सातवें वेतन आयोग के भत्ते के लिए प्रधान मंत्री मोदी आखिरी उम्मीद
नई दिल्ली, 22 अप्रैल: लगभग 10 महीने बीत चुके हैं लेकिन अभी तक ‘भत्तो की जाँच के लिए गठित लवासा कमिटी’ अपनी रिपोर्ट जमा नहीं कर पाई है। जबकि केंद्रीय कर्मचारी वेतन वृद्धि एवं संशोधित भत्तो के लिए बहुत ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं। राष्ट्रीय संयुक्त कार्य परिषद (एनजेसीए) के प्रमुख श्री शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर केंद्रीय कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा अपना विश्वास रखता है तथा लगभग 1 करोड़ सरकारी कर्मचारी- केंद्र सरकार के पेरोल पर काम कर रहे 43 लाख कर्मचारी और लगभग 57 लाख पेंशनधारियों की नजर अब प्रधान मंत्री पे टीकी हुई है. केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ही आखिरी उम्मीद है, क्योंकि ऐसा माना जा रहा हैं कि यदि प्रधान मंत्री इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करते हैं, तो न्यूनतम मजदूरी और उच्च भत्ते की मांग जल्द ही मिल जाएगी. चूँकि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी “सबका साथ सबका विकास” की बात भी करते है.
केंद्र सरकार द्वारा सांतवा वेतन आयोग के तहत की गई सिफारिशों को लागू करने के बाद जून में पिछले साल कई अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रीय संयुक्त कार्य परिषद (एनजेसीए) के संयोजक श्री शिवगोपाल मिश्रा ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और रेल मंत्री सुरेश प्रभु से मुलाकात की थी। बैठक के दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने श्री मिश्रा को बताया कि “इस बैठक में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का आशीर्वाद था” तब से केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा, खासकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पे आश लगाये हुए है.
इस हफ्ते की शुरुआत में, शिवगोपाल मिश्र ने कथित तौर पर कहा था कि अगर उच्च भत्ते और न्यूनतम मजदूरी की उनकी मांगों में देरी हो तो वे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से मिलेंगे। श्री मिश्रा ने ये भी कहा कि, “हम प्रधान मंत्री मोदी पर विश्वास करते हैं कि वे हमारी आखिरी उम्मीद हैं।”
श्री मिश्रा ने उद्धृत किया कि, “प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय कर्मचारियों के साथ किसी भी टकराव का सामना नहीं करेंगे और देश में अच्छे औद्योगिक संबंध बनाए रखने के लिए इस मुद्दे पर हस्तक्षेप कर सकते है ” मिश्रा ने आगे कहा कि “सरकार को देरी के लिए दोषी ठहराया जा सकता है, क्योंकि भत्तों पर समिति अभी तक अपनी अंतिम रिपोर्ट जमा नहीं कर पाई है.” कुछ रिपोर्ट बताती हैं कि अशोक लवासा समिति अगले सप्ताह के अंत तक अपनी रिपोर्ट पेश करेगी.हालांकी सांतवे वेतन आयोग द्वारा सिफारिश की गई भत्तो की जाँच के लिए गठित लवासा कमिटी की रिपोर्ट वितमंत्री को सौपने की सम्भावित तारीख “अगले सप्ताह ” के चक्रव्यूह से बाहर आती नहीं दिख रही है.
इंडिया डॉट कॉम द्वारा जारी एक वीडियो में गोपाल मिश्रा ने बुधवार को कहा , “इससे पहले हमने गृह मंत्री राजनाथ सिंह, रेल मंत्री सुरेश प्रभु और वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की और अगर जरूरत हुई तो हम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भी मिलेंगे, ताकि हम उच्च आवेश पर अपना मुद्दा उठा सकें।”
एनजेसीए ने कैबिनेट सचिव के समक्ष अपनी मांग भी रखी है कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 1 जनवरी 2016 से उच्च आवंटन के साथ पूर्वव्यापी प्रभाव के साथ संशोधित भत्ता मिले. उच्च भत्ते के कार्यान्वयन में देरी के कारण केंद्र सरकार के कर्मचारियों की यूनियनों मई में एक राष्ट्रव्यापी हड़ताल करने कि धमकी दी है.
श्रोत- http://www.paramnews.com
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