एक फीसद महंगाई भत्ते पर बिफरे सरकारी कर्मचारी – कम से कम पांच फीसद की वृद्धि किए जाने की मांग
लखनऊ (जेएनएन)। महंगाई
भत्ते के तौर पर महज एक फीसद की बढ़ोतरी ने केंद्रीय कर्मचारियों के साथ
राज्यकर्मियों को भी भड़का दिया है। केंद्रीय कर्मचारी जहां कम भत्ते को
आर्थिक चोट करार दे रहे हैैं, वहीं राज्य कर्मचारी पहले ही मायूस हो गए
हैैं कि अब उन्हें भी इतने ही भत्ते से संतोष करना पड़ेगा।
भत्ते के तौर पर महज एक फीसद की बढ़ोतरी ने केंद्रीय कर्मचारियों के साथ
राज्यकर्मियों को भी भड़का दिया है। केंद्रीय कर्मचारी जहां कम भत्ते को
आर्थिक चोट करार दे रहे हैैं, वहीं राज्य कर्मचारी पहले ही मायूस हो गए
हैैं कि अब उन्हें भी इतने ही भत्ते से संतोष करना पड़ेगा।
केंद्रीय
कर्मचारी समन्वय समिति के महासचिव जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक फीसद को
अपर्याप्त ठहराते हुए कम से कम पांच फीसद की वृद्धि किए जाने की मांग की
है। सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी के बाद से कीमतों में तेजी से वृद्धि
हुई है। बड़ा फर्क पेट्रोल-डीजल के दामों में भी आया है। इसका असर प्रत्येक
वस्तु पर पड़ा है। केंद्रीय कर्मचारियों ने एक फीसद भत्ता तय करने वाले
अधिकारियों के विवेक और प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैैं। कर्मचारियों के
मुताबिक जिस बास्केट के आधार पर भत्ता तय किया जाता है, उसमें रोजमर्रा के
इस्तेमाल की प्रमुख वस्तुएं शामिल की जाती हैैं लेकिन इस बार अधिकारियों ने
बास्केट में न जाने क्या भर लिया कि भत्ता सिमट कर एक फीसद रह गया।
कर्मचारी समन्वय समिति के महासचिव जितेंद्र प्रताप सिंह ने एक फीसद को
अपर्याप्त ठहराते हुए कम से कम पांच फीसद की वृद्धि किए जाने की मांग की
है। सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी के बाद से कीमतों में तेजी से वृद्धि
हुई है। बड़ा फर्क पेट्रोल-डीजल के दामों में भी आया है। इसका असर प्रत्येक
वस्तु पर पड़ा है। केंद्रीय कर्मचारियों ने एक फीसद भत्ता तय करने वाले
अधिकारियों के विवेक और प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैैं। कर्मचारियों के
मुताबिक जिस बास्केट के आधार पर भत्ता तय किया जाता है, उसमें रोजमर्रा के
इस्तेमाल की प्रमुख वस्तुएं शामिल की जाती हैैं लेकिन इस बार अधिकारियों ने
बास्केट में न जाने क्या भर लिया कि भत्ता सिमट कर एक फीसद रह गया।
दूसरी
तरफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह ने भी बढ़ती
महंगाई के सामने एक फीसद महंगाई भत्ते को कर्मचारियों के साथ मजाक करार
दिया है। यादव का कहना है कि सकल घरेलू उत्पाद में जब दो फीसद की गिरावट आई
है तो महंगाई भत्ता इसका कम से कम डेढ़ गुना होना चाहिए। उन्होंने हर बार
पूर्णांक के प्रयास में महंगाई भत्ता कम किए जाने को भी कर्मचारियों के साथ
अन्याय बताया। उधर जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के सचिव सुशील
कुमार बच्चा ने केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई का महंगाई भत्ता दिए जाने के
बाद अब राज्य कर्मचारियों को भी यह जल्द दिए जाने की मांग की है।
तरफ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह ने भी बढ़ती
महंगाई के सामने एक फीसद महंगाई भत्ते को कर्मचारियों के साथ मजाक करार
दिया है। यादव का कहना है कि सकल घरेलू उत्पाद में जब दो फीसद की गिरावट आई
है तो महंगाई भत्ता इसका कम से कम डेढ़ गुना होना चाहिए। उन्होंने हर बार
पूर्णांक के प्रयास में महंगाई भत्ता कम किए जाने को भी कर्मचारियों के साथ
अन्याय बताया। उधर जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के सचिव सुशील
कुमार बच्चा ने केंद्रीय कर्मचारियों को जुलाई का महंगाई भत्ता दिए जाने के
बाद अब राज्य कर्मचारियों को भी यह जल्द दिए जाने की मांग की है।
Read at: Jagran News
COMMENTS
This Govt is complete anti employees & anti farmers so boycott it…there is no future pay commission & no DA hike how can a govt employees survive.