कैबिनेट ने सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से अधिक वेतनमान देने की मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गयी. कैबिनेट ने सिफारिशों से अधिक वेतनमान देने की मंजूरी दी है.
यह बढ़ा वेतनमान 1 जनवरी 2016 से लागू होगा. अब करीब 15-25 दिनों में सभी विभाग अपने अपने कर्मचारियों के वेतनमान तय कर लेंगे. वेतन वृद्धि के ऐलान के बाद 50 लाख सरकारी कर्मचारी और 58 लाख पेंशनधारियों को फायदा मिलेगा.
सरकार ने भत्ता सहित औसतन 23.55 प्रतिशत वेतन वृद्धि की सिफारिश की है.
गौरतलब है कमीशन ने 23.55 प्रतिशत औसत सेलरी, भत्ता व पेंशन बढ़ाने की सिफारिश की थी. यानी सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें में प्रस्तावित भत्तों को जोड़ दिया जाये तो सिफारिश के अनुसार, वेतन में 23.55 प्रतिशत की वृद्धि करने की सिफारिश की गयी थी.
सातवें वेतन आयोग ने जूनियर लेवल के केंद्रीय कर्मचारियों के बेसिक वेतन में 14.27 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की थी. यह सिफारिश 70 साल के इतिहास में सबसे कम बतायी जा रही थी. इससे पहले छठे वेतन आयोग ने 20 प्रतिशत बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी, पर 2008 में सरकार ने इसे लागू करते समय दोगुणी वृद्धि की गयी थी.
सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर थे. 900 पन्नों की सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट सेवानिवृत्त न्यायाधीश एके माथुर ने नवंबर 2015 में वित्तमंत्री अरुण जेटली को सैंपी थी. इसके बाद जनवरी में सरकार ने कैबिनेट सचिव पीएके सिन्हा की अध्यक्षता में एक अधिकार प्राप्त समिति का गठन इस रिपोर्ट की जांच करने के लिए किया था.
इससे पहले सातवें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट में सरकारी कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 14.27 फीसदी बढ़ोत्तरी की सिफारिश की थी.
आरबीआई ने एक आकलन में अप्रैल में कहा था कि अगर आयोग की रिपोर्ट को ऐसे ही लागू किया गया तो 1.5 फीसदी महंगाई बढ़ जाएगी. वैसे कैबिनेट बैठक में शॉप एंड एस्टैब्लिसमैंट बिल पर चर्चा हुई है.
साथ ही आयोग ने एंट्री लेवल सैलरी 7,000 रुपये प्रति महीने से बढ़ाकर 18,000 रुपये प्रति महीने करने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखा.
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COMMENTS
7th CPC Report is an injury / puncture in the spinal chord of the Country. I think the Government does not like to rule India in another tenure.
Very wrost pay commission by accepted by modifying government employees very much disappointed
Modi govt. just manipulating data only nothing else. In this pay commissions MODI govt . just making fool to public nothing else.