रेलकर्मियों को 78 दिन का बोनस
– उत्पादकता आधारित के बजाय परिचालन अनुपात आधारित बोनस भुगतान की तैयारी
– उत्पादकता आधारित के बजाय परिचालन अनुपात आधारित बोनस भुगतान की तैयारी
धनबाद : दुर्गापूजा में बोनस का इंतजार कर रहे रेलकर्मियों को अभी कुछ दिन और इंतजार करना होगा। उन्हें इस बार भी 78 दिनों का बोनस मिलेगा, पर दिन के साथ रकम भी वही मिलेगी या बढ़े हुए सीलिंग का लाभ मिलेगा, इस पर अभी सस्पेंस बरकरार है। रेलवे ने बोनस फॉर्मूला में बदलाव लाने का निर्णय लिया है। इस बार उत्पादकता आधारित के बजाय परिचालन अनुपात आधारित बोनस का भुगतान किये जाने के संकेत मिले हैं। अगले वर्ष सातवां वेतनमान लागू होने के कारण इस वर्ष 3500 के बजाय दोगुणा सीलिंग के अनुसार बोनस भुगतान के कयास लगाए जा रहे हैं। अगर ऐसा हुआ तो रेलकर्मियों को 8975 के बजाय दोगुणा से अधिक राशि मिलेगी।
रेलवे बोर्ड और मान्यताप्राप्त फेडरेशन के साथ 11 जून को हुई बैठक में परिचालन अनुपात आधारित बोनस भुगतान की जानकारी दी गई थी। रेलवे बोर्ड ने स्पष्ट किया था कि बोनस की वर्तमान व संशोधित प्रणाली के 50-50 प्रतिशत पर गणना होगी। पिछले तीन वर्षो के परिचालन अनुपात और दिन की गणना पर आधारित बोनस भुगतान होगा। हालांकि यूनियनों ने यह स्पष्ट कर दिया कि दिन की गणना पूर्ववत 78 दिनों की ही होगी।
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‘रेलकर्मियों को 78 दिनों का बोनस भुगतान होगा, जिस पर सहमति बन चुकी है। हालांकि बोनस के फॉर्मूला बदलने के अलावा सीलिंग बढ़ोत्तरी से संबंधित आदेश अब तक जारी नहीं हुए हैं’ – प्रेम शंकर चतुर्वेदी, जोनल महासचिव नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन रेलवे
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‘रेलकर्मियों का बोनस 78 दिन का होगा। इसमें कटौती हुई तो यूनियन किसी भी हद तक जाएगा। नये फॉर्मूला पर बोनस की तैयारी की जा रही है, जिसका हर स्तर पर विरोध चल रहा है’ – शिव गोपाल मिश्रा, राष्ट्रीय महामंत्री ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन
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