Meeting of National Joint Council of Action held on 16.02.2015 and following decisions were taken
1. Protests to be held at each and every District Collector‘s office all across India on 02.03.2015.
2. Massive rallies will be held between 23.03.2015 to 11.04.2015 at every state capital of India and memorandum will be submitted to Governor of every state.
3. March to Parliament will be carried out on 28.04.2015.
Rastriya Sahara News in hindi in this regard:-
केंद्र के कर्मचारियों में भी उबाल
अजय तिवारी/एसएनबी नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 34 लाख कर्मचारी भी सरकार से नाखुश हैं। सोमवार को केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए संघर्ष करने वाले मजदूर संगठनों की ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक हुई जिसमें सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शित करने की तैयारी की गई।
केंद्र सरकार के कर्मचारी 7 वें वेतन आयोग पर सरकार के ठंडे रुख, डीए का वेतन में मर्जर नहीं करने, ठेके पर श्रमिक रखने, निजीकरण और खाली पद नहीं भरे जाने जैसे विषयों पर सरकार से नाखुश चल रहे हैं। नाखुश कर्मचारियों में रक्षा उत्पादन, डाक, आयकर और रेलवे के कर्मचारी भी शामिल हैं। ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक में तय हुआ कि 2 मार्च को पूरे भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए रैली निकालेंगे। इस दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारी कलक्टरों को अपनी मांगों के लिए ज्ञापन सौंपेंगे। कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन यहीं नहीं रुकेगा। वे इसके बाद 25 मार्च से 11 अप्रैल तक राज्यों की राजधानियों में सरकार के खिलाफ राज्यपालों को ज्ञापन देकर विरोध का इजहार करेंगे।
इससे पहले 26 फरवरी को केंद्र सरकार के रिटायर कर्मचारी जेल भरो सत्याग्रह में भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार के रिटायर कर्मचारियों की संख्या लगभग 30 लाख है लेकिन कितने जेल जाने को तैयार होंगे कहना मुश्किल है। जेल भरो सत्याग्रह का कार्यक्रम सारे मजदूर संगठनों ने रखा है। जिसमें कांग्रेस,आरएसएस और वाम सभी के मजदूर संगठन शामिल हैं। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एम राघवैया ने कहा कि मोदी सरकार का रुख आरंभ से ही कर्मचारी विरोधी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक एक भी कदम कर्मचारियों के हित में नहीं उठाया है। वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि ऐसा कम ही होता है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी ही सरकार के विरोध पर उतारू हो जाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस तरह का कदम मजबूरी में उठाना पड़ा है। मिश्रा ने कहा कि हड़ताल भी कर्मचारियों का अधिकार है, जिसे छीनने की कोशिश हो रही है लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस विषय पर 18 फरवरी को र्चचा भी रखी गई है।
केंद्र सरकार के कर्मचारी 7 वें वेतन आयोग पर सरकार के ठंडे रुख, डीए का वेतन में मर्जर नहीं करने, ठेके पर श्रमिक रखने, निजीकरण और खाली पद नहीं भरे जाने जैसे विषयों पर सरकार से नाखुश चल रहे हैं। नाखुश कर्मचारियों में रक्षा उत्पादन, डाक, आयकर और रेलवे के कर्मचारी भी शामिल हैं। ज्वाइंट एक्शन कमेटी की बैठक में तय हुआ कि 2 मार्च को पूरे भारत में केंद्र सरकार के कर्मचारी जिला मुख्यालयों पर सरकार के खिलाफ विरोध जताने के लिए रैली निकालेंगे। इस दौरान केंद्र सरकार के कर्मचारी कलक्टरों को अपनी मांगों के लिए ज्ञापन सौंपेंगे। कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन यहीं नहीं रुकेगा। वे इसके बाद 25 मार्च से 11 अप्रैल तक राज्यों की राजधानियों में सरकार के खिलाफ राज्यपालों को ज्ञापन देकर विरोध का इजहार करेंगे।
इससे पहले 26 फरवरी को केंद्र सरकार के रिटायर कर्मचारी जेल भरो सत्याग्रह में भी शामिल होंगे। केंद्र सरकार के रिटायर कर्मचारियों की संख्या लगभग 30 लाख है लेकिन कितने जेल जाने को तैयार होंगे कहना मुश्किल है। जेल भरो सत्याग्रह का कार्यक्रम सारे मजदूर संगठनों ने रखा है। जिसमें कांग्रेस,आरएसएस और वाम सभी के मजदूर संगठन शामिल हैं। ज्वाइंट एक्शन कमेटी के अध्यक्ष एम राघवैया ने कहा कि मोदी सरकार का रुख आरंभ से ही कर्मचारी विरोधी है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने अभी तक एक भी कदम कर्मचारियों के हित में नहीं उठाया है। वहीं ज्वाइंट एक्शन कमेटी के सचिव शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि ऐसा कम ही होता है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी अपनी ही सरकार के विरोध पर उतारू हो जाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के कर्मचारियों को इस तरह का कदम मजबूरी में उठाना पड़ा है। मिश्रा ने कहा कि हड़ताल भी कर्मचारियों का अधिकार है, जिसे छीनने की कोशिश हो रही है लेकिन ऐसा होने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस विषय पर 18 फरवरी को र्चचा भी रखी गई है।
- 2 मार्च को हर जिले में लगाएंगे सरकार के खिलाफ नारे
- पहले कलक्टर, फिर राज्यपाल को देंगे ज्ञापन
- रिटायर कर्मचारी जेल भरो सत्याग्रह में जाएंगे
- सोमवार को ज्वाइंट एक्शन कमेटी ने की तैयारी
बैंक हड़ताल पर 20 को बैठक
चार दिन 25 से 28 फरवरी तक बैंक हड़ताल पर यूनियन फिर से उतारू हैं। इसे टालने के लिए चीफ लेबर कमिश्नर फिर सक्रिय हैं। उन्होंने यूनियन और इंडियन बैंक एसोसिएशन(आईबीए) को 20 फरवरी को बातचीत के लिए बुलाया है। ऑल इंडिया बैंक आफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष एसएस सिसौदिया ने ‘राष्ट्रीय सहारा’ के पूछने पर कहा कि यूनियन ने अभी भी आईबीए से वेतन वृद्धि के लिए अच्छे प्रस्ताव की उम्मीद नहीं छोड़ी है। उन्होंने कहा कि अगर चीफ लेबर कमिश्नर के यहां से ऐसा प्रस्ताव नहीं मिला तो चार दिन बैंकों का कामकाज ठप रहेगा। सिसौदिया ने कहा कि अगर सरकार के रवैये में सुधार नहीं आया तो 16 मार्च से बैंकों में अनिश्चितकालीन हड़ताल भी होगी।
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