7वां वेतन आयोग – अर्जित, अर्द्धवेतन, संतान देखभाल छूट्टी (महिला एवं पुरूष के लिए), कार्य से संबंधित बीमारी और क्षति छुट्टी नियम – सीसीएस छुट्टी नियम संशोधन अधिसूचना
सं. 897] नई दिल्ली, शुक्रवार, दिसम्बर 14, 2018/अग्रहायण 23, 1940
कार्मिक, लोक शिकायत तथा पेंशन मंत्रालय
(कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग)
अधिसूचना
नई दिल्ली, 11 दिसम्बर, 2018
सा.का.नि. 1209(अ).-राष्ट्रपति, संविधान के अनुच्छेद 148 के खंड (5) के साथ पठित अनुच्छेद 309 के परंतुक द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए और भारत के लेखा परीक्षा और लेखा विभाग में कार्यरत व्यक्तियों के संबंध में भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक से परामर्श करने के पश्चात् केंद्रीय सिविल सेवाएं (छुट्टी) नियम, 1972 का निम्नलिखित और संशोधन करती है, अर्थात् :-
1. (1) इन नियमों का संक्षिप्त नाम केंद्रीय सिविल सेवाएं (छुट्टी) (चौथा संशोधन) नियम, 2018 है।
(2) ये राजपत्र में प्रकाशन की तारीख को प्रवृत्त होंगे।
2. केंद्रीय सिविल सेवाएं (छुट्टी) नियम, 1972 में,
(अ) नियम 28 के उपनियम (1) के खंड (क), (ख) और (ग) के स्थान पर निम्नलिखित खंड रखे जाएंगे, अर्थात्:-
“(क) प्रत्येक सरकारी सेवक (मिलिट्री अधिकारी से भिन्न2) जो प्रावकाश विभाग में कार्य कर रहे हैं के छुट्टी खाते में प्रत्येक कलैंडर वर्ष के जनवरी और जुलाई के प्रथम दिन पांच दिनों की दो किश्तों में अर्जित छुट्टी अग्रिम में जमा की जाएगी।
(ख) किसी ऐसे वर्ष के संबंध में जिसके लिए कोई सरकारी सेवक अवकाश के एक भाग का उपभोग कर लेता है तो वह पूर्ण अवकाश दिनों में से उपभोग नहीं किए गए अवकाश दिनों के बीस दिन के अनुपात में अतिरिक्त अर्जित छुट्टियों का हकदार होगा, परंतु एक कलैंडर वर्ष में जमा की गई कुल अर्जित छुट्टी तीस दिन से अधिक नहीं होगी।
(ग) यदि, किसी वर्ष में किसी सरकारी सेवक ने कोई अवकाश नहीं लिया है, तो अर्जित छुट्टी खंड (क) और (ख) के बजाए नियम 26 के अनुसार होगी।”;
(आ) नियम 29 के उपनियम(1) के स्थान पर निम्नलिखित नियम रखा जाएगा, अर्थात्:-
“(1) प्रत्येक सरकारी सेवक (मिलिट्री अधिकारी और प्रावकाश विभाग में कार्यरत सरकारी सेवक से भिन्न) के अर्द्धवेतन छुट्टी खाते में प्रत्येक कलैंडर वर्ष के जनवरी और जुलाई के प्रथम दिन दस दिनों की दो किश्तों में अग्रिम में अर्द्धवेतन छुट्टी जमा की जाएगी।”
(इ) नियम 43-ग,-
(क) के उपनियम (1) के स्थान पर निम्नलिखत उप-नियम रखा जाएगा, अर्थात्:-
“(1) इस नियम के उपबंधों के अध्यधीन किसी महिला सरकारी सेवक और एकल पुरुष सरकारी सेवक को अपने दो ज्येष्ठ जीवित बालकों की देखभाल के लिए चाहे वह पालनपोषण के लिए हो अथवा उनकी किसी भी जरुरत जैसे कि शिक्षा, बीमारी और ऐसी ही अन्य जरुरत के लिए उसके संपूर्ण सेवाकाल में छुट्टी स्वीकृत करने वाले सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकतम सात सौ तीस दिनों की संतान देखभाल छुट्टी स्वीकृत की जा सकती है।”
(ख) उपनियम (3) और (4) के स्थान पर निम्नलिखित उप-नियम रखा जाएगा, अर्थात्:-
(3) उपनियम (1) के अधीन किसी महिला सरकारी सेवक और एकल पुरुष सरकारी सेवक को संतान देखभाल की स्वीकृति निम्नलिखित शर्तों के अधीन होगी, अर्थात्:-
(i) यह किसी कलैंडर वर्ष में अधिकतम तीन बार स्वीकृत की जाएगी;
(ii) एकल महिला सरकारी सेवक की दशा में एक कलैंडर वर्ष में तीन बार में छुट्टी को प्रदान करने को एक कलैंडर वर्ष में छह बार तक बढ़ाया जायेगा;
(iii) कतिपय विशेष परिस्थितियां जिसमें छुट्टी मंजूरी प्राधिकारी परिवीक्षार्थी को संतान देखभाल छुट्टी देने के बारे में संतुष्ट हो, को छोड़कर सामान्तया परिवीक्षा के दौरान स्वीकृत नहीं की जाएगी परंतु अवधि जिसके लिए छुट्टी स्वीकृत की जाती हो, न्यूनतम हों।
(iv) संतान देखभाल छुट्टी एक साल में पांच दिन से कम की अवधि के लिए नहीं प्रदान की जाएगी
‘(4) संतान देखभाल छुट्टी के दौरान, महिला सरकारी सेवक और एकल पुरुष सरकारी सेवक को पहले तीन सौ पैंसठ दिन के लिए वेतन के सौ प्रतिशत, लेकिन अगले तीन सौ पैंसठ दिन के लिए वेतन के अस्सी प्रतिशत का भुगतान किया जाएगा’
स्पष्टीकरण : एकल पुरुष सरकारी सेवक से – एक अविवाहित या विधुर या परित्यक्त सरकारी सेवक अभिप्रेत है
(ई) नियम 44 के स्थान पर निम्नलिखित नियम रखा जाएगा, अर्थात्
‘44- कार्य से संबंधित बीमारी और क्षति (डब्ल्यू आर आई आई एल):-
यह किसी सरकारी सेवक (चाहे स्थायी हो या अस्थायी), जो ऐसी बीमारी या क्षति से पीड़ित है कि जो उसकी शासकीय कर्तव्यों के पालन के कारण हुई है या गम्भीर हुई है या उसकी शासकीय स्थिति के परिणामस्वरुप हुई है को निम्नलिखित शर्तों पर, इन नियमों के नियम 19 के उपनियम (1) में अंतर्विष्ट उपबंधों के अध्यधीन रहते हुए ऐसे प्राधिकारी जो छुट्टियां प्रदान करने के लिए सक्षम है, द्वारा कार्य से संबंधित बीमारी और क्षति छुट्टी (जिसे इसे इसमें इसके पश्चात् डब्ल्यूआरआईआईएल कहा गया है) प्रदान की जा सकेगी, अर्थात्
(1) डब्ल्यूआरआईआईएल के कारण अस्पताल में भर्ती होने की संपूर्ण अवधि के दौरान सभी कर्मचारियों को पूर्ण वेतन और भत्ते प्रदान किए जाएंगे।
(2) अस्पताल में भर्ती के पश्चात्, डब्ल्यूआरआईआईएल निम्न प्रकार शासित होगी:
(क) एक सरकारी कर्मचारी (मिलिट्री अधिकारी से भिन्नल)- को अस्पताल में भर्ती के परे अव्यवहित छह माह के लिए पूर्ण वेतन और भत्ते और उक्त छह माह की अवधि के पश्चात् बारह माह के लिए आधा वेतन दिया जाएगा । अर्द्धवेतन अवधि को कर्मचारी छुट्टी खाते से विकलित अर्द्धवेतन छुट्टी के दिनों की तत्स्थानी संख्या के साथ पूर्ण वेतन में परिवर्तित किया जा सकेगा।
(ख) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों के लिए – अस्पताल में भर्ती के परे अव्यवहित छह माह के लिए पूर्ण वेतन और भत्ते, और केवल अगले चौबीस माह के लिए पूर्ण वेतन।
(ग) केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के अधिकारियों की पंक्ति से नीचे के कार्मिकों के लिए- पूर्ण वेतन और जिनकी अवधि के संबंध में कोई सीमा नहीं है।
(3) ऐसे व्यक्तियों की दशा में जिन पर कर्मकार प्रतिकर अधिनियम, 1923 लागू होता है को डब्ल्यूआरआईआईएल के अधीन संदत्त छुट्टी वेतन की रकम में से अधिनियम के अधीन देय प्रतिकर की रकम घटा दी जाएगी।
(4) जब कर्मचारी डब्ल्यूआरआईआईएल पर है उस अवधि के दौरान कोई अर्जित छुट्टी या अर्द्धवेतन छुट्टी जमा नहीं होगी।’
(उ) नियम 45 और 46 का लोप किया जाएगा
[फा. सं. 11020/01/2017-स्था.(एल)]
ज्ञानेन्द्र देव त्रिपाठी,संयुक्त सचिव
टिप्पण : मूल नियम भारत के राजपत्र, भाग II, खण्ड 3, उप-खण्ड (I), तारीख 8 अप्रैल, 1972 में अधिसूचना सं का.आ. 940 तारीख 15 मार्च, 1972 द्वारा प्रकाशित किए गए थे और तत्पश्चात् निम्नलिखित द्वारा संशोधित किए गए:-
क्र. स. |
अधिसूचना संख्यांक |
तारीख |
सा.का.नि. सं. |
सा.का.नि. तारीख |
1. |
16(3)-ई.IV(ए)/71 |
11.1.1972 |
2724 |
4.11.1972 |
2. |
4(7)-ई.IV(ए)/72 |
30.4.1973 |
1399 |
19.5.1973 |
3. |
5(15)-ई.IV(ए)/73 |
13.7.1973 |
821 |
14.8.1973 |
4 |
14(10)-ई.IV(ए)/73 |
11.6.1974 |
आसानी से उपलब्ध नहीं |
|
5. |
5(8)-ई.IV(ए)/73 |
19.7.1974 |
818 |
3.8.1974 |
6. |
14(8)-ई.IV(ए)/74 |
22.11.1974 |
1242 |
23.11.1974 |
7. |
16(3)-ई.IV(ए)/74 |
20.12.1974 |
1374 |
28.12.1974 |
8. |
16(5)-ई.IV(ए)/74 |
11.4.1975 |
526 |
26.4.1975 |
9. |
16(8)-ई.IV(ए)/74 |
26.5.1975 |
686 |
7.6.1975 |
10. |
4(1)-ई.IV(ए)/74 |
24.6.1975 |
834 |
12.7.1975 |
11. |
16(8)-ई.IV(ए)/74 |
20.9.1975 |
2876 |
27.12.1975 |
12. |
5(07)-ई.IV(ए)/75 |
2.12.1975 |
287 |
27.12.1975 |
13. |
5(16)-ई.IV(ए)/73 |
15.1.1976 |
आसानी से उपलब्ध नहीं |
|
14. |
16(6)-ई.IV(ए)/73 |
31.7.1976 |
1184 |
14.8.1978 |
15. |
16(3)-ई.IV(ए)/76 |
7.10.1976 |
1587 |
13.11.1976 |
16. |
4(9)- ई.IV(ए)/76 |
14.3.1977 |
611 |
14.5.1977 |
17. |
14(11)-ई.IV(ए)/76 |
12.9.1978 |
1159 |
23.9.1978 |
18. |
14025/1/78-ई.IV(ए) |
4.10.1978 |
1255 |
15.9.1979 |
19. |
13024/1/76-ई.IV(ए) |
29..8.1979 |
1150 |
15.9.1979 |
20. |
11022/1/77-ई.IV(ए) |
21.11.1979 |
1422 |
1.12.1979 |
21. |
14018/1/80-एलयू |
21.11.1980 |
1260 |
13.12.1980 |
22. |
16(19)-ई.IV(ए)/76 |
31.12.1980 |
263 |
24.11.1981 |
23. |
11012/2/80-स्था.(एल) |
24.8.1981 |
811 |
5.9.1981 |
24. |
14028/9/1980-स्था.(एल) |
1.10.1981 |
927 |
7.10.1981 |
25. |
14025/9/80-स्था.(एल) |
16.4.1982 |
423 |
8.5.1982 |
26. |
13023/2/81-स्था.(एल) |
16.4.1983 |
430 |
4.6.1983 |
27. |
14028/8/182-स्था.(एल) |
27.7.1983 |
489 |
13.8.1983 |
28. |
131023/2/81-स्था.(एल) |
12.10.1983 |
804 |
5.11.1983 |
29. |
14028/6/81-स्था.(एल) |
17.10.1973 |
350 |
24.3.1983 |
30. |
13015/11/82-स्था.(एल) |
25.5.1984 |
566 |
9.6.1984 |
31. |
18011/3/80-स्था.(एल) |
12.7.1984 |
788 |
28.7.1984 |
32. |
14028/1/81-स्था.(एल) |
19.7.1984 |
817 |
4.8.1984 |
33. |
14028/16/82-स्था.(एल) |
31.5.1985 |
558 |
15.6.1985 |
34. |
13014/1/85-स्था.(एल) |
33.12.1985 |
1139 |
14.12.1985 |
35. |
14028/19/86-स्था.(एल) |
9.12.1986 |
1072 |
14.12.1985 |
36. |
13023/20/84-स्था.(एल) |
11.12.1986 |
1102 |
27.12.1986 |
37. |
13014/1/87-स्था.(एल) |
17.6.1987 |
515 |
4.7.1987 |
38. |
11012/1/85-स्था.(एल) |
23.6.1987 |
516 |
4.7.1988 |
39. |
14028/18/86-स्था. (एल) |
23.3.1988 |
260 |
9.4.1988 |
40. |
11012/1/85-स्था. (एल) |
6.6.1988 |
476 |
18.6.1988 |
41. |
13012/12/86-स्था.(एल) |
10.3.1989 |
198 |
25.3.1989 |
42. |
13026/2/90- स्था.(एल) |
22.10.1990 |
55 |
26.1.1991 |
43. |
11014/3/89- स्था. (एल) |
2.5.1991 |
303 |
18.5.1991 |
44. |
11014/3/89-स्था.(एल) |
21.1.1992 |
49 |
8.2.1992 |
45. |
13026/2/90-स्था.(एल) |
4.3.1992 |
119 |
14.3.1992 |
46. |
13026/2/90-स्था.(एल). |
20.4.1993 |
225 |
8.5.1993 |
47. |
13018/7/94-स्था.(एल). |
31.3.1995 |
317(अ) |
31.3.1995 |
48. |
14028/10/91-स्था.(एल) |
8.8.1995 |
385 |
19.8.1995 |
49. |
14028/4/91-स्था.(एल) |
18.9.1995 |
442 |
7.10.1995 |
50. |
14015/2/97-स्था.(एल) |
31.12.1997 |
727(अ) |
31.12.1997 |
51. |
13026/1/99-स्था.(एल) |
18.4.2002 |
149 |
27.4.2002 |
52. |
13026/1/2002-स्था.(एल) |
15/16.1.2004 |
186 |
5.6.2004 |
53. |
14028/1/2004-स्था.(एल) |
13.2.2006 |
47 |
4.3.2006 |
54. |
13018/1/2004-स्था.(एल) |
31.3.2006 |
91 |
27.4.2006 |
55. |
13023/3/98-स्था.(एल) |
26.10.2007 |
229 |
3.11.2007 |
56. |
11012/1/2009-स्था.(एल) |
1.12.2009 |
170 |
5.12.2009 |
57. |
13026/1/2010-स्था.(एल) |
12.5.2011 |
160 |
12.5.2011 |
58. |
13026/1/2010-स्था.(एल) |
5.8.2011 |
601(अ) |
5.8.2011 |
59. |
14028/1/2010-स्था.(एल) |
26.8.2011 |
646(अ) |
26.8.2011 |
60. |
13018/4/2011-स्था.(एल) |
27.8.2011 |
648 (अ) |
27.8.2011 |
61. |
13026/4/2011-स्था.(एल) |
26.12.2011 |
898 (अ) |
26.12.2011 |
62. |
13026/3/2011-स्था.(एल) |
28.3.2012 |
255 (अ) |
28.3.2012 |
63. |
13026/2/2010-स्था.(एल) |
29.3.2012 |
261 (अ) |
29.3.2012 |
64. |
13026/5/2011-स्था.(एल) |
4.4.2012 |
283(अ) |
4.4.2012 |
65. |
13026/4/2012-स्था.(एल) |
18.2.2014 |
96(अ) |
18.02.2014 |
66. |
13026/4/2012-स्था.(एल) |
17.4.2014 |
286(अ) |
21.04.2014 |
67. |
13018/6/2013-स्था.(एल) |
09.10.2014 |
711(अ) |
09.10.2014 |
68. |
13026/2/2016-स्था.(एल) |
15.3.2017 |
251(अ) |
15.03.2017 |
69. |
13023/1/2017-स्था.(एल) |
1.1.2018 |
08(अ) |
03.01.2018 |
70. |
18017/1/2014-स्था.(एल) |
3.4.2018 |
438(अ) |
09.05.2018 |
71. |
13018/6/2013-स्था.(एल) |
6.6.2018 |
554(अ) |
13.06.2018 |
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