सरकारी कर्मियों पर भारी पड़ेगा लॉकडाउन, अब इस तरह से खजाना भरेगी केंद्र सरकार: अमर उजाला

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सरकारी कर्मियों पर भारी पड़ेगा लॉकडाउन, अब इस तरह से खजाना भरेगी केंद्र सरकार: अमर उजाला

अमर उजाला द्वारा प्रकाशित – सरकारी कर्मियों पर भारी पड़ेगा लॉकडाउन, अब इस तरह से खजाना भरेगी केंद्र सरकार Govt issued orders for central employees to donate one day salary per month in pm cares fund till one year

सार

  • केंद्र सरकार अपने खर्च में कमी लाने के साथ-साथ कर्मियों के वेतन से भी कुछ हिस्सा पीएम केयर्स फंड में जमा कराएगी
  • जनवरी 2020 से मिलने वाला 4 फीसदी महंगाई भत्ता भी टल सकता है
  • अब सालभर पीएम केयर्स फंड में देना होगा दान …
  • रेलवे, सड़क परिवहन, पावर सेक्टर, शिक्षा और केंद्रीय सुरक्षा बल में तबादलों पर लग सकती है रोक

सरकारी कार्मिकों की सेवानिवृत्ति आयु 60 वर्ष अथवा 33 वर्ष की सेवा करने संबंधी अधिकारिक सूचना

विस्तार

कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए लागू किया गया लॉकडाउन 1.0 और 2.0 अब सरकारी कर्मियों पर भारी पड़ने जा रहा है। केंद्र सरकार अपने मंत्रालयों और विभागों के खर्च में कमी लाने के साथ-साथ कर्मियों के वेतन से भी कुछ हिस्सा पीएम केयर्स फंड में जमा कराएगी।

हालांकि अधिकतर सरकारी कर्मचारी अपना एक दिन का वेतन इस फंड में दे चुके हैं, लेकिन अब सभी विभागों से कहा जा रहा है कि एक साल तक हर माह एक दिन की सेलरी दान करें। कुछ विभागों में इस बाबत पूछताछ या एतराज करने वाले का लिखित जवाब लेकर ऊपर भेजने के लिए कहा गया है।

जनवरी 2020 से मिलने वाला 4 फीसदी महंगाई भत्ता भी अब टलता दिख रहा है। इसका असर 1.13 करोड़ लोगों (जिनमें 48 लाख कर्मी और 65 लाख पेंशनर) पर पड़ेगा। पोस्ट रिटायरमेंट पदों पर होने वाले नियुक्तियां खटाई में चली गई हैं।

सेवा विस्तार की चाहत अब खत्म करनी होगी। इस साल होने वाले तबादले-पोस्टिंग पर बैन लगने की संभावना है। इलाहबाद उच्च न्यायालय ने खर्च में कटौती के चलते न्यायिक अधिकारियों के वार्षिक तबादलों पर रोक लगा दी है।

पीएम केयर्स फंड में कर्मियों के कल्याण का पैसा पहुंचा 

केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि कोरोना वायरस की लड़ाई और लॉकडाउन से जो स्थिति बन रही है, उसे लेकर सरकार चिंतित है। सरकारी खजाने से रोजाना पैसा निकल रहा है। सबसे पहले केंद्र सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों और विभागों में कार्यरत स्टाफ से पीएम केयर्स फंड के लिए एक दिन का वेतन जमा कराया था।

कुछ विभाग, जिनमें विभिन्न केंद्रीय अर्धसैनिक बल शामिल थे, उनसे तो पूछे बिना ही वेतन काट लिया गया। कल्याण कोष के पैसे से चेक तैयार कर उसे सरकार को सौंप दिया। बाद में कर्मियों के वेतन से उस पैसे को दोबारा कल्याण कोष में डालने की बात कही जा रही है।

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इस बाबत कई बलों के कर्मियों में यह रोष देखा गया है कि कल्याण फंड का पैसा निकालने से पहले उनसे पूछना चाहिए था। आरोप यह भी लगा कि बल के अफसरों ने अपने नंबर बढ़ाने यानी छवि सुधारने के लिए तुरंत चेक तैयार करा दिया।

अब सालभर पीएम केयर्स फंड में देना होगा दान

केंद्र सरकार की मंशा है कि अब हर कर्मी प्रत्येक माह एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में जमा कराए। यह आदेश भी अलग-अलग तरह से जारी किया जा रहा है। वित्त मंत्रालय में सबसे पहले यह सर्कुलर निकला है कि सभी कर्मियों को मार्च 2021 तक हर माह एक दिन का वेतन पीएम केयर्स फंड में जमा कराना है।

इसके बाद कई दूसरे विभागों में मौखिक तौर पर बता दिया गया है कि उन्हें प्रत्येक माह एक दिन की सैलरी देनी है। केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में तो यह भी कहा गया है कि जो कर्मी सेलरी के अलावा दान देने के लिए तैयार हैं, उनकी सूची बनाओ।

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ऐसे कर्मियों को टैक्स में छूट मिलेगी। अगर कोई कर्मी इस फैसले पर सवाल-जवाब करता है, तो उसकी लिखित जानकारी ऊपर दे दें। सूत्र बताते हैं कि लॉकडाउन 2.0 के दौरान सभी विभागों में पत्र भेजकर कर्मियों को केंद्र सरकार के आदेशों से अवगत करा दिया जाएगा।

केंद्र सरकार के कदम पीछे खींचने से कर्मियों पर पड़ेंगे ऐसे प्रभाव

2019 में केंद्र ने अपने कर्मियों को 5 फीसदी की दर से महंगाई भत्ता दिया था। यानी डीए 12 से 17 फीसदी हो गया था। इस बार 13 मार्च को सरकार ने 4 फीसदी डीए देने की घोषणा की है। एक जनवरी से कर्मियों को डीए की बढ़ी हुई राशि मिलनी है।

अब यह संभावना धूमिल हो चली है। वजह, कोरोना की लड़ाई में सरकारी खजाने पर बोझ आ पड़ा है। डीए बाबत हर साल जनवरी और जुलाई में समीक्षा होती है कि वह कितना बढ़ेगा या नहीं। सूत्र बताते हैं कि इस बार सरकार जुलाई में मार्च की घोषणा पर ही अमल करेगी। अलग से कुछ नहीं बढ़ेगा।

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रेलवे, सड़क परिवहन, पावर सेक्टर, शिक्षा और केंद्रीय सुरक्षा बल आदि में तबादलों पर रोक लग सकती है। वजह, दूसरी जगह पर पोस्टिंग से एक कर्मी औसतन डेढ़ लाख रुपये तक का ट्रांसपोर्ट बिल देता है।

अगर 48 लाख कर्मियों में से दस लाख का तबादला होता है तो सरकारी खजाने पर पड़ने वाले बोझ का अंदाजा लगाया जा सकता है। रेलवे के 13 लाख कर्मी भी सरकार के इन फैसलों से प्रभावित होंगे। वहां पर ओवर टाइम, डीए और दूसरे भत्तों में कटौती की बात कही जा रही है।

Read at: Amar Ujala

COMMENTS

WORDPRESS: 1
  • Ravinder Kumar 5 years ago

    R All, I request you not to give space like jansatta news on this plateform who is trying to display news on behalf of his non confirm sutras to avoid unnecessary panic.