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वेतनमान सातवां, गुस्सा भी सातवें आसमान पर

वेतनमान सातवां, गुस्सा भी सातवें आसमान पर

सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से केंद्रीय कर्मचारी गुस्साए हुए हैं। इनकम टैक्स, रेलवे, डाक, ऑडिट एवं अकाउंट समेत सभी विभागों के चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारी तक सभी में भारी असंतोष है। इनका तर्क है कि इसमें विसंगति ज्यादा हैं। नया कुछ भी नहीं है, बढ़ाने के बजाय वेतन ही कम कर दिया। जिनका बढ़ाया है, उसमें भी महज ढाई गुना का अंतर ही आया है। 

नेशनल जेसीएम कोऑर्डिनेशन कमेटी के पदाधिकारियों का कहना है कि इससे बेहतर था कि छठवां वेतनमान ही रहने देते। गौरतलब है कि सातवें वेतन आयोग के अध्यक्ष एके माथुर ने इसी हफ्ते वित्त मंत्री अरुण जेटली को रिपोर्ट सौंपी है। 

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राजनाथ सिंह को ही गिना डाली खामियां : सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों से खफा इंडियन पब्लिक सर्विस एम्पलाइज फेडरेशन के प्रतिनिधि मंडल ने नई दिल्ली में गृह मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात की। फेडरेशन ने गृह मंत्री से बातचीत कर इसकी खामियां भी गिना दीं। प्रतिनिधि मंडल में राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्र, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एसबी सिंह, महासचिव प्रेमचंद समेत अन्य पदाधिकारी शामिल थे। 

  •  सेलरी में 23.5 फीसदी इजाफे का हल्ला किया गया, जबकि यह सिर्फ 14.29 फीसदी ही होगा। 
  •  मकान किराया भत्ता यानी एचआरए को 30 व 24 से घटाकर 16 व 10 फीसदी कर दिया। 
  •  छोटे भत्ते जैसे फेमिली प्लानिंग अलाउंस और फेस्टिवल अलाउंस को खत्म करने की सिफारिश। 
  •  नई पेंशन योजना की खामियों का जिक्र तक नहीं किया। 
  •  महिलाकर्मी को मिलने वाली चाइल्ड केयर लीव के 365 दिनों के दूसरे चरण के दिनों की संख्या को 80 तक सीमित कर दिया। [ 365 दिनों के दूसरे चरण में वेतन को 80 फीसदी तक सीमित किया गया है]

ये भी वजह 

ये थीं प्रमुख मांगें ये कीं सिफारिश

  • न्यूनतम वेतन 26 हजार हो 18000 कर दिया 
  • वेतन निर्धारण यानी फिटमेंट फार्मूला 3.7 गुना 7000- 26000 हो 2.57 गुना किया 
  • प्रमोशन पर वेतन निर्धारण 2 इंक्रीमेंट के साथ 6 गुना हो बदला ही नहीं, एक इंक्रीमेंट
  • सालाना वेतन इजाफा 5 फीसदी हो बदला नहीं 3 फीसदी रखा 
  • 30 साल की सेवा में पांच प्रमाेशन 8, 7, 6, 5, 4 साल में दिए जाएं इसे भी नहीं बदला 
  • सेलरी में अधिकतम इजाफा सभी के लिए 40 गुना हो सिर्फ 14.29 गुना ही किया 

नेशनल जेसीएम की कोऑर्डिनेशन कमेटी के सेक्रेटरी यशवंत पुरोहित ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ जब कर्मचारी और अधिकारी के न्यूनतम वेतन में 14 गुना का अंतर रखा गया। छठवें वेतनमान में यह 10 गुना से थोड़ा ज्यादा था। 7वें वेतन में न्यूनतम वेतन 18 हजार और अधिकतम 2.50 लाख रखा गया। छठवें वेतन में यह 7000 और अधिकतम 80 हजार थी। 

छोटे का नुकसान, बड़े को फायदा 

वेतन आयोग की सिफारिशें जस की तस लागू हुईं तो ग्रुप सी के सबसे छोटे कर्मचारी को हर महीने मिलने वाले शुद्ध वेतन में 95 रुपए का घाटा ही होगा। इस ग्रुप के बड़े अधिकारियों को 1395 रुपए का फायदा होगा। अभी इन्हें जीपीएफ, एनपीएस, बीमा योजना, समेत अन्य मदों में कटौती के बाद 14270 रुपए हर महीने मिल रहे हैं। एक जनवरी 2016 से इनको 14525 रुपए ही मिल सकेंगे। 

प्रमोशन पर वेतन निर्धारण 2 इंक्रीमेंट के साथ 6 गुना हो 

पहली बार वेतन में 14 गुना का बड़ा फर्क रखा 



Source: Dainik Bhaskar
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Admin

COMMENTS

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  • Unknown 9 years ago

    ye achhe din hain , sari khadya samagri ek taraf se manhgi aur safai tax alag se uske bad vetan kam kar do. sara paisa apni gand me dalega . tabhi acche din ayenge. ha apna ghar bhi nahi bana sakte ab 5 lakh ikattha karte karte jamin ki kimat 15 lakh pahunch jati hai . Modi ne hamara future hi bigad diya. agar ham log 10 sal lagatar bhukhe rahenge to bhi apna ghar nahi bana sakte , YE HAIN ACHHE DIN . 5 sal keliye sarkar bani mantriyon aur sansadon ka vetan bada rahi hai hamara pet kat ke . YE HAIN ACCHHE DIN. KYA KYA KAHUN . Congresh itni besharam bhi nahi thi dhokha hamne diya hai. 250 karor kharch kiye videsh yatra me itne me 2500 parivar business karke inhe paisa wapas bhi kar dete