Memorandum with 43 points Charter of Demand including Interim Relief, Merger of DA submitted by Com Shiva Gopal Mishra GS/AIRF to Minister for Railways
Memorandum submitted by Com Shiva Gopal Mishra GS/AIRF to Minister for Railways in connection with the demands of Railwaymen.
NORTHERN RAILWAY MEN’S UNION
36/2015
माननीय महोदय,
आज, दिनांक 27 फरवरी 2015 को आयोजित नार्दन रेलवेमेन्स यूनियन के 66वें वार्षिक अधिवेशन के अवसर पर उत्तर रेलवे के कोने-कोने से आये हुये हजारो रेलकर्मियों ने जन्तर मन्तर पर प्रदर्शन कर अपनी लम्बित जायज मांगों का समाधान न किये जाने के विरोध में एक जोरदार प्रदर्शन किया । भारत सरकार, देश के आम आदमी खासकर कामगार वर्ग की बेहतरी का वादा कर सत्ता में आई और उनके कार्यकाल में जो नीतियाँ बनाई जा रही है उससे निराशा हाथ लगी है। रेलकर्मियों में उनकी मांगों का समाधान न होने से भारी निराशा एवं हताशा है तथा जो लम्बित मांगें है, उन पर अभी तक कोई ठोस कदम भी नही उठाये गये हैं।
महोदय, इस अधिवेशन के माध्यम से हम आपसे निवेदन करना चाहते हैं, कि रेलकर्मियों की इन मांगों
को शीघ्र हल करने की दिशा में ठोस एवं सार्थक पहल करने की कृपा करें।
सादर अभिवादन सहित
संलग्न-मांगपत्र
भवदीय
(शिव गोपाल मिश्र)
महामंत्री
रेलकर्मियों की लम्बित जायज मांगें
- एफडीआई निवेश के आदेश को समाप्त किया जाय।
- रेलवे बोर्ड/रेल मंत्रालय को समाप्त करने की मंशा पर तुरन्त रोक लगाई जाय।
- 25 प्रतिशत अंतरिम राहत का भुगतान किया जाय ।
- महंगाई मत्ते को वेतन में समाहित किया जाय।
- सभी खाली पदों को मरा जाय।
- बढ़ती संख्या तथा कार्यभार बढ़ने के अनुपात के आधार पर अतिरिक्त पदों की स्वीकृति की जाए।
- स्थाई पदों पर आऊटसोर्सिंग रोकी जाय जो कि कान्ट्रेक्ट लेबर (रेगुलेशन एवं एबोलिशन) अधिनियम, 1970 का उल्लंघन है ।
- नई पेंशन स्कीम समाप्त की जाए ओंर सभी रेलकर्मियों को 1.1.2004 से पूर्व नियुक्त स्टाफ के लिए लागू पेंशन एवं परिवार पेंशन स्कीम के तहत लाया जाए।
- ट्रेकमैन के कैरियर प्रोग्रेसन और पैकेज के अध्ययन के लिए गठित समिति की सिफारिशों को कानूनी रूप से अनुकूल बना लिया गया है। सिफारिशों को यथा स्थिति अनुसार लागू किया जाय।
- बोनस के भुगतान के उद्देश्य से 3500 रु0 की सीलिंग-लिमिट को हटाया जाय।
- वित्त संबंधी स्थाई समिति की सिफारिशों के अनुसार आयकर आयकर सीमा रु. 5 लाख किया जाय।
- आयकर कटौती से परिवहन भत्ता और विशेष ड्यूटी भत्ते की छूट देना और रनिंग मतों पर आयकर कटौती सीलिंग को भी बढाना ।
- विभागीय विसंगति समिति की बैठक में ली गई स्वीकृति कं अनुसार छठे वेतन आयोग की सभी विसंगतियों को दूर करना और एन सी/जे सी एम विसंगति समिति कं समक्ष लंबित सभी विसंगतियों का पुन: समाधान करना।
- शेष कोटियों की कैडर पुर्नसंरचना का कार्यं पूरा करना।
- ग्रेड पे रु. 2800 को स्वीकृत करते हुए तकनीशियन ग्रेड-II और ग्रेड-I के ग्रेडों को मर्ज किया जाए।
- सभी वरिष्ठ पर्यवेक्षकों को ग्रेड पे रु. 4600 के स्थान पर रु. 4800 की व्यवस्था करना।
- 15 प्रतिशत ग्रुप ‘सी’ पदों को ग्रुप ‘बी’ में अपग्रेड करना।
- रनिंग स्टाफ की शिकायतें जैसे ए.एल.के. को बढाते हुए 1.1.2006 से प्रभावी रनिंग भत्ते की स्वीकृति, ड्यूटी करने के घंटों को कम करना, मालगाड़ियों में कार्य कर रहे रनिंग कर्मचारियों को और गुड्स गार्डों एवं पैसेंजर गार्डों के रूप में कार्य कर रहे कर्मचारियों के लिए भी अतिरिक्त भत्ते की व्यवस्था करना, रनिंग रूम आदि की व्यवस्था में सुधार करना।
- सुपरन्यूमेरी पदों पर रखे गए डाक्टरी आधार पर विकोटिकृत रनिंग स्टाफ को रनिंग भत्ते की अदायगी किया जाना।
- कर्मचारियों की सभी श्रेणियों के लिए ग्रेड पे रु. 2400 तथा ग्रेड पे रु. 2800 को मर्ज किया जाय।
- ग्रेड पे के संबंध में फील्ड कार्यालयों में कार्यरत आशुलिपिकों को सचिवालय में कार्यरत के समान किया जाए।
- क्वार्टरों, सड़कों तथा नालों की मरम्मत करना तथा कर्मचारियों को न रहने लायक क्वार्टरों में रहने के लिए बाध्य न करना और उन्हें मकान किराया भत्तों का भुगतान करना।
- रेलवे स्वास्थ्य केन्द्र एवं अस्पतालों की दशा में सुधार तथा डाक्टर, नर्स एवं अन्य पैरा मेडिकल स्टाफ़ के रिक्त पडे हुए पदों को तुरन्त भरा जाया कांट्रेक्ट पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवायें नियमित की जाय। रोड़ साइड स्टेशन एवं गैंगहट पर तैनात स्टाफ को स्वास्थ्य सम्बन्धी सुविधायें उपलब्ध कराई जाय।
- एक दिन में स्टाफ से 7 घंटे से अघिक की ड्यूटी न ली जाय और महिला कर्मचारियों एवं मिनिस्ट्रियल स्टाफ के लिए फलैक्सी टाइम लागू किये जाय एवं जहाँ तक संभव हो महिला रेल कर्मचारियों को रात्रि कालीन डयूटी में न लगाया जाय।
- कार्य के घंटे एवं आराम आदि पर गठित हाई पावर कमेटी की अनुशंसा पर पुनर्विचार किया जाए।
- माननीय उच्चतम न्यायालय के आदेशानुसार कैजुअल लेबर एवं सीपीसी सेवा का 100 प्रतिशत सेवा की वरिष्ठता एवं पेंशनरी भुगतान आदि के लिए गणना की जाए।
- छठे वेतन आयोग की रिपोर्ट में सन्निहित वेतन निर्धारण सारणी के अनुसार स्टाफ का वेतन पुनर्निधारण किया जाय।
- रेल कर्मचारियों के बच्चों को सब्सटीट्यूट के रूप मेँ भर्ती करने की मांग रेलवे बोर्ड के आदेशों में अनेक प्रतिबंधों के चलते क्षेत्रीय रेलों के महाप्रबंधकों द्वारा अभी तक क्रियान्वित नहीं की गई है, उन्हें क्रियान्वित की जाय।
- सेफ्टी रिलेटेड वालेन्टरी स्कीम को सरलीक़त कर उसे लार्जेस में बदल दिया गया जिसके अन्तर्गत संरक्षा कोटि के कर्मचारी स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति लेकर अपने बच्चों को रेलवे में नौकरी दिला सकते हैं। इसके अन्तर्गत कर्मचारी की आयु को बढ़ाकर 59 वर्ष किया जाय। लार्जेस के क्षेत्र को और अधिक बढ़ाया जाय तथा इसे सभी कोटि के कर्मचारियों के लिये लागू किया जाय साथ ही पी ई टी (PET) में जो बच्चे फेल हो जाते हैं, उन पर पुनर्विचार किया जाय। रेलवे क्वार्टर के मामले में लार्जेस योजना के अभ्यर्थियों को अनुकंपा आधार पर की जाने वाली नियुक्तियों के समकक्ष रखा जाय।
- रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को सब्सटीट्यूट में नियुक्ति देने हेतु क्षेत्रीय स्तर पर महाप्रबंधक द्वारा कोई विचार नही किया जा रहा है क्योंकि रेलवे बोर्ड ने क्या सारे प्रतिबंध लगा रखें है। इसके अतिरिक्त आरआबी/आरआरसी द्वारा होने वाली भर्तियों पर रेलवे कर्मचारियों के बच्चों को कुछ कोटा निर्धारित किया जाना चाहिए।
- रेलवे बजट में घोषित कल्याणकारी योजनाएं चोरो नर्सिंग कालेज, मेडीकल और इंजीनियरिंग कॉलेज, पॉलीटेक्निक्स खोलना, रेलकर्मयिों के बच्चों के लिए केन्द्रीय विद्यालय खोलना, रेलवे कर्मचारियों आदि के आश्रित पिता और माता को चिकित्सा सुवधिाएं और पास सुविधाएं आदि अभी बोर्ड द्वारा क्रियान्वित की जानी हैं, उन्हें क्रियान्वित किया जाए।
- डी सी/जे सी एम मीटिंग में लिए गए निर्णय कं अनुसार मूर्व-संशोधित वेतनमान 6500-10500 रु. में कार्यरत अनुभाग अधिकारियों की 5 प्रतिशत स्वीकृत पद संख्या को गैर-अर्हक अपेंडिक्स-III लेखा सहायकों के रूप में चिन्हित किया गया था । छठे वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने के बाद, उसे संशोधित करके अनुभाग अधिकारी और अनुभाग अधिकारी (लेखा) की संयुक्त स्वीकृत संख्या को कम करके 1 प्रतिशत कर दिया गया । इस संयुक्त संख्या को पुन: 5 प्रतिशत करने की मांग अभी भी रेलवे बोर्ड के समक्ष लंबित है। साथ ही लेखा विभाग के स्टाफ के वेतनमान 19.2.2003 की बजाय 1.1.1996 से संशोधित किए जाने हैं । उन्हें कियान्वित किया जाय।
- गाड़ियों पर तैनात ए.सी. मैकेनिक और ए.सी. अटेंडेंट कं कार्य घंटों, गाडियों में स्थान आदि देने से संबधी शिकायतों का निवारण किया जाय।
- यद्यपि अर्द्ध-प्रशासकीय स्टाफ के समाहन के मुददें पर अनेक बार बातचीत हुई थी, अमी तक रेलवे में अर्द्ध-प्रशासकीय स्टाफ को रेलवे में समाहित किए जाने के लिए कोई आदेश जारी नहीं किए गए है उन्हे जल्द से जल्द रेलवे में समाहित करने के आदेश किए जायं।
- सभी RELHS लाभार्थियों को निश्चित चिकित्सा भत्ता और स्मार्ट कार्ड जारी किया जाय।
- 1.1.2006 से पूर्व सेवानिवृत्त स्टाफ/फैमिली को पेंशन और परिवार पेंशन में समानता प्रदान किया जाय।
- किचन, स्टोर एवं वाचिंग ड्रयूटी आदि में कार्यरत चिकित्सा विभाग के कर्मचारियों के जोखिम भत्ते में संशोधन और रोगी देखभाल भत्ता प्रदान किया जाय।
- दिनांक 1.1.2011 से पूर्व-प्रभाव से स्पेशल ड्यूटी भत्तों की दर को 25 प्रतिशत बढाया जाय।
- उन सभी कर्मचारियों को धुलाई भत्तों का भुगतान किया जाय, जिन्हें यूनिफार्म मिलता है।
- महिला कर्मचारियों को उनके कार्य स्थल पर दिन-प्रतिदिन जरूरत की सुविधायें जैसे कि रेस्ट रूम, लेबोटरीज, लंच रूम आदि की सुविधा मुहैया कराने हेतु अतिरिक्त फंड की व्यवस्था करना।
- रनिंग रूम, टीटीई कं लिए रेस्ट रूम एवं सब-आर्डिनेट रेस्ट हाउस की वर्तमान स्थिति में सुधार तथा मरीज के परिचर के लिए अस्पताल के पास रेस्ट रूम की व्यवस्था किया जाय।
- माननीय रेलमंत्री ने अपने बजट भाषण में जैसा कि आश्वासन दिया था तदनुसार सभी रेलकर्मियों के लिए मकान मुहैया कराया जाय।
- वेतन, यात्रा भत्ता, ओवरटाइम, रात्रिकालीन ड्यूटी भत्ता, राष्ट्रीय अवकाश भत्ता का भुगतान नियमित रूप से किया जाय।
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Source: http://www.nrmu.net/wp-content/uploads/2015/03/Memorandum.pdf
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