बजट 2018-19 की मुख्य बातें HIGHLIGHTS OF BUDGET 2018-19
PRESS INFORMATION BUREAU
GOVERNMENT OF INDIA
New Delhi, 01th February, 2018 12 Magha, 1939
HIGHLIGHTS OF BUDGET 2018-19
Finance Minister Shri Arun Jaitley presents general Budget 2018-19 in Parliament.
- Budget guided by mission to strengthen agriculture, rural development, health, education, employment, MSME and infrastructure sectors
- Government says, a series of structural reforms will propel India among the fastest growing economies of the world. Country firmly on course to achieve over 8 % growth as manufacturing, services and exports back on good growth path.
- MSP for all unannounced kharif crops will be one and half times of their production cost like majority of rabi crops: Institutional Farm Credit raised to 11 lakh crore in 2018-19 from 8.5 lakh crore in 2014-15.
- 22,000 rural haats to be developed and upgraded into Gramin Agricultural Markets to protect the interests of 86% small and marginal farmers.
- “Operation Greens” launched to address price fluctuations in potato, tomato and onion for benefit of farmers and consumers.
- Two New Funds of Rs10,000 crore announced for Fisheries and Animal Husbandary sectors; Re-structured National Bamboo Mission gets Rs.1290 crore.
- Loans to Women Self Help Groups will increase to Rs.75,000 crore in 2019 from 42,500 crore last year.
- Higher targets for Ujjwala, Saubhagya and Swachh Mission to cater to lower and middle class in providing free LPG connections, electricity and toilets.
- Outlay on health, education and social protection will be 1.38 lakh crore. Tribal students to get Ekalavya Residential School in each tribal block by 2022. Welfare fund for SCs gets a boost.
- World‟s largest Health Protection Scheme covering over 10 crore poor and vulnerable families launched with a family limit upto 5 lakh rupees for secondary and tertiary treatment.
- Fiscal Deficit pegged at 3.5 %, projected at 3.3 % for 2018-19.
- Rs. 5.97 lakh crore allocation for infrastructure
- Ten prominent sites to be developed as Iconic tourist destinations
- NITI Aayog to initiate a national programme on Artificial Intelligence(AI)
- Centres of excellence to be set up on robotics, AI, Internet of things etc
- Disinvestment crossed target of Rs 72,500 crore to reach Rs 1,00,000 crore
- Comprehensive Gold Policy on the anvil to develop yellow metal as an asset class
- 100 percent deduction proposed to companies registered as Farmer Producer Companies with an annual turnover upto Rs. 100 crore on profit derived from such activities, for five years from 2018-19.
- Deduction of 30 percent on emoluments paid to new employees Under Section 80-JJAA to be relaxed to 150 days for footwear and leather industry, to create more employment.
- No adjustment in respect of transactions in immovable property where Circle Rate value does not exceed 5 percent of consideration.
- Proposal to extend reduced rate of 25 percent currently available for companies with turnover of less than 50 crore (in Financial Year 2015-16), to companies reporting turnover up to Rs. 250 crore in Financial Year 2016-17, to benefit micro, small and medium enterprises.
- Standard Deduction of Rs. 40,000 in place of present exemption for transport allowance and reimbursement of miscellaneous medical expenses. 2.5 crore salaried employees and pensioners to benefit.
Relief to Senior Citizens proposed:-
- Exemption of interest income on deposits with banks and post offices to be increased from Rs. 10,000 to Rs. 50,000.
- TDS not required to be deducted under section 194A. Benefit also available for interest from all fixed deposit schemes and recurring deposit schemes.
- Hike in deduction limit for health insurance premium and/ or medical expenditure from Rs. 30,000 to Rs. 50,000 under section 80D.
- Increase in deduction limit for medical expenditure for certain critical illness from Rs. 60,000 (in case of senior citizens) and from Rs. 80,000 (in case of very senior citizens) to Rs. 1 lakh for all senior citizens, under section 80DDB.
- Proposed to extend Pradhan Mantri Vaya Vandana Yojana up to March, 2020. Current investment limit proposed to be increased to Rs. 15 lakh from the existing limit of Rs. 7.5 lakh per senior citizen.
- More concessions for International Financial Services Centre (IFSC), to promote trade in stock exchanges located in IFSC.
- To control cash economy, payments exceeding Rs. 10,000 in cash made by trusts and institutions to be disallowed and would be subject to tax.
- Tax on Long Term Capital Gains exceeding Rs. 1 lakh at the rate of 10 percent, without allowing any indexation benefit. However, all gains up to 31st January, 2018 will be grandfathered.
- Proposal to introduce tax on distributed income by equity oriented mutual funds at the rate of 10 percent.
- Proposal to increase cess on personal income tax and corporation tax to 4 percent from present 3 percent.
- Proposal to roll out E-assessment across the country to almost eliminate person to person contact leading to greater efficiency and transparency in direct tax collection.
- Proposed changes in customs duty to promote creation of more jobs in the country and also to incentivise domestic value addition and Make in India in sectors such as food processing, electronics, auto components, footwear and furniture.
पत्र सूचना कार्यालय
भारत सरकार
वित्त मंत्रालय
01-फरवरी-2018 14:41 IST
बजट 2018-19 की मुख्य बातें
वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली ने संसद के पटल पर आम बजट 2018-19 प्रस्तुत किया।
- आम बजट में कृषि, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार, एमएसएमई और बुनियादी ढांचागत क्षेत्रों को मजबूत करने के मिशन पर फोकस।
- सरकार ने कहा, अनेक ढांचागत सुधारों की बदौलत भारत भी दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ रही अर्थव्यवस्थाओँ में शुभार हो जाएगा। विनिर्माण, सेवा और निर्यात क्षेत्रों में विकास के पटरी पर वापस आ जाने से भारत अब 8 प्रतिशत से भी अधिक की आर्थिक विकास दर हासिल करने की दिशा में मजबूती से अग्रसर हो गया है।
- अधिकतर रबी फसलों की ही तरह सभी अघोषित खरीफ फसलों की एमएसपी उनकी उत्पादन लागत से डेढ़ गुना होगी; कृषि क्षेत्र को संस्थागत ऋण वर्ष 2014-15 के 8.5 लाख करोड़ रुपये से बढ़कर वर्ष 2018-19 में 11 लाख करोड़ रुपये।
- 86 प्रतिशत छोटे एवं सीमांत किसानों के हितों की रक्षा के लिए 22,000 ग्रामीण हाटों को ग्रामीण कृषि बाजारों के रूप में विकसित एवं उन्नत किया जाएगा।
- किसानों एवं उपभोक्ताओं के हित में आलू, टमाटर और प्याज की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव की समस्या से निपटने के लिए ‘ऑपरेशन ग्रीन्स’ लांच किया गया।
- मत्स्य पालन और पशुपालन क्षेत्रों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के दो नए कोष की घोषणा; पुनर्गठित राष्ट्रीय बांस मिशन के लिए 1,290 करोड़ रुपये का आवंटन।
- महिला स्वयं सहायता समूहों को मिलने वाली ऋण राशि को पिछले साल के 42,500 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2019 में 75,000 करोड़ रुपये किया जाएगा।
- निम्न एवं मध्यम वर्ग को मुफ्त एलपीजी कनेक्शन, बिजली और शौचालय सुलभ कराने हेतु उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ मिशन के लिए अधिक लक्ष्य तय।
- स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक संरक्षण के लिए परिव्यय 1.38 लाख करोड़ रुपये होगा। जनजातीय विद्यार्थियों के लिए वर्ष 2022 तक हर जनजातीय ब्लॉक में एकलव्य आवासीय स्कूल होगा। अनुसूचित जातियों के लोगों से जुड़े कल्याण कोष को बढ़ावा मिला।
- द्वितीयक एवं तृतीयक इलाज के लिए प्रति परिवार 5 लाख रुपये तक की सीमा के साथ दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य संरक्षण योजना शुरू की गई है, जिसके दायरे में 10 करोड़ से भी अधिक गरीब एवं कमजोर परिवारों को लाया जाएगा।
- राजकोषीय घाटा 3.5 प्रतिशत तय किया गया, यह 2018-19 में 3.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
- बुनियादी ढांचागत क्षेत्र के लिए 5.97 लाख करोड़ रुपये का आवंटन।
- 10 प्रमुख स्थलों को प्रतीक पर्यटन गंतव्यों के रूप में विकसित किया जाएगा।
- नीति आयोग आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर एक राष्ट्रीय कार्यक्रम शुरू करेगा।
- रोबोटिक्स, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, इत्यादि पर उत्कृष्टता केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
- विनिवेश 72,500 करोड़ रुपये के लक्ष्य को पार कर 1,00,000 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंचा।
- पीली धातु को एक परिसंपत्ति श्रेणी के रूप में विकसित करने के लिए व्यापक स्वर्ण नीति बनाने की तैयारी।
- 100 करोड़ रुपये तक के वार्षिक कारोबार वाली किसान उत्पादक कंपनियों के रूप में पंजीकृत कंपनियों को इस तरह की गतिविधियों पर प्राप्त लाभ पर 2018-19 से लेकर पांच वर्षों तक 100 प्रतिशत कटौती का प्रस्ताव।
- धारा 80-जेजेएए के तहत नए कर्मचारियों को अदा किए जाने वाले कुल वेतन पर 30 प्रतिशत कटौती में ढील देकर इसे फुटवियर एवं चमड़ा उद्योग के लिए 150 दिन किया जाएगा, ताकि ज्यादा रोजगार सृजित हो सके।
- ऐसी अचल संपत्ति में लेन-देन के संबंध में कोई समायोजन नहीं होगा जिसमें सर्किल रेट मूल्य कुल राशि के 5 प्रतिशत से अधिक नहीं होगा।
- 50 करोड़ रुपये से कम के कारोबार (वित्त वर्ष 2015-16 में) वाली कंपनियों के लिए फिलहाल उपलब्ध 25 प्रतिशत की घटी हुई दर का लाभ वित्त वर्ष 2016-17 में 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार की जानकारी देने वाली कंपनियों को भी देने का प्रस्ताव रखा गया है, ताकि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम लाभान्वित हो सकें।
- परिवहन भत्ते के लिए मौजूदा छूट और विविध चिकित्सा खर्चों की प्रतिपूर्ति के स्थान पर 40,000 रुपये की मानक कटौती। इससे 2.5 करोड़ नौकरीपेशा कर्मचारी एवं पेंशनभोगी लाभान्वित होंगे।
वरिष्ठ नागरिकों को प्रस्तावित राहत :
- बैंकों और डाकघरों में जमाराशियों पर ब्याज आमदनी संबंधी छूट 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की जाएगी।
- धारा 194ए के तहत टीडीएस काटने की आवश्यकता नहीं। सभी सावधि जमा योजनाओं और आवर्ती जमा योजनाओं के तहत प्राप्त ब्याज पर भी लाभ मिलेगा।
- धारा 80डी के तहत स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम और / अथवा चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 30,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये की गई।
- धारा 80डीडीबी के तहत कुछ विशेष गंभीर बीमारियों पर चिकित्सा व्यय के लिए कटौती सीमा 60,000 रुपये (वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) और 80,000 रुपये (अति वरिष्ठ नागरिकों के मामले में) से बढ़ाकर सभी वरिष्ठ नागरिकों के लिए 1 लाख रुपये कर दी गई है।
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना की अवधि मार्च 2020 तक बढ़ाने का प्रस्ताव। वर्तमान निवेश सीमा को प्रति वरिष्ठ नागरिक के लिए 7.5 लाख रुपये की मौजूदा सीमा से बढ़ाकर 15 लाख रुपये करने का प्रस्ताव
- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केन्द्र (आईएफएससी) में अवस्थित स्टॉक एक्सचेंजों में कारोबार को बढ़ावा देने हेतु आईएफएससी के लिए और अधिक रियायतें।
- कैश इकॉनोमी को नियंत्रण में रखने के लिए ट्रस्टों और संस्थानों को 10,000 रुपये से अधिक का नकद भुगतान करने की अनुमति नहीं होगी और इस पर टैक्स लगेगा।
- 1 लाख रुपये से अधिक के दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा जिसमें कोई भी सूचीकरण लाभ नहीं मिलेगा। हालांकि, 31 जनवरी, 2018 तक हुए सभी लाभ को संरक्षित किया जाएगा।
- इक्विटी उन्मुख म्यूचुअल फंडों द्वारा वितरित आय पर 10 प्रतिशत की दर से टैक्स लगाने का प्रस्ताव।
- व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेशन टैक्स पर देय उपकर को मौजूदा 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव।
- प्रत्यक्ष कर संग्रह में और अधिक दक्षता एवं पारदर्शिता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आपसी संपर्क लगभग पूरी तरह समाप्त करने के लिए देश भर में ई-निर्धारण शुरू करने का प्रस्ताव।
- देश में और ज्यादा रोजगारों के सृजन को बढ़ावा देने के साथ-साथ विभिन्न क्षेत्रों जैसे कि खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहनों के कलपुर्जों, फुटवियर और फर्नीचर में ‘मेक इन इंडिया’ तथा घरेलू मूल्य वर्द्धन को भी प्रोत्साहित करने के लिए सीमा शुल्क में फेरबदल करने का प्रस्ताव।
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