Important meeting between 7th Pay Commission and JCM to take place on 9th of June, 2015. Minimum Salary and multiplication factor of salary in 7th CPC will be main issue in this meeting.
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जेसीएम के साथ सातवें वेतन आयोग की अहम बैठक 09 जून को, न्यूनतम वेतन और कितने गुणा होगी वेतन मे बढोतरी इस पर होगी चर्चा
नयी दिल्ली:- एक जनवरी 2016 से लागू होने वाले सातवें वेतन आयोग का लाभ 50 लाख केंद्रीय कर्मचारियों और लगभग 30 लाख पेशनर्स को मिलने वाला है । पांचवें व छठे वेतन आयोग की सिफारिशों को देखते हुए सातवां वेतन आयोग लागू होने पर कर्मचारियों के मूल वेतन में 40 से 50 प्रतिशत तक की बढोतरी हो सकती है। पांचवें वेतन आयोग के बाद कर्मचारियों के मूल वेतन में करीब 50 प्रतिशत की बढोतरी हुई थी जबकि छठे वेतन आयोग में ये वृद्वि न्यूनतम 40 प्रतिशत थी। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करने से पहले वेतन आयोग ने केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और कर्मचारी संगठनों से सुझाव मांगे है और कई बैठकें की हैं। सातवां वेतन आयोग लागू करने के लिए राज्य सरकारें केंद्र से आर्थिक मदद की मांग भी कर रही है । क्योंकि इतना तो निश्चित है कि सातवाँ वेतन आयोग केंद्र और राज्य सरकारों पर वित्तीय बोझ डालने वाला है।
सातवें वेतन आयोग के लिए केन्द्र सरकार के साथ साथ राज्य सरकारों ने भी तैयारी शुरु कर दी है। यूपी सरकार ने इस मामले में पहल करते हुए वेतन आयोग के लिए विशेष सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त कर भी दिया है । अधिकारी बताते है कि छठे वेतन आयोग की सिफारिशें एक जनवरी 2006 से लागू हुई थी । जिसके बाद यूपी सरकार पर करीब 15 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार आया था । संभावना इस बात की जताई जा रही है कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद सरकार का बोझ 1 5 हजार करोड़ रूपये से बढ़ कर 30 हजार करोड़ रूपये तक पहूंच जाएगा । 30 हजार करोड़ रुपये के अतिरिक्त बोझ का आकलन इस हिसाब से हो रहा है कि छठा वेतन आयोग जिस समय लागू हुआ उस समय मंहगाई दर 86 प्रतिशत थी जो आज बढ़ कर 113 प्रतिशत हो गई है देश के विकास गति की वृद्वि क्रो देखते हुए ही वेतन आयोग का निर्धारण किया जाता है। सरकार का मानना है कि देश का जो विकास होता है उस विकास का कुछ हिस्सा कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए । सरकार हर दसवें साल पर वेतन आयोग का गठन कर कर्मचारियों के वेतन वृद्वि का निर्धारण करती है । पांचवा वेतन आयोग एक जनवरी 1996 को तथा छठा वेतन आयोग एक जनवरी 2006 को लागू हुआ था । सातवा वेतन आयोग एक जनवरी 2016 से लागू होगा।
अभी हाल ही में वेतन आयोग पूर्वोत्तर राज्यों का दौरा करके आया है । वेतन आयोग ने 11.05.2015 को शिलांग और 12.05.2015 को गुवाहाटी में भी मीटिंग रखी। वेतन आयोग पूर्वोतर के दूर दराज के इलाकों का दौरा भी करके आया और देखा की कर्मचारी उन हालातों में केसे काम करते हैं। वेतन आयोग लगातार कर्मचारी संगठनो से चर्चा करते हुए और उनसे ज्ञापन लेते हुए बातचीत और विश्लेषण के आखिरी दौर में पहुंच चूका है। अब वेतन आयोग की नेशनल काउंसिल स्टाफ साइड से अंतिम मीटिंग 09 जून को हो रही है । नेशनल काउंसिल स्टाफ साइड पहले ही वेतन आयोग को ज्ञापन सौंप चुकी है, उसमे प्रमुख तौर पर न्यूनतम वेतन रूपए 26000 की मांग और तकरीबन तीन से चार गुणा वेतन बढोतरी की मांग है । आखरी चरण की मीटिंग में प्रमुख तौर पर वेतन आयोग और नेशनल काउंसिल स्टाफ साइड में इन्हीं दो मुद्दों पर ज्यादातर चर्चा होने की सम्भावना है । अब देखना यह है कि पलड़ा किस का भारी रहता है।
Source: http://www.govemployees.in/wp-content/uploads/2015/06/jcm-meet.jpg
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Admin
COMMENTS
"RAILWAY" HAS ALREADY SINCE BEN DEFINED UNDER DEFINITION OF "INDUSTRY".
DUTIES & SERVICE CONDITIONS ARE MUCH & MUCH HARD & RISKY IN COMPARISON TO OTHER CENTRAL GOVT. EMPLOYEES.
THERE ARE "WAGE-BOARD" IN ALL INDUSTRIES IN INDIA EXCEPT "RAILWAY-INDUSTRY".
"2nd. NATIONAL COMMISSION ON LABOR" HAS ALREADY SINCE BEEN RECOMMENDED "WAGE-BOARD" IN RAILWAY LIKE CEMENT & ALL OTHER INDUSTRIES, AND GOVT. OF INDIA HAS ACCEPTED THE SAID RECOMMENDATION IN YEAR 2002.
As SUCH, Rail SewakSangh is demanding "WAGE-BOARD" IN "RAILWAY" AS PER "RECOMMENDATION OF 2nd. NCL (2nd. NATIONAL COMMISSION ON LABOR)", BECAUSE RAILWAY IS AN "INDUSTRY".
By:- S.N.SRIVASTAVA, GENERAL SECRETARY, RAIL SEWAK SANGH (Regd.).
Mobile No. 08765531599