रिटायरमेंट से पहले रिटायर होने की चाह बढ़ी
झांसी। रेलवे के दर्जनों कर्मचारियों ने 2016 से लागू होने वाले सातवें वेतन आयोग का लाभ लेने के बाद स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का मन बना लिया है। अब स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेते हैं तो उनकी पेंशन में पांच से सात हजार रुपये का लाभ हो जाएगा।
रेलवे के अंतर्गत परिचालन (गार्ड, ड्राइवर आदि), वाणिज्य, इंजीनियरिंग, कैरिज एंड वैगन, लेखा, इलेक्ट्रिक, संरक्षा, दूरसंचार, कार्मिक समेत तेरह विभाग आते हैं। इसमें परिचालन व वाणिज्य विभाग की नौकरी सबसे अधिक संवेदनशील है। छोटी सी गलती पर बड़ा दंड भुगतना पड़ता है।
वर्तमान में रेल मंडल के उक्त सभी विभागों में करीब चालीस फीसदी कर्मचारियों की कमी चल रही है। वर्तमान में रेल मंडल में सत्रह हजार व वर्कशाप में पांच हजार कर्मचारी कार्यरत हैं। रेलवे के विभिन्न विभागों में कर्मचारियों की लगातार हो रही कमी के कारण अन्य कर्मियों पर काम का दबाव बढ़ता जा रहा है।
कई जगह अफसरों के उत्पीड़न से भी कर्मचारी परेशान हैं। इस कारण दर्जनों कर्मचारी सातवें वेतन आयोग के लागू होने का इंतजार कर रहे हैं।
इस कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के दायरे में आ रहे कर्मचारियों ने सातवां वेतन आयोग का लाभ लेने के बाद वीआरएस (स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति) लेने की मंशा बना ली है। अभी तक सौ से अधिक कर्मचारी अपने विभाग में वीआरएस के लिए आवेदन कर चुके हैं।
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