पेंशन अदालत: वन रैंक वन पेंशन की जद्दोजहद में फंसे हैं रक्षा पेंशनर
बरेली में आठ साल बाद लगी रक्षा पेंशन अदालत, शिकायतों के अंबार-
केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन लागू करने के बाद अभी भी अधिकतर पेंशनर्स की समस्या खत्म नहीं हुई है। दुश्वारियां इतनी है कि लोग हरियाणा और बिहार से समस्या का समाधान कराने के लिए बरेली चले आए। आठ साल बाद बरेली में रक्षा पेंशन की अदालत लगी है। पहले दिन करीब 200 पेंशनर्स ने अपना पंजीकरण कराया, जिसमें 150 लोगाें की शिकायतों का निस्तारण किया गया। अधिकतर की शिकायतें वन रैंक वन पेंशन से जुड़ी रही। जो बच गए हैं उनकी समस्या का समाधान मंगलवार को होगा।
कैंट स्थित कारगिल हॉल में केवल यूपी से नहीं बल्कि उत्तराखंड, हिमाचल, हरियाणा, बिहार, राजस्थान सहित कई राज्यों से पेंशनर्स शामिल हुए। लेफ्टिनेंट कर्नल एके भोसले ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन का आदेश लागू कर दिया गया है लेकिन समस्या बैंक स्तर पर आ रही है। जब तक वन रैंक वन पेंशन नहीं मिलेगी तब तक सातवें वेतन आयोग के मुताबिक पेंशन में धनराशि नहीं जुड़ पाएगी। अधिकतर पेंशनर्स पीएनबी, एसबीआई और बीओबी से जुड़े हैं इसलिए इनका स्टाफा मौजूद रहा और उसने तुरंत समस्या का समाधान किया। दूसरे नंबर पर पेंशन कम मिलने की समस्या रही और तीसरे नंबर पर पारिवारिक पेंशन से जुड़े मामले की समस्या रही।
उम्र 90 साल, लेकिन अभी तक नहीं मिली पूरी पेंशन
कमर झुक चुकी है और आंखाें से धुंधला दिखाई देता है। लेकिन पेंशन की समस्या बरेली तक ले आई। आंवला की श्रवणप्यारी 90 साल की हैं। उनकी पेेंशन कम आ रही है। इनको वन रैंक वन पेंशन का लाभ नहीं मिला है। एरियर का भुगतान भी न होने से श्रवण प्यारी परेशान हैं। अपने बेटे के साथ समस्या का समाधान कराने पहुंची थीं।
पेंशन नहीं मिली तो बेटी के घर पहुंच गईं
आंवला की रहने वाली 65 वर्षीय हसन कुमारी ने बताया कि उनके पति कालीचरण यादव नायक पद पर तैनात थे। 30 साल पहले रिटायर हुए थे तो उनको पेंशन मिल रही थी। आठ माह पहले उनकी मृत्यु हो गई इसके बाद से पेंशन आना बंद है। दो बेटे हैं जो अपना- अपना काम करते हैं। मेरे पास कुछ नहीं था तो बेटी के पास चली गई। अपनी नाती के साथ समस्या का निस्तारण कराने पहुंची हसन कुमारी ने बताया कि जैसे भी हो बस पेंशन शुरू हो जाए।
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