Lack of amenities in CGHS and CS(MA) Rules empanelled private hospitals: Govt reply in Rajya Sabha:-
GOVERNMENT OF INDIA
MINISTRY OF HEALTH AND FAMILY WELFARE
RAJYA SABHA
QUESTION NO 3
ANSWERED ON 24.02.2015
Lack of amenities in empanelled private hospitals
*3. DR. VIJAYLAXMI SADHO:
Will the Minister of HEALTH AND FAMILY WELFARE be pleased to state:
(a) whether Government is aware of the fact that in the private hospitals included in the panel of Central Government there are no amenities, arrangements for tests and sufficient number of specialist doctors as on date;
(b) if so, whether Government would re-examine them and make changes in the panel of private hospitals; and
(c) if so, the details thereof?
ANSWER
THE MINISTER OF HEALTH AND FAMILY WELFARE (SHRI JAGAT PRAKASH NADDA)
(a) to (c): A statement is laid on the Table of the House
STATEMENT REFERRED TO IN REPLY TO RAJYA SABHA
STARRED QUESTION NO. 03* FOR 24TH FEBRUARY, 2015
This Ministry empanels hospitals under the Central Government Health Scheme (CGHS) and Central Services (Medical Attendance) Rules.
Whenever complaints about the functioning of these hospitals are received, appropriate action including removal from the panel, is taken against the defaulting hospital.
With a view to provide quality health care services to CGHS beneficiaries, Government has prescribed NABH (National Accreditation Board for Hospitals and Health Care Providers) accreditation and NABL (National Accreditation Board for Laboratories) accreditation for Health Care Organizations (HCOs) empanelled under CGHS.
However, as per the terms and conditions of empanelment, Health Care Organizations which are neither NABH nor NABL accredited are also provisionally empanelled subject to the condition that they are inspected within one year by Quality Council of India (QCI) for compliance with the eligibility criteria as per the terms and conditions of e-tender 2014 and Memorandum of Agreement signed between HCOs and CGHS.
In case of their failure to get themselves inspected and/or recommended by QCI within one year of their empanelment they are liable for removal from CGHS panel and forfeiture of their performance Bank Guarantee. Orders have already been issued for inspection by Quality Council of India.
In future the Non-NABH/Non-NABL, HCOs shall be inspected by CGHS for amenities before they are considered for provisional empanelment.
भारत सरकार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग
राज्य सभा
तारांकित प्रश्न संख्या: *3
24 फरवरी, 2015 को पूछे जाने वाले प्रश्न का उत्तर
पैनल में शामिल गैर-सरकारी अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव
*3. डा॰ विजयलक्ष्मी साधोः
क्या स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे किः
(क) क्या सरकार को इस बात की जानकारी है कि आज की स्थिति के अनुसार, केन्द्रीय सरकार के पैनल में शामिल गैरसरकारी अस्पतालों में सुविधाओं, परीक्षण की सुविधाओं और पर्याप्त विशेषज्ञ चिकित्सकों का अभाव है;
(ख) यदि हां, तो क्या सरकार इनकी पुनः समीक्षा कर गैरसरकारी अस्पतालों के पैनल में बदलाव करेगी; और
(ग) यदि हां, और तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?
उत्तर
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री (श्री जगत प्रकाश नड्डा)
(क): से (ग) विवरण सदन के पटल पर रख दिया गया है।
राज्य सभा में दिनांक 24 फरवरी, 2015 को पूछे जाने वाले तारांकित प्रश्न संख्या 03* के उत्तर में उल्लिखित विवरण
यह मंत्रालय केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सी जी एच एस) और केन्द्रीय सेवा (चिकित्सा परिचर्या) नियमों के अंतर्गत अस्पतालों को पैनलबद्ध करता है।
जब कभी भी इन अस्पतालों के काम-काज के बारे में शिकायत मिलती है, गलती करने वाले अस्पताल के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाती है जिसमें अस्पताल को पैनल से हटाना शामिल है।
केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सी जी एच एस) के लाभार्थियों को गुणवत्तायुक्त स्वास्थ्य परिचर्या प्रदान करने की दृष्टि से सरकार ने सी जी एच एस के अंतर्गत पैनलबद्ध किए गए स्वास्थ्य परिचर्या संगठनों (एच सी ओ) के लिए एन ए बी एच (राष्ट्रीय अस्पताल तथा स्वास्थ्य परिचर्या प्रदायक प्रत्यायन बोर्ड) और एन ए बी एल (राष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड) नियत किए हैं।
तथापि, पैनलबद्धता की शर्तों और निबंधनों के अनुसार न तो एन ए बी एच द्वारा और न ही एन ए बी एल द्वारा प्रत्यायित स्वास्थ्य परिचर्या संगठनों को इस शर्त के अध्यधीन अनंतिम रूप से पैनलबद्ध किया जाता है कि उनका निरीक्षण भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यू सी आई) द्वारा एक वर्ष के अंदर किया जाएगा ताकि ई-निविदा-2014 की शर्तों तथा निबंधनों और स्वास्थ्य परिचर्या संगठनों (एच सी ओ) एवं केन्द्रीय सरकार स्वास्थ्य योजना (सी जी एच एस) के बीच हस्ताक्षरित करार ज्ञापन के अनुसार पात्रता संबंधी मानदंड का अनुपालन किया जा सके।
यदि वे अपनी पैनलबद्धता के एक वर्ष के भीतर अपना निरीक्षण करवाने और/अथवा भारतीय गुणवत्ता परिषद (क्यू सी आई) द्वारा अनुशंसित किए जाने में विफल रहते हैं तो उन्हें सी जी एच एस पैनल से हटाया जा सकता है तथा उनकी निष्पादन बैंक गारंटी जब्त की जा सकती है। भारतीय गुणवत्ता परिषद द्वारा निरीक्षण के लिए आदेश पहले ही जारी किए जा चुके हैं।
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Source Document for download: ENGLISH VERSION HINDI_VERSION
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