स्वायत्त संस्थानों को एक तिहाई राशि जुटानी होगी
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने 300 से अधिक स्वायत्त संस्थानों को सातवें वेतन आयोग का लाभ देने के लिए शर्त रख दी। वित्त मंत्रलय ने कहा कि इन संस्थानों को एक तिहाई खर्च खुद या उनके मंत्रलय को करना होगा, अन्यथा यह वेतनमान लागू नहीं होगा।
बता दें मंत्रलयों के कर्मियों को सातवां वेतनमान मिला शुरू हो चुका है।इन संस्थानों में सीएसआईआर, आईसीएमआर, आईसीएआर जैसे वैज्ञानिक महकमे हैं, तो केंद्रीय व नवोदय विद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थान भी।
एक अधिकारी ने बताया, वित्त मंत्रलय ने इन संस्थानों में सातवां वेतनमान लागू करने को सहमति दी है। पर एक तिहाई राशि संस्थानों को बंदोबस्त करने की शर्त रखी है। इन संस्थानों में लाखों कर्मचारी कार्यरत हैं।
कइयों का अपना राजस्व नहीं : कई संस्थान ऐसे हैं जिनका अपना कोई राजस्व ही नहीं है। सीएसआई जैसे कुछ संस्थानों को रॉयल्टी से आय होती है। पर उसे अन्य शोध कार्य पर खर्च किया जाता है। केंद्रीय विद्यालय को फीस से आय होती है पर उसे विद्यालयों में ही खर्च कर दिया जाता है।
श्राेेत- हिन्दुस्तान दैनिक 05-03-2017
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It is often said that the Congress did nothing for the country. But the fact is that whatever developments we see today in technical education, scientific research, advances in space, energy, electronics, atomic energy, agriculture, space etc is due to encouraging policies of Congress regimes.
Congress regimes consistently followed a policy to promote and encourage independent scientific research, and scientists received great encouragements. Never in the past pay benefits were delayed like this to CSIR and other scientific organizations.
Interestingly, no one considers this great difference important!
yeh to hona hi tha
govt is in no mood to implement 7CPC to autonomous bodies.lets see what the unions can do now.