वाली प्रथम वार्षिक रिपोर्टिंग अवधि के प्रारंभ की तारीख या बाद की तारीख हो। ये संशोधन उन आस्ति अधिग्रहणों पर भी लागू होंगे जो उक्त अवधि के प्रारम्भ या बाद की तारीख को हुए हैं। “

(iii) परिशिष्ट क में, व्यवसाय की परिभाषा को निम्न्लिखित से से प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:-

व्यवसाय गतिविधियों और आस्तियों का समेकित समुच्चय जो ग्राहकों को वस्तुएं या सेवाएं प्रदान करने, निवेश आय (जैसे की लाभांश या ब्याज) का सृजन करने या सामान्य गतिविधियों से अन्य आय के सृजन के लिए संचालित है और उनका प्रबंध किया जाता है। “

(iv) परिशिष्ट ख में,

(I) पैरा ख7 के स्थान पर निम्नलिखित प्रतिस्थापित किया जाएगा, अर्थात:-

ख7 एक व्यवसाय उन निवेशों और प्रक्रियाओं के संयोग से बना होता जिनका प्रयोग उत्पाद की उत्पत्ति के लिए किया जाता है। एक व्यवसाय के तीन तत्वों की परिभाषा इस प्रकार है (व्यवसाय के तत्वों पर मार्गदर्शन के लिए पैरा ख8-ख12घ का अवलोकन करें):

(क) निवेश : कोइ भी आर्थिक संसाधन जो एक या अधिक प्रक्रियाओं के प्रयोग द्वारा उत्पाद की रचना करता है या फिर उत्पादों की रचना में अंशदान करने की क्षमता रखता है। उदाहरणतया गैर चालू
आस्तियों (अमूर्त आस्तियां या गैर चालू आस्तियों के प्रयोग के अधिकारों सहित) बौद्धिक संपत्ति आवश्यक सामग्रियों या अधिकारों व कर्मचारियों तक पहुंच की योग्यता।

(ख) प्रक्रिया : कोई प्रणाली, मानक, नयाचार, परिपाटी या नियम, जिसे जब तक निवेश या निवेशों पर लागू किया जाता है तो वह उत्पादों की रचना करता है या उत्पादों की रचना करने के लिए योगदान देने की योग्यता रखता है। रणनीतिक प्रबंध प्रक्रियाएं, परिचालन प्रक्रियाएं और संसाधन प्रबंध प्रक्रियाएं, उदाहरण में अंतःस्थापित हैं। ये विशिष्ट प्रक्रियाएं सामान्यतया प्रलेखित होती है लेकिन एक संगठित कौशल संपन्न, नियमों व परिपाटियों अनुसरण करने वाले संगठित कार्य दल की बौद्धिक क्षमता भी ऐसी आवश्यक प्रक्रियाएं प्रदान कर सकता है जो निवेशों पर प्रयोग की जा सकती हैं ताकि उत्पादों की रचना हो सके। (लेखा, बिलिंग, वेतन पत्रक अन्य प्रशासकीय कार्यदल, उत्पादों की रचना के हेतु प्रक्रियाएं नहीं है।

(ग) उत्पाद : ग्राहकों को वस्तुएं या सेवाएं प्रदान करने, निवेश ( जैसे की लाभांश या ब्याज) को उत्पन्न करने वाली या फिर, सामान्य गतिविधियों अन्य आय को उत्पन्न करने वाली निवेशों व प्रक्रियाओं पर लागू की गयी प्रक्रियाएं का परिणाम। “

(II) पैरा ख7 के बाद, निम्लिखित अंतःस्थापित किया जाएगा, अर्थात :-

“उचित मूल्य की सघनता का पता लगाने का वैकल्पिक परीक्षण

“ख7क पैरा ख7ख में एक वैकल्पिक परीक्षण (सघनता परीक्षण) निर्धारित किया गया है जो सरलीकृत मूल्यांकन की अनुमति देता है की गतिविधियों व आस्तियों का अधिग्रहीत समुच्चय एक व्यवसाय नहीं है। एक अस्तित्व के लिए इस परीक्षण के लिए इस परीक्षण के प्रयोग करने या न करने का विकल्प उपलब्ध है। अस्तित्व इस चयन का प्रयोग अलग-अलग रूप से प्रत्येक संव्यवहार अन्य घटना के लिए कर सकता है। इस सघनता परीक्षण के निम्नलिखित परिणाम होते है:

(क) यदि सघनता परीक्षण संपन्न होता हैं और गतिविधियों व आस्तियों का समुच्चय यह निर्धारित करता है की वह व्यवसाय नहीं है तो आगे किसी मूल्यांकन की आवश्यकता नहीं है।

(ख) यदि सघनता परीक्षण संपन्न नहीं होता है या अस्तित्व यह चयन करता है की परीक्षण का प्रयोग न किया जाए, तो अस्तित्व पैरा ख8 -ख12घ में निर्धारित मूल्यांकन का निर्वाह करेगा।

पूर्ण  नोटिफिकेशन पढ़ने के ल‍िए अंत में दिये लिंंक द्वारा  पीडीएफ  डाउन लोड करें

MINISTRY OF CORPORATE AFFAIRS
NOTIFICATION

New Delhi, the 24th July, 2020

G.S.R. 463(E).— In exercise of the powers conferred by section 133 read with section 469 of the Companies Act, 2013 (18 of 2013), the Central Government, in consultation with the National Financial Reporting Authority, hereby makes the following rules further to amend the Companies (Indian Accounting Standards) Rules, 2015, namely:—

1. Short title and commencement.-(1) These rules may be called the Companies (Indian Accounting Standards) Amendment Rules, 2020.

(2) They shall come into force on the date of their publication in the Official Gazette.

2. In the Companies (Indian Accounting Standards) Rules, 2015, in the ―Annexure-I, under the heading ―B. Indian Accounting Standards (Ind AS)‖,-

(A) in ―Indian Accounting Standard (Ind AS) 103‖, –

(i) for paragraph 3, the following shall be substituted, namely:-

“3 An entity shall determine whether a transaction or other event is a business combination by applying the definition in this Ind AS, which requires that the assets acquired and liabilities assumed constitute a business. If the assets acquired are not a business, the reporting entity shall account for the transaction or other event as an asset acquisition. Paragraphs B5–B12D provide guidance on identifying a business combination and the definition of a business.‖;

(ii) after paragraph 64O, the following shall be inserted, namely:-

“64P Definition of a Business (Amendments to Ind AS 103), added paragraphs B7A–B7C, B8A and B12A– B12D, amended the definition of the term business‘ in Appendix A, amended paragraphs 3, B7–B9, B11 and B12 and deleted paragraph B10. An entity shall apply these amendments to business combinations for which the acquisition date is on or after the beginning of the first annual reporting period beginning on or after the 1st April, 2020 and to asset acquisitions that occur on or after the beginning of that period.‖;

(iii) in Appendix A, for definition of the term ―business, the following definition shall be substituted, namely:-

“business An integrated set of activities and assets that is capable of being conducted and managed for the purpose of providing goods or services to customers, generating investment income (such as dividends or interest) or generating other income from ordinary activities.‖;

(iv) in Appendix B,-

(I) for paragraph B7, the following shall be substituted, namely:-

“B7 A business consists of inputs and processes applied to those inputs that have the ability to contribute to the creation of outputs. The three elements of a business are defined as follows (see paragraphs B8-B12D for guidance on the elements of a business):

(a) Input: Any economic resource that creates outputs, or has the ability to contribute to the creations of outputs, when one or more processes are applied to it. Examples include non-current assets (including intangible assets or rights to use non-current assets), intellectual property, the ability to obtain access to necessary materials or rights and employees.

(b) Process: Any system, standard, protocol, convention or rule that, when applied to an input or inputs, creates outputs or has the ability to contribute to the creations of outputs. Examples include strategic management processes, operational processes and resource management processes. These processes typically are documented, but the intellectual capacity of an organised workforce having the necessary skills and experience following rules and conventions may provide the necessary processes that are capable of being applied to inputs to create outputs. (Accounting, billing, payroll and other administrative systems typically are not processes used to create outputs.)

(c) Output: The result of inputs and processes applied to those inputs that provide goods or services to customers, generate investment income (such as dividends or interest) or generate other income from ordinary activities.”;

(II) after paragraph B7, the following shall be inserted, namely:-

“Optional test to identify concentration of fair value

B7A Paragraph B7B sets out an optional test (the concentration test) to permit a simplified assessment of whether an acquired set of activities and assets is not a business. An entity may elect to apply, or not apply, the test. An entity may make such an election separately for each transaction or other event.

The concentration test has the following consequences:-

(a) if the concentration test is met, the set of activities and assets is determined not to be a business and no further assessment is needed;

(b) if the concentration test is not met, or if the entity elects not to apply the test, the entity shall then perform the assessment set out in paragraphs B8–B12D.

B7B The concentration test is met if substantially all of the fair value of the gross assets acquired is concentrated in a single identifiable asset or group of similar identifiable assets. For the concentration
test:

(a) gross assets acquired shall exclude cash and cash equivalents, deferred tax assets, and goodwill resulting from the effects of deferred tax liabilities;

(b) the fair value of the gross assets acquired shall include any consideration transferred (plus the fair value of any non-controlling interest and the fair value of any previously held interest) in excess of the fair value of net identifiable assets acquired. The fair value of the gross assets acquired may normally be determined as the total obtained by adding the fair value of the consideration transferred (plus the fair value of any non-controlling interest and the fair value of any previously held interest) to the fair value of the liabilities assumed (other than deferred tax liabilities), and then excluding the items identified in sub-paragraph (a). However, if the fair value of the gross assets acquired is more than that total, a more precise calculation may sometimes be needed;

(c) a single identifiable asset shall include any asset or group of assets that would be recognised and measured as a single identifiable asset in a business combination;

(d) if a tangible asset is attached to, and cannot be physically removed and used separately from, another tangible asset (or from an underlying asset subject to a lease, as defined in Ind AS 116, Leases), without incurring significant cost, or significant diminution in utility or fair value to either asset (for example, land and buildings), those assets shall be considered a single identifiable asset;

(e) when assessing whether assets are similar, an entity shall consider the nature of each single identifiable asset and the risks associated with managing and creating outputs from the assets (that is, the risk characteristics);

(f) the following shall not be considered similar assets:

(i) a tangible asset and an intangible asset;

(ii) tangible assets in different classes (for example, inventory, manufacturing equipment and automobiles) unless they are considered a single identifiable asset in accordance with the criterion in subparagraph (d);

(iii) identifiable intangible assets in different classes (for example, brand names, licences and intangible assets under development);

(iv) a financial asset and a non-financial asset;

(v) financial assets in different classes (for example, accounts receivable and investments in equity instruments); and

(vi) identifiable assets that are within the same class of asset but have significantly different risk characteristics.

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