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Study to assess stress among railway loco drivers रेल इंजन चालकों के बीच तनाव को आंकने हेतु अध्ययन

Study to assess stress among railway loco drivers: Rajya Sabha Q&A

stress+loco+drivers

GOVERNMENT OF INDIA

MINISTRY OF RAILWAYS
RAJYA SABHA

UNSTARRED QUESTION NO-1101

ANSWERED ON-04.03.2016

Study to assess stress among loco drivers

1101 . Shri Husain Dalwai

(a) whether Indian Loco Running Men’s Organization has sought the help of NHRC as the Railway Board has rejected their demand seeking toilet breaks;

(b) if so, the details thereof;

(c) whether any study has been conducted to ascertain stress among loco drivers;

(d) if not, the reasons therefor; and

(e) the changes made in the engine cabins to remove stress and strain while working in the engines?

ANSWER

MINISTER OF STATE IN THE MINISTRY OF RAILWAYS
( SHRI MANOJ SINHA)

(a) to (e) A Statement is laid on the Table of the House.

STATEMENT REFERRED TO IN REPLY TO PARTS (a) TO (e) OF UNSTARRED QUESTION NO. 1101 BY SHRI HUSAIN DALWAI ANSWERED IN RAJYA SABHA ON 04.03.2016 REGARDING STUDY TO ASSESS STRESS AMONG LOCO DRIVERS

(a) Yes, Sir.

(b) On the instructions of the National Human Rights Commission, a Committee comprising of Director level officers was formed to look into the grievances of Locomotive Drivers. The Committee had deliberated that in case of freight and passenger trains, breaks are already inbuilt as there are a number of halts, which allows the crew to attend to “call of nature”. The Committee’s deliberation was accepted by Railway Board and the same was conveyed to the NHRC also.
(c)&(d)No, Sir. No study has been conducted to assess stress in loco drivers with respect to toilet break as stressor. However, three studies have been conducted to assess stress with respect to psychological and social factors which have indicated that stress management programmes including yogic techniques at work places would help them physiologically and psychologically besides improving their quality of life and health.
(e) There is a continual improvement in the loco cabs to improve the comfort of the crew. Ergonomically designed crew chairs, adjustable, cushioned driver’s seats, ergonomically designed control desk/cab, improved cab lighting, air conditioning of cabs, provision of cab heaters during winter seasons, reduced noise levels inside the cabs, twin beam headlight, provision of fog pass equipment in foggy weather and conversion of single cab HHP loco to dual cab are some of the features to improve crew comfort.

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भारत सरकार
रेल मंत्रालय
राज्‍य सभा
अतारांकित प्रश्‍न सं. 1101
04.03.2016 को दिया जाने वाला उत्तर

रेल इंजन चालकों के बीच तनाव को आंकने हेतु अध्ययन

1101. श्री हुसैन दलवई:

क्‍या रेल मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:

(क) क्या इंडियन लोको रनिंग मैन्स आर्गेनाइज़ेशन ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग की मदद मांगी है क्योंकि रेलवे बोर्ड ने शौचालय जाने हेतु अवकाश देने की उनकी मांग को अस्वीकार कर दिया है;

(ख) यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;

(ग) क्या रेल इंजन चालकों के बीच तनाव का पता लगाने के लिए कोई अध्ययन कराया गया है;

(घ) यदि नहीं, तो इसके क्या कारण हैं; और

(ङ) इंजनों में काम करते समय तनाव को दूर करने के लिए इंजन केबिन में क्या परिवर्तन किए गए हैं?

उत्तर

रेल मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री मनोज सिन्हा)
(क) से (ड.): एक विवरण सभा पटल पर रख दिया गया है।
******

रेल इंजन चालकों के बीच तनाव को आंकने हेतु अध्ययन के संबंध में दिनांक 04.03.2015 को राज्‍य सभा में श्री हुसैन दलवई द्वारा पूछे जाने वाले अतारांकित प्रश्‍न संख्‍या 1101 के भाग (क) से (ड.) तक के उत्‍तर से संबंधित विवरण

(क): जी हां।

(ख): राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अनुदेश पर, रेलइंजन ड्राइवरों की शिकायतों की जांच करने के लिए निदेशक स्तर के अधिकारियों की एक समिति का गठन किया गया था। समिति का विचार था कि माल तथा पैसेंजर गाड़ियों के मामले में, ब्रेक पहले ही उपलब्ध हैं क्योंकि गाड़ियों के बहुत से हाल्ट होते हैं जिनमें कर्मीदल “शौच आदि” के लिए जा सकते हैं। रेलवे बोर्ड द्वारा समिति के सुझाव को स्वीकार कर लिया गया था और इसे एनएचआरसी को भी सूचित कर दिया गया था।

(ग) और (घ): जी नहीं। शौच ब्रेक की वजह से रेल इंजन ड्राइवरों को होने वाले कष्ट का आकलन करने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है। बहरहाल, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कारकों की वजह से होने वाले तनाव का आकलन करने के लिए तीन अध्ययन किए गए हैं जिससे पता चला है कि उनके जीवन तथा स्वास्थ्य की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ कार्य स्थलों पर यौगिक तकनीकों सहित तनाव प्रबंधन कार्यक्रमों से उन्हें शारीरिक और मनोवैज्ञानिक रूप से सहायता मिलेगी।

(ड.) कर्मीदल की सुख-सुविधाओं में सुधार के लिए लोको कैब में निरंतर सुधार किए जाते हैं। कर्मीदल की सुख-सुविधाओं में सुधार के लिए एर्गोनॉमिकली डिजाइन की गई क्रू चेयर, समाहित करने योग्य, कुशन वाली ड्राइवर सीटें, एर्गोनॉमिकली डिजाईन किए गए कंट्रोल डैस्क/कैब, कैब में लाइट की बेहतर व्यवस्था, कैब में वातानुकूलन, सर्दी के मौसम में कैब हीटरों की व्यवस्था, कैब के भीतर ध्वनि का स्तर कम करना, टविन बीम वाली हैडलाइट, कोहरे के मौसम में फॉग पास उपस्कर की व्यवस्था और सिंगल कैब एचएचपी लोको का ड्यल कैब में बदलाव जैसी कुछ विशेषताएं शामिल की गई हैं।

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