केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी होगी 21,000 रुपये!
सातवें वेतन आयोग ने केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 और अधिकतम 2,50,000 रु करने की सिफारिश की है
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार सैलरी बढ़ाने पर जो वित्तीय बोझ बढ़ेगा, उसे उठाने के लिए सरकार तैयार है उम्मीद से बढ़कर सचिवों का समूह न्यूनतम सैलरी 21,000 और अधिकतम 2,70,000 रुपये करने की सिफारिश कर सकता है
केंद्रीय कर्मचारियों को जून के बाद राहत की खबर मिल सकती है। सातवें पे-कमीशन की सिफारिशों को अमल में लाने के लिए गठित सचिवों का समूह इस बारे में अपनी अंतिम रिपोर्ट 30 जून को दे सकता है। इसमें सबसे अहम बात यह है कि केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम और अधिकतम सैलरी को लेकर सचिवों के समूह का रवैया काफी उदार रह सकता है।
सूत्रों के अनुसार सचिवों का समूह केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 21,000 रुपये और अधिकतम सैलरी 2,70,000 रुपये की सिफारिश कर सकता है। जबकि 7वें पे-कमीशन ने केंद्रीय कर्मचारियों की न्यूनतम सैलरी 18,000 रुपये और अधिकतम 2,50,000 रुपये करने की सिफारिश की है। मतलब है कि अगर सचिवों के समूह की सिफारिशें मान ली गईं तो केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद से कहीं बेहतर सैलरी मिलेगी। सरकार ने कैबिनेट सेक्रेटरी पी के सिन्हा के नेतृत्व में सचिवों के समूह का गठन किया है। यह समूह 7वें पे-कमीशन की सिफारिशों का अध्ययन करने के बाद इन पर अपनी सिफारिशें और सुझाव देगा।
11 जून को अहम बैठक: सचिवों के समूह ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों से 7वें पे-कमीशन की सिफारिशों पर राय देने को कहा है। सभी मंत्रालयों और विभागों यह राय 11 जून से पहले सौंपनी है। 11 जून को अंतिम बैठक होगी और उसके बाद सचिवों का समूह 30 जून तक अपनी रिपोर्ट को फाइनल करेगा और सरकार को सौंपेगा। सूत्रों के अनुसार वित्त मंत्रालय भी चाहता है कि रिपोर्ट, जून या जुलाई तक उसको मिल जाए ताकि उसके पास पर इन सिफारिशों पर अंतिम फैसला लेने के लिए कम से एक महीने का समय हो। मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार सरकार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में इजाफे की घोषणा त्योहारी सीजन से पहले करना चाहती है। इससे इकनॉमी को फायदा हो सकता है। अगर केंद्रीय कर्मचारियों के पास पैसा आएगा तो वह इसे त्योहारी सीजन में खर्च करेंगे। ऐसा करने से त्योहारी सीजन में मार्केट में रौनक बढ़ने की काफी संभावनाएं होंगी।
क्या है सरकार की मजबूरी/: स्मॉल सेविंग स्कीमों पर ब्याज दर कम करने से आम आदमी नाराज है। इसके बाद मजदूर संगठनों की नाराजगी के चलते सरकार को पीएफ पर ब्याज दरें बढ़ानी पड़ी हैं। ऐसे में सरकार अब केंद्रीय कर्मचारियों की नाराजगी मोल नहीं लेना चाहती है। यही कारण है कि वह सचिवों के समूह की सिफारिशों पर उदारता के साथ विचार करेगी। केंद्रीय कर्मचारियों के संगठनों ने इस बात की चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने में किसी प्रकार की कंजूसी की तो वह विरोध प्रदर्शन करेंगे। वित्त मंत्रालय के उच्चाधिकारियों के अनुसार केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने पर जो वित्तीय बोझ बढ़ेगा, उसे उठाने के लिए सरकार तैयार है। सरकार इसके लिए अलग से 1 लाख करोड़ रुपये का प्रबंध करने में लगी है। विनिवेश और दूसरे तरीकों से जुटाए गए धन का इस्तेमाल इसके लिए किया जाएगा। पहले साल में इसका बोझ काफी होगा।
Source: Navbharat times
COMMENTS
Good news but the max benefits must go to those who are protecting our borders and sacrificing their livess for us
Thank sir
The 7th CPC will serve no purpose unless and untill the proposal of promotion in heirarchy is reintigrated which was taken away by the congress govt. in 6th CPC.
Dear sir, as per your statement say that, Diff.Min shri Panikar not to acept additional pension after age of 65 years age and above, why?.we Exs never wread or nkolege about it, please cleryfiy this word.
Ex-Hav
Arjunbhai.
OROP having been granted, how pension of defense retirees will be fixed on implementation of 7th pay commission.
वेतन बढ़ाने का प्रकाशन : इसका अभिप्राय क्या है?
कृपया सरकारी निर्णय से पहले प्रकाशित कर आशावादी न बनायें कि न होने पर गतिरोध पैैदा हो।
सरकार चिन्तित और जल्दी में नहीं है। सरकार को किसी का भय/डर नहीं है और 2019 तक का समय है। प्रकाशक गुमराह न करें। हम लोग पहले ही दिमागी परेशानी में हैं।
कृपया दिमाग शान्त रहने दें।
दया शंकर लाल श्रीवास्तव,Ex MCPO II, Mumbal (7738115388).