वेतन आयोग लागू होने पर बढ़ सकती है महंगाई: RBI
मुंबईः रिजर्व बैंक ने आज कहा कि खुदरा
महंगाई अब तक रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप रही है लेकिन सातवें वेतन
आयोग की सिफारिशें लागू होने से इसमें बढ़ौतरी दर्ज की जा सकती है।
महंगाई अब तक रिजर्व बैंक के अनुमान के अनुरूप रही है लेकिन सातवें वेतन
आयोग की सिफारिशें लागू होने से इसमें बढ़ौतरी दर्ज की जा सकती है।
राजन ने चालू वित्त वर्ष की छठी और अंतिम
मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा, ”मुद्रास्फीति मौद्रिक नीति के
पहले के अनुमानों के अनुरूप रही है। जनवरी 2016 के 6 प्रतिशत का लक्ष्य
हासिल हो जाना चाहिए। यदि इस साल मानसून सामान्य रहा और अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में कच्चा तेल तथा विनिमय दर की यही स्थिति बनी रही तो वित्त वर्ष
2016-17 के अंत तक खुदरा महंगाई 5 फीसदी की सीमा के भीतर रखने का लक्ष्य भी
हासिल हो जाना चाहिए।”
मौद्रिक नीति समीक्षा जारी करते हुए कहा, ”मुद्रास्फीति मौद्रिक नीति के
पहले के अनुमानों के अनुरूप रही है। जनवरी 2016 के 6 प्रतिशत का लक्ष्य
हासिल हो जाना चाहिए। यदि इस साल मानसून सामान्य रहा और अंतर्राष्ट्रीय
बाजार में कच्चा तेल तथा विनिमय दर की यही स्थिति बनी रही तो वित्त वर्ष
2016-17 के अंत तक खुदरा महंगाई 5 फीसदी की सीमा के भीतर रखने का लक्ष्य भी
हासिल हो जाना चाहिए।”
राजन ने कहा, ”हालांकि, सातवें वेतन आयोग
की सिफारिशें लागू करने से इसमें एक या 2 साल के लिए बढ़ौतरी हो सकती है,
क्योंकि वर्तमान अनुमान में इसकी गणना नहीं की गई है।” उन्होंने कहा कि जब
सिफारिशें लागू करने के समय के बारे में स्थिति स्पष्ट होगी, केंद्रीय
बैंक महंगाई के अपने अनुमान में सुधार करेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही यदि
मानसून सामान्य नहीं रहता है या वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक स्थितियां
बदलने से कमोडिटी मूल्यों में बदलाव होता है तो इससे भी महंगाई दर अनुमान
से अलग रह सकता है।
की सिफारिशें लागू करने से इसमें एक या 2 साल के लिए बढ़ौतरी हो सकती है,
क्योंकि वर्तमान अनुमान में इसकी गणना नहीं की गई है।” उन्होंने कहा कि जब
सिफारिशें लागू करने के समय के बारे में स्थिति स्पष्ट होगी, केंद्रीय
बैंक महंगाई के अपने अनुमान में सुधार करेगा। उन्होंने कहा कि साथ ही यदि
मानसून सामान्य नहीं रहता है या वैश्विक स्तर पर भू-राजनीतिक स्थितियां
बदलने से कमोडिटी मूल्यों में बदलाव होता है तो इससे भी महंगाई दर अनुमान
से अलग रह सकता है।
आर.बी.आई. गवर्नर ने कहा कि हालांकि
दिसंबर में लगातार पांचवें महीने महंगाई बढ़ी है लेकिन फलों तथा सब्जियों
की कीमतों में मौसमी गिरावट से आने वाले समय में महंगाई में थोड़ी राहत मिल
सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार 2 साल खराब मानसून के बावजूद खाद्य
पदार्थों की महंगाई ज्यादा नहीं बढऩे के लिए सरकार के आपूर्ति प्रबंधन को
श्रेय दिया जाना चाहिए।
दिसंबर में लगातार पांचवें महीने महंगाई बढ़ी है लेकिन फलों तथा सब्जियों
की कीमतों में मौसमी गिरावट से आने वाले समय में महंगाई में थोड़ी राहत मिल
सकती है। उन्होंने कहा कि लगातार 2 साल खराब मानसून के बावजूद खाद्य
पदार्थों की महंगाई ज्यादा नहीं बढऩे के लिए सरकार के आपूर्ति प्रबंधन को
श्रेय दिया जाना चाहिए।
हालांकि, दालों की महंगाई अब भी ज्यादा
बनी हुई है जिससे इसमें संरचनात्मक विसंगति का संकेत मिलता है। राजन सेवा
क्षेत्र की मुद्रास्फीति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सितंबर 2015 से
आवास, परिवहन एवं संचार, स्वास्थ्य तथा अन्य सेवाओं की महंगाई दर कम नहीं
हो रही है।
बनी हुई है जिससे इसमें संरचनात्मक विसंगति का संकेत मिलता है। राजन सेवा
क्षेत्र की मुद्रास्फीति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि सितंबर 2015 से
आवास, परिवहन एवं संचार, स्वास्थ्य तथा अन्य सेवाओं की महंगाई दर कम नहीं
हो रही है।
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