NPS के डबल डिजिट रिटर्न के सामने PF का रेट फीका
NPS से जुड़े केंद्र और राज्य सरकार के एंप्लॉयीज ने पिछले 3-5 साल में 9.3-10.15 % रिटर्न हासिल किया
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स को NPS में ट्रांसफर करना ठीक नहीं होगा, क्योंकि दोनों पर टैक्स के मामले अलग हैं
अगर एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड (ईपीएफ) के इंटरेस्ट रेट में 0.5 फीसदी बढ़ोतरी सब्सक्राबर्स के चेहरे पर मुस्कान ला सकती है, तो न्यू पेंशन सिस्टम (एनपीएस) से जुड़े लोगों की खुशी का ठिकाना नहीं रहना चाहिए। एनपीएस में निवेश करने वाले ज्यादातर लोगों ने पिछले 3-5 साल में डबल डिजिट रिटर्न हासिल किया है। इस स्कीम से जुड़े केंद्र और राज्य सरकार के एंप्लॉयीज ने इस दौरान 9.3 से 10.15 फीसदी रिटर्न हासिल किया।
निजी स्कीमों का परफॉर्मेंस इसमें ज्यादा मददगार नहीं है, क्योंकि एनपीएस इनवेस्टर्स कई तरह के फंडों में पैसा लगाते हैं। लिहाजा, ईटी ने इक्विटी, कॉरपोरेट डेट और गिल्ट फंडों के मिले-जुले रिटर्न की स्टडी की। माना जाता है कि बेहद सुरक्षित इनवेस्टर्स गिल्ट फंड में 60 फीसदी और कॉरपोरेट बॉन्ड फंड में 40 फीसदी रकम निवेश करते हैं और शेयरों में बिल्कुल निवेश नहीं करते। थोड़ा सा जोखिम लेने वाला निवेशक 20 पैसा फीसदी स्टॉक में लगाएगा, 30 फीसदी कॉरपोरेट बॉन्ड में और गिल्ट में 50 फीसदी। संतुलित आवंटन के तहत 33.3 फीसदी तीनों फंडों में आना चाहिए। इसी तरह आक्रामक या ज्यादा रिस्क लेने वाला इनवेस्टर अधिकतम 50 फीसदी रकम इक्विटी फंड में लगाएगा, 30 फीसदी कॉरपोरेट बॉन्ड में और 20 फीसदी गिल्ट में। पिछले एक साल में स्टॉक के नेगेटिव रिटर्न के कारण एनपीएस की शॉर्ट टर्म तस्वीर उत्साहजनक नहीं है। ज्यादा रिस्क लेने वाले इनवेस्टर्स ने 3 फीसदी से भी कम का रिटर्न हासिल किया है और संतुलित निवेशकों ने सिर्फ 4.93 फीसदी। शेयरों से दूर रहने वाले निवेशकों को 8.89 फीसदी का रिटर्न मिला। हालांकि, लॉन्ग टर्म तस्वीर अलग है। औसतन पिछले 5 साल में गिल्ट फंडों ने सालाना 9.75 फीसदी का रिटर्न दिया है, जबकि कॉरपोरेट डेट फंड का रिटर्न 11 फीसदी से ज्यादा रहा है। नतीजतन, बिल्कुल जोखिम नहीं लेने वाले निवेशकों का औसत रिटर्न डबल डिजिट में रहा है। इस दौरान औसत एनपीएस फंड ने उस रिटर्न से 1-1.25 फीसदी ज्यादा रिटर्न दिया, जो ईपीएफ के 3.7 करोड़ सब्सक्राइबर्स को मिलता। एचडीएफसी पेंशन फंड के सीईओ सुमित शुक्ला ने बताया, ‘यहां तक कि 1 फीसदी ज्यादा रिटर्न भी लॉन्ग टर्म में फंड पर बड़ा असर डाल सकता है।’ सवाल यह है कि क्या गिल्ट और कॉरपोरेट बॉन्ड फंडों के लिए अच्छे दिन जारी रहेंगे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह ट्रेंड हमेशा जारी नहीं रहेगा।
क्या आपको ईपीएफ से एनपीएस की तरफ रुख करना चाहिए
एंप्लॉयीज प्रॉविडेंट फंड से न्यू पेंशन सिस्टम में ट्रांसफर का प्रस्ताव पिछले साल बजट में पेश किया गया था और इस साल के बजट में इस तरह के बदलाव पर एक बार टैक्स छूट का भी ऐलान किया गया है। एनपीएस में फंड शिफ्ट करने पर एंप्लॉयीज के पास एक बार फिर ईपीएफ में लौटने का विकल्प होगा। हालांकि, एक्सपर्ट्स का मानना है कि अपनी रिटायरमेंट सेविंग्स को एनपीएस में ट्रांसफर करना उचित नहीं होगा, क्योंकि दोनों पर टैक्स के मामले अलग हैं।
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